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Saturday, April 16, 2016

जंगल में नही बेचने जाएंगे गेहूं, केंद्र यथावत रखने की मांग

Toc news
👉सहकारी समिति बरगी केंद्र का मामला
सिहोरा- गुरूवार की शाम बरगी और आसपास के ग्राम के किसानों ने गेंहूँ खरीदी केंद्र को यथावत रखने के लिये सहकारी समिति बरगी में एकत्र हुए जिसमे किसानो ने मांग करते हुए बताया की बरगी खरीदी केंद्र का मध्य में गाँव पड़ता है जिससे आसपास के सभी किसानो को सहूलियत होती है।जबकि किसानो ने यह भी बताया की यदि केंद्र धनगवां जायेगा तो वहां पर सुरक्षा व्यस्था सही नही रहेगी क्योंकि जिस जगह पर केंद्र बनाने चर्चा हो रही है वह गाँव से काफी दूर है और जंगल से लगा हुआ है जिससे चोरी जैसी बारदात बढ़ेंगी।शुरू से ही बरगी केंद्र रहा है और अभी तक सुचारू ढंग से खरीदी का कार्य चल रहा था लेकिन अचानक ही खरीदी केंद्र को बदले जाने की चर्चाओं से किसान अचरज में हैं।
👉केंद्र बदले जाने को लेकर भ्रमित कर रहे किसानो को
          ज्ञात हो की शासन के निर्देशानुसार एक अप्रैल से गेंहूँ खरीदी का काम शुरू होना था लेकिन बरगी खरीदी केंद्र में अभी तक यह ही सुनिश्चित नही हो पाया है की खरीदी कहाँ की जायेगी । जबकि कुछ किसान पहले से चल रहे खरीदी केंद्र में फसल काटने के बाद गेंहूँ की फसल बेचने बरगी ले आये हैं और इन किसानो का आनाज खुले में ही पड़ा हुआ है जबकि केंद्र को लेकर किसानो को अलग अलग खरीदी केंद्र होने की जानकारी देकर भ्रमित भी किया जा रहा है। जहाँ एक तरफ मौसम का बदलता मिजाज भी लोगों की चिंता बना हुआ है और अभी केंद्र निश्चित नही हो पाया है।
👉तहसील के आखिरी में पड़ेगा नया खरीदी केंद्र
   केंद्र में उपस्थित इंद्रकुमार मिश्रा , जगन्नाथ मिश्रा, घनश्याम यादव, सन्तोष मिश्रा, लालू विश्वकर्मा ,राजू रजक, अशोक मिश्रा ,परषोत्तम पटेल विवेक मिश्रा, मूलचन्द मिश्रा आदि किसानो ने बताया की शुरुआत से अभी तक बरगी खरीदी केंद्र है और यह गाँव पूरे खरीदी सेक्टर के मध्य में पड़ता है जिससे हर किसी को सहूलियत होती है ।यदि खरीदी केंद्र बदलकर धनगवां बनाया जाता है यह मझोली तहसील और जिले के बॉडर का गाँव है जिसमे आधे से ज्यादा किसानों को यह केंद्र बहुत दूर पड़ेगा ।और सुरक्षा के लिहाज से यह सुरक्षित भी नही है। क्योंकि जिस जगह केंद्र बनाये जाने की बात हो रही है वह गाँव से दूर और जंगल से लगा हुआ है।
👉दो खरीदी केंद्र बनाने हो रही चर्चा
          खरीदी केंद्र को यथावत रखने या किसी और स्थान पर खोलने की चर्चा तो है ही वहीँ दूसरी तरफ एक केंद्र बरगी और दूसरा केंद्र धनगवां बनाने भी बोला जा रहा है जिससे दो केंद्र खोलने पर और इनका संचालन व व्यवस्था में दुगना खर्चा भी समिति को झेलना पड़ेगा। जबकि बरगी में खरीदी केंद्र का संचालन सुचारू रूप से हो रहा है तो फिर अलग अलग केंद्र बनाने की क्या जरूरत पड़ी ।
👉छुटभैये नेताओं ने बेच दी केंद्र की धान
           बरगी धान खरीदी केंद्र में देखरेख करने के लिए समिति के कुछ सदस्यों को रखा गया था जो केंद्र की ही लगभग 35 -40 क्विंटल धान एक व्यापारी को बेच दी जबकि केंद्र में 65 क्विंटल धान की घटी भी आई थी जिसकी भरपाई खरीदी प्रभारी पाठक पर दवाव देकर करायी गयी। इन सदस्यों को समिति प्रबंधक नारायण सेन द्वारा देखरेख और व्यवस्थाओ के लिये नियुक्त किया गया था जिसके बाद समिति प्रबंधक इस मामले में कुछ भी बोलने से कतराते नजर आये और इस पूरे मामले से पल्ला झाड़ते दिखे जिसके बाद समिति प्रबंधक पर इन छुटभैये नेताओं का दबाब साफ़ दिखा। वहीँ खरीदी केंद्र को लेकर गुरूवार के दिन बैठक भी रखी गई थी लेकिन केंद्र की दलाली कर धान बेचने वाले सदस्य बैठक में उपस्थित नही हुए जिसके बाद सोमवार को बैठक रखी गयी है।

इनका कहना
गेहूं खरीदी 10 अप्रैल से शुरू की जायेगी केंद्र को यथावत रखने के लिए सोमवार को बैठक की जायेगी ।
नारायण सेन
समिति प्रबंधक बरगी

खरीदी केंद्र बदले जाने का अभी तक कोई आदेश नही आया है।और यदि किसी सदस्य के द्वारा केंद्र की धान बेचीं गयी है तो कार्यवाही की जायेगी।
फ्रैंक नोवल ए
एसडीएम सिहोरा

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