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Monday, January 30, 2017

बजट 2017 में शहरी मध्यवर्ग को लग सकता है बड़ा झटका

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  • सर्विस टैक्स बढ़ाकर 16-18 फीसदी कर सकती है सरकार
  • सर्विस टैक्स में बढ़ोतरी से फोन बिल, रेस्टोरेंट में खाना, हवाई और रेल यात्रा होगा महंगा

नई दिल्ली।  2017 के बजट में आम लोगों को बड़ा झटका लग सकता है। वित्त मंत्री अरुण जेटली आगामी बजट में सर्विस टैक्स को मौजूदा 16 फीसदी से बढ़ाकर 18 फीसदी किए जाने का ऐलान कर सकते हैं।
सर्विस टैक्स में इजाफा होने से फोन बिल, रेस्टोरेंट में खाना, हवाई और रेल यात्रा महंगी हो जाएगी। सरकार का यह कदम जीएसटी के मुताबिक होगा। वित्त मंत्री पहले ही ऐलान कर चुके हैं कि देश में सभी करों की जगह एक कर प्रणाली जीएसटी को एक अक्टूबर से लागू किया जाएगा। जीएसटी देश में सभी करों की जगह लेगा। माना जा रहा है कि जीएसटी की दर 18 फीसदी के आस-पास होगी।
फिलहाल सर्विस टैक्स की दर 15 पर्सेंट हैं, ऐसे में इसे 16 प्रतिशत के स्तर के करीब ले जाया जाना स्वाभाविक माना जाएगा। जेटली ने अपने पिछले बजट में सर्विस टैक्स की दर को 0.5 पर्सेंट बढ़ाकर 15 प्रतिशत कर दिया था। जीसटी में टैक्स की दरों को कई स्लैब में रखने का फैसला लिया गया है। जीसएटी की दरें 5,12,18 और 28 फीसदी रखे जाने का फैसला लिया गया है। केंद्र सरकार इस बार एक फरवरी को आम बजट पेश करने जा रही है। इसलिए सर्विस टैक्स की दरों को इसमें से किसी एक स्लैब के मुताबिक ही रखा जाएगा। मौजूदा दर को देखते हुए यह 18 फीसदी के स्तर पर रखा जा सकता है।
 
जेटली की ओर से यदि सर्विस टैक्स में इजाफे का ऐलान किया जाता है तो यह उनकी ओर से तीसरी बार इजाफा होगा। इससे पहले 1 जून, 2015 को उन्होंने सर्विस टैक्स को 12.36 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 पर्सेंट किया था। इसके अलावा सभी सेवाओं पर 0.5 प्रतिशत की दर से स्वच्छ भारत उपकर लगाया गया, जिससे 15 नवंबर, 2015 से सेवा कर का कुल कराधान 14.5 प्रतिशत हो गया था। पिछले बजट में इसमें 0.5 प्रतिशत का किसान कल्याण उपकर लगा दिया गया और इस तरह सर्विस टैक्स 15 पर्सेंट हो गया।
नोटबंदी के बाद अर्थव्यवस्था में आई तात्कालिक मंदी के बाद माना जा रहा था कि बजट 2017 में मोदी सरकार आम मध्यवर्ग को राहत दे सकती है। माना जा रहा कि सरकार शहरी मध्यवर्ग को लुभाने के लिए आयकर स्लैब में छूट दे सकती है।
 

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