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Monday, July 13, 2015

नौकरी और शादी का धोखा देकर नगदी गहने हडपने वाला गिरोह पकडाया

Toc News @ Indore

इंदौर - खण्डवा का एक परिवार अपनी लडकी व 4 चार साल के बच्चे को ढूंढते-ढूंढते इंदौर आकर मदद के लिए पुलिस उप महानिरीक्षक इंदौर शहर इंदौर श्री संतोष कुमार सिंह से मिला। मामले में गुम इन्सान की पतारसी की जबाबदारी वी केयर फॉर यू को दी गई।

गुमशुदा के इंदौर में सम्पर्क स्थानों पर पतारसी प्रारम्भ की गई इसी कडी में प्रशांत श्रीवास्तव के संबंध में जानकारी हासिल करने पर चौकाने वाले तथ्य सामने आये। तब क्राईम ब्रांच की एक यूनिट को वी केयर फॉर यू के साथ मामले का पर्दाफाश करने हेतु लगाया गया। टीम के द्वारा प्रशांत श्रीवास्तव उर्फ राजेश भागवान पिता प्रेमं सिंह उम्र 30 साल हाल नि. पाटनी प्रिंस सिटी म.न. 152 इंदौर से पूछताछ करने पर उसने स्वीकार किया कि गत आठ वर्षो से विभिन्न समाचार पत्रों में ''रोशनी कम्पनी को चाहिए हर शहर मे ट्रेंड अनटे्रंड लडकी व लडकिया जॉब करके अच्छा कमायें '' विज्ञापन देकर लोगों को नौकरी का झांसा देकर रजिस्टे्रशन के नाम पर 3,000 रू तक के बैंक अकाउंट में डलवाकर अपने दोस्त अजय पटेल को कम्पनी कामालिक बताकर साक्षात्कार लेकर अन्य फण्ड के लिए आवश्यकता बताकर अतिरिक्त राशि बसूल कर धोखाधडी करता रहा है।

     ऐसी ही एक शिकायत की जानकारी वी केयर फॉर यू में कुछ दिन पूर्र्व प्राप्त हुई थी जिसकी जॉच में प्रशांत श्रीवास्तव द्वारा धोखाधडी करना स्वीकार किया गया इस संबंध में थाना बाणगंगा में प्रकरण पंजीबद्ध किया गया। घर की तलाशी में कबीर फाउंडेशन मार्केंटिंग प्रायवेट लिमिटेड जगदलपुर, कबीर इंटरप्रायजेज सीहोर एवं दर्जनों पहचान पत्र मिले है। ऐसा ही विज्ञापन देखकर क़ल्पना (काल्पनिक) ने 3,000 रू की राशि बैंक अकाउंट में जमा किये तथा जबलपुर में साक्षात्कार कराकर कुछ दिन बाद नौकरी के संबंध में सूचित करना बताया।

     6 जुलाई 2015 को मोबाइल फोन से देवास की एक कम्पनी में नौकरी लगने की सूचना मिलने पर महिला अपने बच्चे के साथ इंदौर आई तब प्रशांत ने कल्पना को कम्पनी के मालिक अजय पटेल सपरिवार जयपुर विवाह समारोह में शामिल होने व नौकरी की कुछ औपचारिकतायें पूर्ण होने तक कम्पनी द्वारा दिये गये मकान में ठहरने लिए भेज दिया। देवास के दिये पते पर पुलिस के द्वारा छानबीन करने पर कल्पना वहॉ अपने बच्चे के साथ मिली।

      प्रशांत एवं अजय केविषय में पता करने पर उनका एक और चेहरा सामने आया जिसमें वे अपनी पत्नियों अर्चना एवं सिमरन के साथ मिलकर मैरिज ब्यूरों चलाना पाया गया। ये समाचार पत्रों के माध्यमों से अपनी पत्नियों के हुलिये से शादी का विज्ञापन द्वारा भोले भाले परिवारों में शादी कराते थे एवं रस्म अदागयी के पश्चात्‌ आंटी (देवास में रहने वाली) को मॉ बनाकर भेजकर दुल्हन को जेबरात और नगदी के साथ रफूचक्कर हो जाते थे। अपराध करने के पश्चात्‌ से सभी अपने मोबाइल नम्बर व मकान बदल लेते थे।

ये देवास के रहने वाला जितेंद्र पिता हरपाल सिंह भूटानी से प्रीएक्टिवेटेड सिम लेकर वारदात में इस्तेमाल करना स्वीकार किया है। पूछताछ में जयपुर, राजगढ, उज्जैन, बडवाह, कई जगह इस प्रकार से शादी कर गहने व राशि हडपने की वारदात स्वीकार की है। बदमाश प्रशांत श्रीवास्तव के इंदौर, उज्जैन, राजगढ, एवं सीहोर में पूर्व में अपराध पंजीबद्ध है एवं अजय 2011 से सीहोर जिले के अपराध में स्थाई वारंटी है।

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