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Saturday, January 14, 2017

ग्राम पोहर मे तीन दिवसीय ताप्ती रक्षा कुंभ शुरू

प्रथम दिन पृथ्वी पर सूर्यपुत्री माँ ताप्ती के अवतरण की कथा 
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बैतूल। पूर्णाचंल के तट पर तीन दिवसीय ताप्ती रक्षा महाकुंभ का श्री गणेश धर्म - प्रचार प्रसार मंच एवं माँ सूर्यपुत्री ताप्ती जागृति समिति मध्यप्रदेश के बैनर तले शुरू हुआ। पहले दिन ग्राम पोहर की गलियों में सैकड़ो की संख्या में ग्रामिणो ने कल्रा यात्रा में भाग लिया। 

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यात्रा के दौरान आगे - आगे श्री गणेश उसके पीछे भोलेनाथ भंडारी का रूप धारण कर छोटे - छोटे बालक / बालिकाओं के साथ स्त्री - पुरूष चले रहे थे। पूरा ग्राम भ्रमण पर कल्रा यात्रा एवं ताप्ती पुराण को लेकर चल रहे लोगो पर ग्रामिणो ने पुष्प वर्षा की तथा हर घर के सामने महिलायें हाथो में आरती सजा कर कलश की पूजा अर्चना करती जा रही थी। तीन सौ से अधिक घरो की बसती ग्राम पोहर आज पूरी तरह से ताप्ती मय हो गई थी। 

ग्रामिणो की कलश यात्रा ग्राम के बीच में स्थित शिव मंदिर पहुंची जहां पर बाबा भोला भण्डारी सहित अन्य देवी - देवताओं की पूजा अर्चना की गई। दोपहर दो बजे से माँ सूर्यपुत्री ताप्ती महात्मय की संगीतमय कथा की शुरूआत की गई। कथा वाचिका सुश्री वर्षादेवी ने ताप्ती कथा का विस्तार पूर्वक वर्णन किया। श्री वर्षादेवी ने कथा में धरती पर ताप्ती अवतरण के बारे में बताया कि जब धरती सूर्य के तेज से जलने लगी और उनकी पत्नि संध्या उनके तेज को सहन न करने की स्थिति में वह अपनी परछाई छाया को सूर्य लोक में छोड़ कर तपस्या करने चली गई। सूर्य के तेज के चलते जल - जीवन को नष्ट होता देख पृथ्वी सहित अन्य देवी - देवता सूर्यदेव के पास प्रार्थना करने पहुंचे। सूर्यदेव के तेज से बुरी तरह झूलस रही पृथ्वी को संकट से उबारने के लिए सूर्यदेव ने अपनी पुत्री ताप्ती को जल के रूप में अवतरीत होकर बहने का आदेश दिया। 

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पृथ्वी पर बहते जल के रूप में आई ताप्ती ने सबसे पहले पृथ्वी की और उसके बाद पृथ्वीवासियों की पीड़ा का हरण किया। जल के रूप में पृथ्वी पर अवतरीत हुई पुण्य सलिला माँ सूर्यपुत्री ताप्ती के अवतरण के साथ ही पहले दिन की ताप्ती कथा का प्रथम दिवसीय कथा का समापन ताप्ती जी की संध्याकालिन आरती के साथ हुआ। ताप्ती आरती में भारी संख्या में ग्रामिणो ने भाग लिया। कार्यक्रम का आयोजन ग्राम पोहर वासियों के सहयोग से करने वाली आयोजन समिति धर्म प्रचार - प्रसार मंच ने ताप्ती कथा के माध्यम से लोगो की रक्षा के संकल्प को महाकुंभ का नाम दिया। 
 

मंच की ओर से बताया गया कि धर्म  प्रचार -प्रसार मंच माँ पूर्णा के किनारे रहने वाले सभी ग्रामिणो की रक्षा के लिए ताप्ती महात्मय का आयोजन कर रही है। तीन दिवसीय कार्यक्रम में कल मकर संक्राति के दिन सुबह यज्ञशाला में सैकड़ो की संख्या में ग्रामिण यज्ञ आहुति डालेगें उसके बाद दोपहर से ताप्ती परिवार एवं ताप्ती के माहत्मय के बारे में बताया जाएगा। तीन दिवसीय इस धार्मिक आयोजन में पूण्य सलिला माँ सूर्यपुत्री ताप्ती जागृति समिति एवं धर्म प्रचार - प्रसार मंच ग्रामिणो के माध्यम से जल है तो कल है , ताप्ती जल आज और कल है के मूल सिद्धांत पर लोगो को जल संरक्षण के लिए प्रेरित करेगे। तीनो दिन रात्री कालिन भजन संध्या का कार्यक्रम एवं समापन के दिन विशाल भण्डारे का आयोजन ग्राम पोहर वासियों की ओर से किया जाएगा।

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