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Sunday, November 15, 2015

प्रदेश में रेत की पेनाल्टी पर होता खेल

अवधेश पुरोहित
भोपाल। मध्यप्रदेश की सत्ता पर जबसे मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान काबिज हुए हैं और ज्यों-ज्यों उनका शासन परवान चढ़ा वैसे-वैसे उनके विधानसभा क्षेत्र बुधनी से प्रारंभ हुआ अवैध कारोबार ने पूरे प्रदेश में अपना साम्राज्य स्थापित कर लिया है, स्थिति यह है कि रेत माफिया की एक पूरे राज्य में समानांतर व्यवस्था चल रही है जिसके चलते वह जो चाहते हैं वह होता है, अधिकारियों की भी जुर्रत नहीं कि वह उनके खिलाफ जबान खोल सके और जो जबान खोलता है उसकी जबान बंद कर दी जाती है, रेत माफियाओं और प्रशासन के अधिकारियों के साथ आयेदिन मारपीट की घटनाएं इस शासन में आम बात हैं।

 रेत के अवैध कारोबारियों की मिलीभगत का यह आलम है कि प्रशासनिक अधिकारी इन कारोबारियों के खिलाफ जुर्माने की बड़ी-बड़ी खबरें छपवाते हैं लेकिन बाद में लक्ष्मी दर्शन के चलते उन पर लगाया गया जुर्माने की राशि भी कम कर दी जाती है। यूँ तो इस तरह का कारोबार पूरे प्रदेश में जारी है लेकिन इस तरह के बुंदेलखण्ड के पन्ना जिले के एक मामले में हाईकोर्ट ने जिले के कलेक्टर और माइनिंग अधिकारियों से पूछा कि कैसे लौटाई की हुई रेत और जुर्माना कम क्यों?

यह मामला अकेला पन्ना का नहीं इस तरह का कारोबार पूरे प्रदेश में चल रहा है मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने अजयगढ़ पन्ना में अवैध रूप से भंडारित रेत राजसात किए जाने के बाद आरोपी  को लौटाए जाने और जुर्माना राशि सात करोड़ से घटाकर महज डेढ़ करोड़ कर दिए जाने के मामले में माइनिंग विभाग व कलेक्टर को नेाटिस जारी कर जवाब-तलब कर लिया है। याचिकाकर्ता अजयगढ़ पन्ना निवासी भारत मिलन पाण्डेय की ओर से दलील दी कि २०१२ में भारी मात्रा में अवैध रूप से भंडारित रेत पकड़ी गई थी।

 ठेकेदार के खिलाफ सात करोड़ का जुर्माना लगाया गया। न जाने क्या हुआ कि एसडीएम ने जुर्माना राशि कम करके मात्र डेढ़ करोड़ रुपए कर दी। यह मामला अकेला पन्ना जिले का ही नहीं बल्कि पूरे मध्यप्रदेश में प्रतिदिन समाचार पत्रों में भारी भरकम जुर्माने की खबरें छपवाकर एक ओर शासन और प्रशासन जनता को यह दिखाने का प्रयास करता है कि वह रेत के अवैध कारोबारियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही कर रही है तो वहीं कुछ दिनेां बाद लक्ष्मी दर्शन के चलते शासन और प्रशासन में बैठे लोग रेत माफियाओं पर लगाई गई जुर्माने की राशि को कम करत देते हैं और यही नहीं उनसे राजसात की गई रेत भी उन्हें वापिस लौटा देते हैं, इस तरह का खेल पूरे राज्य में धड़ल्ले से चल रहा है।    

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