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Friday, January 1, 2016

सिवनी पुलिस ने पत्रकार लिमटी खरे और शरद खरे पर की दुर्भावाना से कार्यवाही

Toc news
सिवनी.  31 दिसंबर और 1 जनवरी की दर्मयानी रात समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया और दैनिक हिन्‍द गजट के संपादक लिमटी खरे और शरद खरे अपने सहयोगी सादिक खान के साथ जब घर लौट रहे थे तब कोतवाली पुलिस और यातायात पुलिस ने रोककर की बदसूलकी। एसडीओपी राजेश तिवारी ने दिए मुलाहजा के आदेश। तीन में से दो लोगों पर टूटा पुलिस का नजला। पुलिस के पास नहीं थे मुलाहजा फार्म। जबरन अपराधियों की तरह दो संपादकों को यातायात पुलिस की गाडी में ले जाया गया कोतवाली। बाद में मुलाहजे के दौरान संपादकों ने की ब्‍लड टेस्‍ट कराने की मांग। चिकित्‍सक ने बिना रक्‍त परीक्षण के ही लिख दिया नशे में हैं दोनों संपादक। बिना किसी कार्यवाही बिना किसी जगह हस्‍ताक्षर लिए पुलिस ने देर रात परेशान कर छोडा संपादकों को।

दोनों संपादकों ने की इस मामले की न्‍यायिक जांच की मांग। लगातार पुलिस की नाकामियों पर से पर्दा हटाया जा रहा था दैनिक हिन्‍द गजट और समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया द्वारा।

मामले की भारतीय प्रेस परिषद को भेजी गई शिकायत।

मामले की जानकारी दी गई गृह सचिव श्रीमति सीमा शर्मा को।

पुलिस कर रही बदले की कार्यवाही। पुलिस अधीक्षक अतिरि‍क्‍त पुलिस अधीक्षक का हो चुका है स्‍थानांतरण।

एसडीओपी राजेश तिवारी के कार्यकाल में कोतवाली पर भीड का हो जाता है कब्‍जा। इसके पहले कभी इस तरह का वाक्‍या नहीं आता रहा है पेश। पुलिस या कानून का भय हो गया है लोगों में समाप्‍त। सभ्‍य समाज को परेशान करती नजर आ रही है पुलिस। मीडिया के खिलाफ भी हाे रही है पुलिस बर्बर।

यातयात पुलिस के पास नहीं है ब्रीथ एनलाईजर। इसके पहले बना था दैनिक हिन्‍द गजट के वाहन का चालान। 25 दिसंबर को पांच सौ रूपए देने के बाद भी नहीं बनाया था यातायात पुलिस ने चालाना। बार बार दैनि‍क हिन्‍द गजट और समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के खिलाफ पुलिस कर रही जबरन कार्यवाही।

आज के बाद पुलिस दुर्भावना के चलते कर सकती है दोनाें संपादकों के खिलाफ दुर्भावना से केस दर्ज।

सिवनी के सांसद, विधायक, स्‍वयंभू नेता, पत्रकार संगठन डरते हैं एसडीओपी राजेश तिवारी से। किसी की नहीं खुलती पुलिस के खिलाफ जुबान।

पत्रकार साथी लिमटी खरे जी का न.
+919425011234

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