Pages

click new

Tuesday, September 1, 2015

इंदौर में जघन्य हत्याकांड , महिला के 6 टुकड़े कर नाले में फेंका शव



इंदौर। तीन इमली पुलिया के नीचे टुकड़ों में मिली महिला की लाश के मामले में पुलिस ने पड़ताल शुरू कर दी है। भंवरकुआं टीआई राजेंद्र सोनी ने बताया कि हत्या कहीं ओर कर लाश पुलिया के नीचे ठिकाने लगाई गई है। पुल से ही उसे फेंका गया है। हत्या के ढंग से लग रहा है कि उसमें दो या दो से अधिक लोग शामिल होंगे।
घटनाक्रम की शुरुआत कनाड़िया इलाके से हुई। इसलिए कनाड़िया टीआई संजय चतुर्वेदी भी अस्पताल पहुंचे। अब दोनों थानों की पुलिस हत्या की गुत्थी सुलझा रही है। विस्तृत पीएम रिपोर्ट के बाद ही पता चल पाएगा कि हत्या किस तरह की गई है।
बोरे में मिली लाश पूरी तरह नग्न थी। पीएम के पहले महिला के कटे अंगों को जोड़ा गया। पति संजय ने बताया कि कविता ने सोने की बाली, नाक का काटा, मंगलसूत्र, अंगूठी, पायजेब और बिछुड़ी पहनी थी। एक बिछुड़ी बोरी में मिली, बाकी गहने गायब हैं। एक्टिवा भी नहीं मिली।
पहले मिली झुलसी लाश की खबर
दवा कंपनी के एरिया मैनेजर संजय रैना की पत्नी 24 अगस्त से लापता थी। उसने कनाड़िया थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई थी। संजय को पता चला कि देवास जिले के कैलोद टिगरिया मार्ग पर सुबह एक महिला की झुलसी लाश मिली है, तो वह शिनाख्त के लिए वहां पहुंचा। वह पीली साड़ी देख पत्नी समझा।
तभी उसे कनाड़िया थाने से सूचना मिली कि तीन इमली पुलिया के नीचे भी एक महिला की लाश मिली है। उसके हाथ पर कविता ॐ साईं राम लिखा है। इस पर वह तत्काल एमवाय अस्पताल पहुंचा। यहां आकर उसने चेहरा और हाथ पर गुदा नाम देखा तो बेसुध हो गया। उसने लाश की शिनाख्त 30 वर्षीय पत्नी कविता के रूप में की।
11 साल पहले हुआ था विवाह
संजय मूलत: बड़नगर का रहने वाला है, जबकि कविता बड़नगर के पास केलावदा गांव की। उनका विवाह 17 अप्रैल 2004 को हुआ था। पांच साल से वे मित्रबंधु नगर में रह रहे हैं। संजय का यहां खुद का मकान है। उसके पिता राजस्व विभाग में भृत्य थे। उनका निधन हो चुका है।
इन सवालों का जवाब तलाश रही पुलिस
- पति का कहना है कि उसकी और उसके परिवार की किसी से दुश्मनी नहीं है। बावजूद कविता की नृशंस हत्या करना एक बड़ी दुश्मनी की ओर इशारा कर रहा है।
- कविता के साथ दुष्कर्म तो नहीं हुआ?
- हत्या धारदार हथियार से की गई। फिर उसके शरीर को निर्ममता से काटा गया। इतनी नफरत कौन कर सकता है और क्यों?
- दिनदहाड़े अपहरण नहीं हो सकता। महिला के साथ जबर्दस्ती होती तो दुकान वाले, राहगीर इसकी सूचना देते। हत्यारे परिचित ही होंगे।
- पुलिस मोबाइल की कॉल डिटेल खंगालेगी।
- प्राथमिक जांच में यही सामने आ रहा है कि हत्या लूट के इरादे से नहीं की गई है। उसके गहने और कपड़े इसलिए निकाले गए ताकि शिनाख्त न हो सके। पुलिस अवैध संबंध, प्रॉपर्टी सहित अन्य बिंदुओं पर जांच कर रही है।
