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Thursday, October 1, 2015

फर्जी अखबारों पर गिर सकती है आरएनआई की गाज!

(रश्मि सिन्हा)
नई दिल्ली (साई)। एक्छिक अखबारों पर भारत के समाचार पंत्रों के पंजीयक (आरएनआई) की गाज जल्द ही गिर सकती हैै। आरएनआई के द्वारा इस तरह के अखबारों की सूची तैयार की जा रही है जो समाचार पत्र नियतकाल में प्रकाशित नहीं हो रहे हैं और जिन अखबारों के द्वारा आरएनआई के नियमों के हिसाब से वार्षिक विवरणी जमा नहीं करवाई जा रही है।

आरएनआई कार्यालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि आरएनआई के रजिस्टार के द्वारा गत दिवस एक बैठक लेकर इस तरह के अखबारों की सूची तैयार करने के निर्देश जारी किए हैं जिन अखबारों के द्वारा वार्षिक विवरणी समय से दाखिल नहीं की है।

सूत्रों ने बताया कि भारत के समाचार पत्रों के पंजीयक के द्वारा अब यह मन बना लिया गया है कि उन अखबारों का पंजीयन भी निरस्त किया जाकर डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को इसकी सूचना दी जाएगी जो अखबार आरएनआई में पंजीकृत तो हैं पर उनका प्रकाशन नियमित नहीं है।

आरएनआई के सूत्रों ने बताया कि एक अधिकारी के द्वारा चुटकी लेते हुए यह कहा गया कि समाचार पत्रों का नियतकाल दैनिक,साप्ताहिक, पाक्षिक, मासिक, त्रैमासिक, छःमाही, वार्षिक, द्विवार्षिक तो है पर अनेक समाचार पत्र इच्छा के अनुसार ही निकल रहे हैं जिन्हें‘एक्छिक‘ की संज्ञा दी जा सकती है।

सूत्रों का कहना है कि अखबार या मेग्जीन का नियतकाल जो भी हो उसे हर हाल में वार्षिक विवरणी जमा कराना अनिवार्य है। इसके अलावा दैनिक अखबारों को ‘डेली प्रेस स्टेटमेंट‘ भी जमा कराया जाना होता है। जिन समाचार पत्रों के द्वारा इन नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है उनका पंजीयन निरस्त करने की कार्यवाही जल्द ही आरंभ हो जाएगी।

सूत्रों ने कहा कि रजिस्टार ने आदेश दिया है कि सप्ताह में तीन दिन इस तरह के अखबारों की छटनी प्रदेश के मुताबिक की जाए और उनके पंजीयन निरस्त कर दिए जाएं।

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