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Friday, March 11, 2016

जिला कारागार में छापे के दौरान बंदियों के पास से मिले 80 मोबाइल फोन

Present by - toc news
बैरकों की तलाशी के दौरान लावारिश हालत में मिले मोबाइल की जांच शुरु
विरोध में कैदियों ने किया भूख हड़ताल, जिला प्रशासन एलर्ट
पूर्व की घटनाओं में भी हो कैदियों ने जेल पर कर लिया था कब्जा
रिपोर्ट : हसनैन कमर दीपू
जौनपुर (एसएनबी)। जिला कारागार में गुरुवार की देर रात अधीक्षक शैलेंद्र मित्र के नेतृत्व में सभी बैरकों में अचानक छापेमारी कर जेल में बंद कैदियों की तलाशी ली गयी तो अफरा तफरी मच गयी। मौके से जेल अधिकारियों ने एक दर्जन से अधिक मोबाइल व सिम बरामद करने का दावा किया है हालांकि सूत्रों की मानें तो जेल के अंदर करीब 70 से अधिक मोबाइल काम कर रहे थे। इस बारे में जेल अधीक्षक से जब बात की गयी तो उन्होंने इस बात को स्वीकारा कि एक बंदी के पास से मोबाइल बरामद हुआ है और उसके विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है। वहीं करीब एक दर्जन मोबाइल जेल के अंदर लावारिश पड़े हुए मिले है जिसकी जांच की जा रही है। उधर इस छापेमारी से नाराज होकर जेल में बंद कैदियों ने भूख हड़ताल शुरु कर दी जिससे जिला प्रशासन में हड़कम्प मच गया।
गुरुवार की रात्रि करीब साढ़े 11 बजे जेल अधीक्षक शैलेंद्र मित्र अपनी टीम के साथ अचानक सभी बैरकों में पहुंचकर सो रहे कैदियों को उठाकर तलाशी लेना शुरु कर दिया तो पूरे बैरक में हड़कम्प मच गया। तलाशी का शुक्रवार की सुबह पाँच बजे तक चला। आनन-फानन में जिन-जिन कैदियों के पास मोबाइल मौजूद था वे इधर उधर फेंकने लगे। सूत्रों की मानें तो जेल के अंदर करीब 70 से अधिक मोबाइल काम कर रहे थे हालांकि जेल प्रशासन ने 12 मोबाइल बरामद होने की बात स्वीकारी है जिसमें से एक बंदी के पास से बरामद हुआ है। इसके पूर्व भी जौनपुर जेल सुर्खियों में रह चुका है। कैदियों व बंदीरक्षकों के बीच हुई मारपीट के चलते एक बंदीरक्षक व एक कैदी की मौत भी हो चुकी है और कुछ महीना पूर्व 48 घंटे तक जेल पर कैदियों का कब्जा रहा है जिनसे निबटने के लिए जिला प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। ऐसे हालात में इतनी संख्या में मोबाइल जेल के अंदर कैसे पहुंच रहे है ये चिंता का विषय है। गौरतलब है कि इस जेल के अंदर श्रमजीवी बम विस्फोट के आरोपी ओबैदुर्रहमान सहित कई गंभीर धाराओं में बंद अपराधी मौजूद है। ऐसे हालात में जेल के अंदर से मोबाइल का संचालित होना कहीं न कहीं जेल प्रशासन से मिली भगत का प्रमाण मिलता है। फिलहाल पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिये गये है और एक बंदी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की तैयारी भी की जा रही है। उधर कैदियों ने न तो सुबह नाश्ता किया और न ही दोपहर व रात का खाना खाया हालांकि जेल अधीक्षक का कहना हैं कि कुछ बंदियों ने भोजन कर लिया था और पूरे मामले में नजर बनाये हुए है।

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