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Tuesday, April 12, 2016

भाजपा ने वोट की खातिर अम्बेडकर का थामा दामन

भोपाल @ toc news
अवधेश पुरोहित। भारतीय जनसंघ की स्थापना से लेकर भाजपा के वर्तमान नेतृत्व की नीतियों को देखकर तो यही बात साफ होती है कि भाजपा के नेता वोट के लिए कुछ भी कर सकते हैं फिर चाहे उन्हें अपनी ही पार्टी के संस्थापक और वरिष्ठ नेताओं को किनारे क्यों न करना पड़े। अभी तक भाजपा के नेता कभी दीनदयाल तो कभी श्यामाप्रसाद मुखर्जी के नामों को लेकर उनकी नीतियों का बखान कर अपने आपको अन्य पार्टियों से अलग मानने का दावा किया करते थे, लेकिन अब ऐसा लगता है कि भाजपा का वर्तमान नेतृत्व अब दीनदयाल और श्यामाप्रसाद मुखर्जी का नहीं बल्कि डॉ. भीमराव अम्बेडकर का दामन थामने जा रही है,

सत्ता की भूख और उस पर काबिज होने की खातिर ऐसा लगता है तो आने वाले दिनों में यदि जरूरत पड़ी तो कांग्रेस के नेताओं जिनमें जवाहरलाल नेहरु या इंदिरा गांधी का भी दामन थाम सकते हैं, इसके संकेत भी पिछले दिनों रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने स्वर्गीय इंदिरा गांधी की नीतियों की तारीफ करते हुए दे दिये हैं। लोकतंत्र में वोट का महत्व क्या होता है यह भारतीय जनता पार्टी की समझ में आ रहा है तभी तो इस वोट की खातिर अपनी हर नीतियों में परिवर्तन करने में इस पार्टी के नेता लगे हुए हैं, तभी तो भाजपा के प्रदेश संगठन मंत्री नंदकुमार सिंह चौहान अब यह कहने लगे हैं कि कांग्रेसियों ने डॉ. अम्बेकर की अनदेखी की है, पता नहीं नंदकुमार चौहान का इस तरह का कथन से यह बात साफ हो जाताी है कि अब भाजपा वोट की खातिर अम्बेडकर का दामन थामने जा रही है। 

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