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Wednesday, November 23, 2016

प्‍ले स्‍टोर से गायब हुई नोट स्‍कैन करने पर पीएम नरेंद्र मोदी का भाषण दिखाने वाला एप, जानिए क्‍यों

प्‍ले स्‍टोर से गायब हुई नोट स्‍कैन करने पर पीएम नरेंद्र मोदी का भाषण दिखाने वाला एप, जानिए क्‍यों के लिए चित्र परिणाम
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मोदी कीनोट नाम का एक एप्‍लिकेशन पिछले सप्‍ताह मोबाइल यूजर्स के बीच चर्चा का विषय रहा। बहुत सारे लोगों ने इसका इस्‍तेमाल 500 और 2,000 रुपए का नोट असली है या नहीं, ये जांचने के लिए किया था। हालांकि यह एप असली और नकली नोटों के बीच अंतर नहीं बताता। हालांकि यह एप अब गूगल प्‍ले स्‍टोर से हटा ली गई है। इस एप को बनाने वाली बर्रा स्किल स्‍टूडियोज ने गूगल प्‍ले स्‍टोर पर एप के डिटेल्‍स में साफ लिखा था कि यह ‘केवल मनोरंजन’ हेतु है। लेकिन नोटबंदी पर भारी कंफ्यूजन के बीच, यह एप यूजर्स के बीच कौतुहल की वजह बन गई। गैजेट्स 360 के साथ ईमेल पर हुई बातचीत में एप बनाने वाली टीम ने इसे बनाने के पीछे मकसद का खुलासा किया।
उन्‍होंने यह भी बताया कि इस एप को प्‍ले स्टोर से क्‍यों हटाया गया। यह एप बनाने के पीछे मकसद था कि आॅगमेंटेंड रिएलिटी (एआर) तकनीक का इस्‍तेमाल कर प्रधानमंत्री द्वारा उठाए गए महत्‍वपूर्ण मुद्दोंं को रोचक और अलग तरीके से पेश किया जाए। मोदी कीनोट एप के जरिए जब फोन के कैमरा से 2000 के नए नोट को स्‍कैन किया जाता है, तो वह 8 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नोटबंदी के ऐलान का भाषण दिखाने लगती है। 12 नवंबर को जब यह एप प्‍ले स्‍टोर पर रिलीज की गई थी तो रातोंरात हिट साबित हुई थी। डेवलपर्स का दावा है कि एंड्रॉयड स्‍टोर से 40 लाख यूजर्स ने इस एप को डाउनलोड किया। टीम को लगा था कि जैसे ही किसी भारतीय को नया नोट मिलेगा, इस एप के जरिए पीएम का संदेश उस तक पहुंच जाएगा।
हालांकि इस एप के बारे में गलत सूचना फैलाए जाने का आरोप डेवलपर टीम ने लगाया है। टीम के मुताबिक, कुछ ”यूट्यूब वीडियोज और सोशल मीडिया” की वजह से लोग इसे करंसी की वैधता जांचने के लिए इस्‍तेमाल करने लगे, जिसके लिए यह एप बनी ही नहीं थी। इसकी लोकप्रियता के बावजूद इसे हटाया क्‍यों गया, इस बारे में डेवलपर्स कहते हैं कि मोदी कीनोट गूगल प्‍ले स्‍टोर से उल्‍लंघन की वजह से नहीं हटाई गई, बल्कि उन्‍होंने खुद इसे हटाया है। ऐसा ‘जनहित’ के लिए किया गया। असल में, इसे गूगल प्‍ले स्‍टोर पर 22 नवंबर को एक बार फिर कुछ समय के लिए रिलीज किया गया ताकि बताया जा सके कि इसे इच्‍छानुसार हटाया गया है, कोई नियम तोड़ने पर नहीं।
डेवलपर टीम ने मोदी कीनोट जैसी एप्‍स के बारे में गलत जानकारी फैलाने वालों से अपील की है। टीम कहती है, ”जो हमारी एप्‍स का रिव्‍यू कर लाखों लोगों को गलत जानकारी देती हैं, उन्‍हें ऐसा नहीं करना चाहिए।
मोदी कीनोट के हटाए जाने के बाद भी गूगल प्‍ले स्‍टोर पर कई ऐसी ही एप्‍स माैजूद हैं जो नई करेंसी की असलियत जांचने का दावा करती हैं।

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