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Saturday, July 25, 2015

चावल घोटाले में मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह और उनके परिवार पर सवाल खड़े

Toc News
रायपुर. छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित जिस चावल घोटाले में मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह और उनके परिवार पर सवाल खड़े कर दिए हैं. हम आपको बताते हैं आखिर क्या है यह छत्तीसगढ़ का चावल घोटाला. कौन-कौन लोग इस चावल घोटाले में शामिल हैं और कैसे गरीबों को देने वाले 1 रुपए किलो चावल में बड़े पैमाने पर सालों से हेराफेरी हो रही थी. आज उस सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस सिस्टम) की सच्चाई भी आपको बताएंगे जिसको लेकर राज्य सरकार ने अपनी पीठ थपथपाई थी. छत्तीसगढ़ के इस घोटाले में चपरासी से लेकर मुख्यमंत्री और उनके परिवार तक का नाम सामने आ रहा है.

क्या है उस कथित डायरी का राज जिसके सामने आने के बाद बीजेपी के एक और मुख्यमंत्री सवालों के घेरे में आ गए हैं.  और ये भी बताएँगे की क्यों उठ रहे हैं इस घोटाले को उजागर करने वाली एजेंसी एंटी करप्सन के ऊपर सवाल.
घोटाला समझाने ने से पहले आपको बता दें की चावल कैसे बनता है और कैसे जनता तक पहुँचता है. सरकार द्वारा घोषित मिनिमम सपोर्ट प्राइस पर सरकारी एजेंसी मार्केटिंग फेडरेशन किसानों से धान खरीदती है.  ये धान फिर मिलर मार्केटिंग फेडरेशन से लेता है प्रोसेस करने के लिए यानि चावल बनाने के लिए.
इसके काम के लिए मिलर को सरकार से 20 रुपये प्रति क्विंटल मिलता है. मिलर चावल बनाकर नान या एफसी आय को देता है.

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