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Friday, March 17, 2017

नवीन तकनीकों और बदलते परिवेश में पत्रकारिता की चुनौति

नरसिंहपुर में आयोजित हुआ मीडिया संवाद कार्यक्रम

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01-_Media_Samvad_Program_Narsinghpur.JPG दिखाया जा रहा हैनरसिंहपुर. जिला स्तरीय मीडिया संवाद कार्यक्रम का आयोजन नरसिंहपुर में गुरूवार को किया गया। यह कार्यक्रम मुख्य रूप से दिन- प्रतिदिन सामने आ रही नवीन तकनीकों और बदलते परिवेश में पत्रकारिता की चुनौतियों पर केन्द्रित रहा। कार्यक्रम में विषय- विशेषज्ञों और मीडिया प्रतिनिधियों ने खुलकर चर्चा की और अपनी जिज्ञासाओं व शंकाओं का समाधान किया। कार्यक्रम का आयोजन जनसम्पर्क विभाग के तत्वावधान में किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलन और मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया।

       कार्यक्रम में कलेक्टर डॉ. आरआर भोंसले, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर के पत्रकारिता एवं संचार विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. धीरेन्द्र पाठक, भोपाल से आये वरिष्ठ पत्रकार ब्राजेश राजपूत एवं मनोज शर्मा, महात्मागांधी महाविद्यालय करेली के पत्रकारिता संकाय के एस. सिलाकारी, सहायक संचालक जनसम्पर्क यशवंत सिंह बरारे, पिं्रट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया के प्रतिनिधि शामिल हुये।
       कार्यक्रम में पत्रकारिता विधा की कौशल संबंधी बारीकियों, नवीन तकनीकों और संविधान में उल्लेखित प्रेस से जुड़े कानूनों से अवगत कराया गया, ताकि मीडिया प्रतिनिधि अपना कार्य और भी प्रभावी ढंग से कर सकें। यहां समाचार की अवधारणा, समाचार लेखन, समाचार के प्रकार, समाचार की संरचना, समाचार की विभिन्न शैलियों, फीचर एवं अन्य प्रमुख विधाओं के प्रभावी लेखन की विशेषताओं, सम्पादन की अवधारणा एवं बदलती प्रक्रिया, नई तकनीक के प्रयोग, विकास की अवधारणा, विकास के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य, संविधान में उल्लेखित विभिन्न प्रेस कानून एवं मीडिया संबंधी दिशा- निर्देशों के बारे में अवगत कराया गया। इस दिशा में गहन विचार- विमर्श मीडिया संवाद कार्यक्रम में किया गया।
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       कलेक्टर डॉ. आरआर भोंसले ने कहा कि पहले की तुलना में वर्तमान में मीडिया के परिदृश्य में तेजी से बदलाव आ रहा है। नवीन तकनीकों के कारण मीडिया के स्वरूप में नित नये बदलाव हो रहे हैं। इस दौर में अधिकारों के साथ- साथ कत्र्तव्यों और दायित्वों के प्रति अधिक सजगता की जरूरत है। उन्होंने तथ्यात्मक खबरें देने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से सूचनाओं का आदान- प्रदान बहुत तेजी से होता है। इसके जहां अनेक लाभ हैं, वहीं नुकसान भी है। हमें तथ्यात्मक पुष्टि के बाद ही सूचनाओं का आदान- प्रदान करना चाहिये। एक क्षण के लिए गंभीरता से सोच- विचार करने के बाद ही सूचना का सम्प्रेषण करना चाहिये। पत्रकारिता में शुचिता को बनाये रखने की आज महती आवश्यकता है। उन्होंने प्रशासन एवं मीडिया के बेहतर समन्वय पर जोर दिया।
