Pages

click new

Wednesday, August 19, 2015

पाँचवीं-आठवीं बोर्ड परीक्षा को फिर शुरू करने पर सहमति बनी

Toc news @ bhopal
सीबीएसई स्कूलों पर प्रशासकीय नियंत्रण राज्य का हो
सेन्ट्रल एडवाइजरी बोर्ड ऑफ एजुकेशन की बैठक में मंत्री श्री पारस जैन

भोपाल : बुधवार, अगस्त 19, 2015
सेन्ट्रल एडवाइजरी बोर्ड ऑफ एजुकेशन की नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आज हुई बैठक में पाँचवीं और आठवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं को पुन: आयोजित करने पर सभी राज्यों की सहमति बन गई है। केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी की अध्यक्षता में हुई बैठक में मध्यप्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री श्री पारस जैन ने भाग लिया।

मध्यप्रदेश पहले से ही पाँचवीं और आठवीं बोर्ड परीक्षाओं को पुन: शुरू करवाने की मांग केन्द्र सरकार से करता आया है। मध्यप्रदेश ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 लागू होने के बाद विद्यार्थियों के शैक्षिक स्तर में आ रही गिरावट को देखते हुए पाँचवीं एवं आठवीं बोर्ड परीक्षा के प्रतिबंध पर पुन: समीक्षा की आवश्यकता बतायी थी। स्कूल शिक्षा मंत्री श्री पारस जैन ने विगत वर्ष नई दिल्ली एवं भोपाल में केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री से भेंटकर पाँचवीं एवं आठवीं बोर्ड परीक्षा पुन: करवाने संबंधी मध्यप्रदेश के सुझावों से अवगत करवाया था। श्री जैन ने इस बारे में ज्ञापन भी सौंपा था। सेन्ट्रल एडवाइजरी बोर्ड की बैठक में आम सहमति बनने के बाद सभी राज्य से बोर्ड परीक्षाएँ पुन: आयोजित करवाने पर लिखित में स्वीकृति लेकर इसे अगले सत्र से लागू किया जायेगा।

श्री पारस जैन ने बैठक में कहा कि अधिनियम के अनुसार कक्षा आठवीं तक किसी भी विद्यार्थी को अनुत्तीर्ण अथवा निष्कासित न करने से उनके अकादमिक स्तर में लगातार गिरावट आ रही है। इस कारण शिक्षकों की शैक्षणिक गुणवत्ता का आकलन भी नहीं हो पा रहा है। श्री जैन ने नामांकन के अनुरूप विद्यालय में शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने की व्यवस्था की समीक्षा को जरूरी बताया। प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालय में प्रत्येक कक्षा के लिये न्यूनतम एक शिक्षक तथा अलग-अलग कक्ष के प्रावधान को आवश्यक बताया। उन्होंने कहा कि केन्द्र की मंशा के अनुरूप आस-पास की सीमा में विद्यालय की उपलब्धता सुनिश्चित करने में मध्यप्रदेश ने शत-प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त किया है। निर्धारित सीमा में प्राथमिक विद्यालय खुलने के स्थान पर विद्यालयों को सर्वसुविधायुक्त बनाया जाये। प्राथमिक विद्यालयों को युक्तियुक्तकरण द्वारा सम्बद्ध कर अतिरिक्त दूरी तय करने के लिये बच्चों को यात्रा सुविधा दी जाये।

मंत्री श्री जैन ने सीबीएसई विद्यालयों का प्रशासकीय नियंत्रण राज्य को सौंपे जाने की आवश्यकता बताते हुए कहा कि निजी विद्यालय में बड़ी संख्या में शिक्षक बी.एड. अर्हता प्राप्त नहीं हैं। इसलिये वांछित योग्यता प्राप्त करने की अवधि को एक अप्रैल 2015 से 4 वर्ष बढ़ाया जाये। अनुकम्पा नियुक्ति में भी बी.एड./डी.एड. पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिये सेवा में लेने के बाद 5 साल का समय दिया जाये। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान को व्यापक बनाने के लिये हाई स्कूल के साथ नये हायर सेकेण्डरी स्कूलों की स्वीकृति मिलनी चाहिये। नये स्कूल कहाँ खोले जायें, इसका अधिकार राज्य को दिया जाये। शैक्षणिक दृष्टि से पिछड़े विकासखंडों में शुरू की गई मॉडल विद्यालय योजना को फिर से प्रारंभ करने पर केन्द्र विचार करे। उन्होंने स्कूलों के लिये प्रयोगशाला, खेल-कूद सुविधाएँ और बाउण्ड्री वाल आदि के लिये राशि देने की बात भी कही।

श्री पारस जैन सब कमेटी में

श्रीमती स्मृति ईरानी ने मध्यप्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री श्री पारस जैन को सेन्ट्रल एडवाइजरी बोर्ड
ऑफ एजुकेशन में गठित सब कमेटी 'डिवाइस पाथ-वे फॉर रि-एंगेजिंग आउट ऑफ स्कूल चिल्ड्रन' में सदस्य नियुक्त किया है।

No comments:

Post a Comment