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Sunday, October 9, 2016

5 वर्षों में किसानों की आय दो गुनी करने का रोडमैप तैयार करने के लिए किसानों से सुझाव लिये जायेंगे

Present by _ Toc News

किसानों से सर्वे प्रपत्र भरवाकर जानकारी संकलित की जायेगी- जिला स्तरीय कार्यशाला सम्पन्न

नरसिंहपुर.
 केन्द्र एवं राज्य शासन की मंशा के अनुरूप 5 वर्षों में किसानों की आय दो गुनी करने का जिले का रोडमैप तैयार करने के लिए जिले के किसानों के अनुभव का लाभ लिया जायेगा। रोडमैप में फोकस किसान पर रहेगा और सभी विभागों के कन्वर्जेंस से कार्य योजना तैयार की जायेगी। इस संबंध में किसानों से सुझाव और फीडबैक लिया जायेगा। किसानों से सर्वे प्रपत्र भरवाकर जानकारी संकलित की जायेगी। किसान ई- मेल और फोन से भी जानकारी दे सकेंगे। संकलित जानकारी के आधार पर किसानों की आय बढ़ाने का जिले का रोडमैप तैयार किया जायेगा। यह जानकारी कलेक्टर डॉ. आर.आर. भोंसले ने शनिवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित जिला स्तरीय कार्यशाला में जिले के किसानों से चर्चा के दौरान दी। इस अवसर पर किसानों ने अपने अनुभव बताये और महत्वपूर्ण सुझाव दिये।
       कलेक्टर ने कृषि विभाग के मैदानी अमले को निर्देशित किया कि जिले के प्रत्येक विकासखंड में पचास- पचास किसानों से सर्वे प्रपत्र आगामी गुरूवार तक अनिवार्य रूप से भरवाये जावें। सर्वे प्रपत्र छोटे, मध्यम एवं बड़े सभी प्रकार के किसानों से भरवाये जावें। इनके अलावा अन्य किसान ई- मेल और फोन से भी अपने सुझाव/ फीडबैक दे सकेंगे। उन्होंने बताया कि आमदनी बढ़ाने के लिए किसानों को उन्नत तकनीकी, आवश्यक मदद एवं शासन की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाना सुनिश्चित किया जायेगा और किसानों के सुझाव/ फीडबैक के आधार पर लाभदायक गतिविधियों से किसानों को जोड़ा जायेगा। किसानों की व्यावहारिक कठिनाईयों का निराकरण किया जायेगा। जिले में पशु पालन, ड्रिप इरिगेशन, हरा चारा क्षेत्र विकसित करने, फल एवं सब्जी उत्पादन, मुर्गी एवं बकरी पालन, जैविक खेती को बढ़ावा दिया जायेगा। जिले में शतप्रतिशत किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड जारी करने और फसल बीमा योजना में शामिल करने का लक्ष्य रखा गया है। कलेक्टर ने निर्देश दिये कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत रबी मौसम में शतप्रतिशत किसानों का फसल बीमा करना सुनिश्चित किया जावे। ऋणी, अऋणी और डिफाल्टर सभी किसानों का फसल बीमा अनिवार्य रूप से किया जावे। फसल सिंचाई में पानी का वैज्ञानिक तरीके से उपयोग कर पानी बचाने और खेती की लागत कम करने के उपायो पर विशेष ध्यान दिया जायेगा। छोटे किसानों को सहायक लाभदायक गतिविधियों से जोड़ा जायेगा।

किसान ई- मेल और फोन से भी सुझाव/ जानकारी दे सकेंगे
       उप संचालक कृषि श्री जितेन्द्र सिंह ने 5 वर्षों में किसानों की आय दो गुनी करने के रोडमैप तैयार करने के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस संबंध में जिले के किसानों से सर्वे प्रपत्र में जानकारी संकलित की जायेगी। इस जानकारी के आधार पर रोडमैप को अंतिम रूप दिया जायेगा।
       श्री सिंह ने बताया कि सर्वे प्रपत्र में कृषक एवं उसके परिवार, धारित भूमि, फसलों, बीज, साख व्यवस्था, खाद, कल्चर, फसलों के विक्रय, भंडारण एवं रेट, कृषि से आय एवं कृषि के समस्त प्रकार के व्यय, कृषि से शुद्ध आय, कृषि के अतिरिक्त अन्य कार्य, अन्य रुाोत से होने वाली आय आदि से संबंधित जानकारी संकलित की जायेगी। इस प्रपत्र में किसान शासन से शिकायतें अथवा अपेक्षायें भी दर्ज कर सकेंगे। किसान 5 वर्षों में आय दो गुनी करने के संबंध में अपने सुझाव भी दे सकेंगे। श्री सिंह ने बताया कि सर्वे प्रपत्र भरने वाले किसानों के अलावा अन्य किसान भी उप संचालक कृषि कार्यालय के टेलीफोन नम्बर 07792- 230364 पर अपने सुझाव/ फीडबैक दे सकेंगे। इस टेलीफोन पर पूर्वान्ह 11 बजे से शाम 5 बजे तक जानकारी दी जा सकेगी। साथ ही किसान ई- मेल ddagrinar@mp.gov.in पर भी ऑनलाइन अपने सुझाव/ फीडबैक दे सकते हैं।

किसानों ने बताये अनुभव और दिये महत्वपूर्ण सुझाव
       कार्यशाला में जिले के किसानों ने अपने अनुभव बताये और किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिये। कृषक श्री सी.एस. तिवारी ने कृषि की जिले की विकास यात्रा की पृष्ठभूमि बताई। उन्होंने खेती की लागत घटाने और उत्पादन बढ़ाने के संबंध में महत्वपूर्ण सुझाव दिये। श्री तिवारी ने मृदा स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और नहरों से सिंचाई का अधिकाधिक लाभ किसानों को दिलाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि फसलों के अवशेष को आग कदापि नहीं लगाई जाना चाहिये। श्री नारायण सिंह पटैल ने फसल सघनता बढ़ाने, नवीन कृषि यंत्रों का उपयोग करने, बीज की मात्रा घटाने, उपज के मूल्य संवर्धन, कृषि वानिकी और बिजली की पर्याप्त उपलब्धता पर ध्यान देने पर जोर दिया। श्री विवेक महाजन ने पशु पालन को बढ़ावा देने, पशुओं को प्रोटीन/ पौष्टिक चारा उपलब्ध कराने, शासकीय योजनाओं के प्रकरणों की स्वीकृति के साथ ही सबसिडी उपलब्ध कराने, किसान क्रेडिट कार्ड के ब्याज में छूट को सुसंगत बनाने, खरीफ फसलों, अरहर आदि को प्राथमिकता देने, गन्ना का उत्पादन बढ़ाने से संबंधित सुझाव दिये। श्री आर.एस. नारोलिया ने कहा कि जैविक खेती वरदान है, इसको बढ़ावा दिया जाना चाहिये। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि फसल अवशेष/ फसल के कूड़ा- कर्कट में आग किसी भी स्थिति में नहीं लगायें।
       इस अवसर पर जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुश्री प्रतिभा पाल, सभी अनुविभागीय कृषि अधिकारी, सहायक संचालक कृषि, सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी, सहायक संचालक गन्ना, कृषि वैज्ञानिक, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, सर्वेयर, बी.टी.एम./ ए.टी.एम., संबंधित विभागों के अधिकारी, किसान मित्र और बड़ी संख्या में किसान मौजूद थे।

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