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       डॉ. धीरेन्द्र पाठक ने समाचार लेखन व सम्पादन के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने संविधान में उल्लेखित अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और मीडिया से जुड़े कानूनी प्रावधानों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि समाचारों में तथ्यात्मक सत्यता, संक्षिप्तता और स्पष्टता होना चाहिये। समाचार का लेखन पूर्वाग्रह से ग्रस्त होकर नहीं करना चाहिये। समाचार की विश्वसनीयता अत्यंत आवश्यक है। प्रतिस्पद्र्धा के युग में बाजार में बने रहना और पत्रकारिता की शुचिता को बरकरार रखने की चुनौतियां सामने हैं।
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       वरिष्ठ पत्रकार ब्राजेश राजपूत ने कहा कि नरसिंहपुर जिलें में पत्रकारिता की समृद्ध परम्परा रही है। उन्होंने क्रांतिवीर ठाकुर निरंजन सिंह एवं शंभूदयाल राय ‘हंस’ के जिले की पत्रकारिता में योगदान का उल्लेख किया। उन्होंने तकनीक में आ रहे निरंतर बदलाव के अनुरूप पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्य करने पर जोर दिया। पत्रकारिता में विश्वसनीयता बनाये रखना आज सबसे बड़ी चुनौती है। उन्होंने खबरों के माध्यम से जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पत्रकारों को छोटी- छोटी महत्वपूर्ण खबरों पर अपनी पैनी नजर रखना चाहिये। सामाजिक बदलावों के अनुरूप समाचारों के प्रेषण पर ध्यान देना चाहिये। वर्तमान में मोबाइल और कैमरा के उपयोग से पत्रकारिता में क्रांतिकारी बदलाव आया है, इनका सही तरीके से इस्तेमाल किया जाना चाहिये।
       वरिष्ठ पत्रकार मनोज शर्मा ने कहा कि वर्तमान में पत्रकारिता में विश्वसनीयता की चुनौती सबसे बड़ी है। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता में विश्वसनीयता बनाये रखना नितांत आवश्यक है, इससे समझौता नहीं किया जाना चाहिये। वर्तमान में लिखने की आदत घट रही है, इसे बरकरार रखना जरूरी है। उन्होंने कहा कि पत्रकार अपना काम पूर्ण ईमानदारी से करें। किसी भी महत्वपूर्ण समाचार अथवा स्टोरी का फालोअप अच्छे से करें। समाचार लेखन में स्थानीय महत्वपूर्ण तथ्यों पर विशेष फोकस करें। इसके लिए तथ्यों का भलीभांति अन्वेषण कर समाचार लेखन करें।
       एमजीएम करेली के एस. सिलाकारी ने कहा कि पत्रकारिता का काम अत्यंत जिम्मेदारी का काम है। समाज की दशा बदलने और दिशा देने में पत्रकारिता का योगदान महत्वपूर्ण है। उन्होंने यह बताया कि समाचार लेखन में किन बातों का ध्यान रखा जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि समाचार लेखन के पहले संबंधित अद्यतन तथ्यों और नवीन कानूनी प्रावधानों की जानकारी रखना चाहिये।
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       मीडिया संवाद कार्यक्रम में पत्रकार विनय जैन, अजय खरे, अभिषेक श्रीवास्तव, दीपक श्रीवास्तव, वारिज बाजपेयी ने पत्रकारिता से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों की ओर ध्यान आकृष्ट किया। उन्होंने पत्रकारिता में निष्पक्षता, जनहित, चुनौतियों, शुचिता, लेखन शैली, सोशल मीडिया आदि के बारे में विषय- विशेषज्ञों से चर्चा की और अपने विचार प्रकट किये। अन्य मीडिया प्रतिनिधियों ने भी अपने- अपने विचार प्रकट किये। मीडिया संवाद कार्यक्रम के उद्देश्यों पर यशवंत सिंह बरारे ने प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन दीपक अग्निहोत्री ने और आभार प्रदर्शन सहायक सूचना अधिकारी रामकुमार सोनी ने किया।

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