- फुटेज में महिला का पता नहीं चल रहा है। एक वैन के पास बाइक पर दो लड़के जा रहे हैं।
- दुष्कर्म के उद्देश्य की आशंका भी काफी क्षीण है।
- बड़ों की बजाय बच्चे का अपहरण आसानी से हो सकता है और उसका प्रभाव भी परिवार पर ज्यादा पड़ता है। इसलिए यह उद्देश्य भी कम ही प्रतीत होता है।
- अपहरण पर पुलिस को शक कम है। दरअसल भीड़ वाले इलाके से 10 मिनट मंे अपहरण होना हैरानी वाली बात है। अपहरण के पीछे कोई मकसद होता है। अपहरणकर्ता का परिजन के पास न तो कोई फोन आया और न ही फिरौती मांगी गई।
अर्थी रखकर चक्काजाम
शाम को पीएम के बाद शव परिजन को सौंपा गया। अंतिम संस्कार के लिए अर्थी लेकर निकले संजय, उनके परिजन व समाजजन बंगाली चौराहे पर पहुंचे। उन्होंने सड़क पर अर्थी रख मानव श्रृंखला बनाई और चक्काजाम किया। करीब डेढ़ हजार लोग इसमें शामिल थे। रिंग रोड की ओर से आने वाला ट्रैफिक करीब एक किमी तक थमा रहा। सभी ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।
पुलिस बल ने जाम हटाने की बात कही तो कुमावत सामाजिक संगठन के पदाधिकारी राहुल अड़ गए। उन्हांेने कहा कि डीआईजी आकर तीन दिन में हत्यारों की गिरफ्तारी का आश्वासन देंगे तभी हटेंगे। करीब आधे घंटे तक लोग जमे रहे। एएसपी बिट्टू सहगल और पार्षद प्रणव मंडल ने परिजन व समाजजन को आश्वासन दिया, तब जाकर वे माने।
मारुति वैन से किया कविता का अपहरण!
कविता के चचेरे देवर कपिल ने बताया कि कनाड़िया रोड से मित्रबंधु नगर को जोड़ने वाली सड़क के कोने पर एक इलेक्ट्रॉनिक्स दुकान पर सीसीटीवी कैमरा लगा था। 24 अगस्त दोपहर 1.20 से 2 बजे तक के सीसीटीवी फुटेज देखे। 1.20 बजे दो बाइक पर दो युवक आते हैं और सड़क के आमने-सामने खड़े होते हैं। फिर एक लोडिंग वैन (बिना कांच की) मित्रबंधु नगर में आती है। युवक एक बाइक को सड़क किनारे खड़ी करते हैं और दूसरी पर दोनों वैन के पीछे जाते हैं।
थोड़ी देर बाद मित्रबंधु नगर से सफेद एक्टिवा आती है, जिस पर दो युवक बैठे हैं। यह एक्टिवा कविता की हो सकती है, लेकिन कैमरे की दूरी अधिक होने से नंबर नहीं दिखाई दे रहे हैं। एक्टिवा के ठीक पीछे वही मारुति वैन निकलती है और उनके पीछे बाइक वाले निकलते हैं। करीब आधे घंटे तक इस रोड पर कोई और सफेद एक्टिवा नहीं निकली।
आधे घंटे बाद कनाड़िया रोड से वही बाइक सवार आते हैं और सड़क किनारे खड़ी की गई अपनी पहले वाली बाइक को ले जाते हैं। परिवार वालों को शंका है कि इसी मारुति वैन में कविता का अपहरण किया गया है। पुलिस भी फुटेज के आधार पर आरोपियों को तलाश रही है। कपिल ने बताया कि कविता के लापता होने के आधे घंटे बाद हंगामा हुआ। लोगों ने संजय को फोन लगाया। वह कनाड़िया इलाके में ही फील्ड वर्क कर रहा था, इसलिए तुरंत घर पहुंच गया।
अलग-अलग टीमें बनाईं
हम हर बिंदु पर तलाश कर रहे हैं। इस केस को सुलझाने के लिए अलग-अलग टीमें लगाई गई हैं। जल्द ही ट्रेस कर लिया जाएगा। -संतोष कुमार सिंह, डीआईजी

No comments:

Post a Comment