Pages

click new

Sunday, May 28, 2017

विपक्षी होने का भ्रम पाले हुए हैं भाजपा के नेता

Image may contain: 7 people, people sitting
TOC NEWS // अवधेश पुरोहित

भोपाल । प्रदेश में १३ वर्षों की भाजपा की सरकार के काबिज होने के बावजूद भी भारतीय जनता पार्टी के सत्ता और संगठन में बैठे नेताओं में आज भी अपने विपक्षी होने का भ्रम पाले हुए हैं तभी तो शायद ऐसे नेता जब भी जरा भी उनपर कोई कार्यवाही हुई तो उसको लेकर हंगामा खड़ा करने में लग जाते हैं फिर चाहे वह कमल पटेल हों या आरडी प्रजापति या फिर उनके ही मंत्रीमण्डल के राज्यमंत्री विश्वास सारंग जैसे भाजपा के नेता जिनकी जुबानें हमेशा क्यों फिसलती हैं

इसको लेकर जहां भाजपा में इस बात को लेकर यह गहन अध्ययन चल रहा है कि आखिर हमारे नेताओं को १३ वर्ष की सत्ता पर काबिज होने के बावजूद भी क्या हो गया है, जो इन नेताओं के द्वारा खड़े किये गये हंगामे के चलते मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने मुसीबतें खड़ी करने में लगे हुए हैं आखिर इसके पीछे कारण क्या है, तो वहीं राज्य के वित्तमंत्री की कार्यप्रणाली को लेकर भी भाजपा में इन दिनों चर्चा का दौर जारी है और यह लोग यह भी कहते नजर आ रहे हैं कि आखिर क्या हो गया हमारे वित्तमंत्री को जो वो ठीक से वित्तीय प्रबंधन पर पकड़ नहीं बना पा रहे हैं तो जहां वित्तमंत्री के प्रबंधन को लेकर चर्चा का दौर जारी है ही तो वहीं लोग उस अंकगणित का भी हल निकालने में लगे हुए हैं,
Image may contain: 1 person, standing

प्रदेश भाजपा संगठन जिन कमल पटेल को अनुशासनहीन मानते हुए पार्टी से निकालने का नोटिस दे रहा है कमल पटेल को भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और मप्र में अगले मुख्यमंत्री के दावेदार माने जाने वाले कैलाश विजयवर्गीय के साथ


जिसके चलते वित्त मंत्री के विभाग के अधिकारियों द्वारा डीए के मामले में जो गड़बड़ी की ऐसी स्थिति में वित्तमंत्री और उनके अधिकारियों की इस तरह की कार्यप्रणाली को लेकर भी तमाम सवाल खड़े हो रहे हैं तो लोग यह कहते हुए भी नजर आ रहे हैं कि प्रदेश आज जिस कर्जदारी के बोझ से जूझ रहा है उसके पीछे वित्तमंत्री और उनके अधिकारियों की कारगुजारी के चलते लगाये जाने वाले अड़ंगेबाजी का ही परिणाम है कि आज राज्य की तमाम योजनायें जो लाखों की थीं अब वह करोड़ों की हो गईं तो वहीं वित्त विभाग की अड़ंगेबाजी के चलते राज्य में आज तमाम योजनायें या तो बजट के अभाव में अधूरी पड़ी हुई हैं तो वहीं वित्तमंत्री और विभाग के अधिकारियों की अड़ंगेबाजी के चलते आज राज्य की आधी आबादी पानी की समस्या से जूझ रही है क्योंकि उन्हें पेयजल पहुंचाने वाली एजेंसियों को इस विभाग की अड़ंगेबाजी के चलते समय पर धन उपलब्ध नहीं कराया गया।
खैर, राज्य में चल हरी भाजपा के नेताओं की इस तरह के रवैये के चलते लोग यह मानकर चल रहे हैं कि जिस प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल के दौरान पूरा वातावरण पारिवारिक माहौल में चल रहा हो और राज्य की जनता अमन-चैन से अपनी जिंदगी गुजर-बसर कर रही हो, इसका जीता जागता परिणाम है कि राज्य में कोई मूलभूत समस्याओं को लेकर जन आंदोलन न होना।
इससे यह साफ जाहिर हो जाता है कि शिवराज सरकार में पूरी तरह से राज्य की जनता पूरी तरह से संतुष्ट है और यदि भाजपा कुछ नेताओं के शब्दों में कहें तो इस प्रदेश में शिवराज के शासनकाल में प्रदेश की जनता राम राज्य की अनुभूति करने में लगी हुई है। शायद यही वजह है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने विपक्षी दलों के नेता तो समस्यायें खड़ी नहीं कर पा रहे हैं लेकिन उनके अपने ही आये दिन कुछ न कुछ ऐसा खेल खेल लेते हैं जिससे मुख्यमंत्री के सामने समस्यायें उत्पन्न हो जाती हैं और यही नेता विपक्षी दल के नेताओं को शिवराज को घेरने का अवसर प्रदान कर देते हैं।
इन १३ वर्षौं के भाजपा शासनकाल में यदि विपक्ष की भूमि पर निगाह दौड़ाई जाएं तो वह आज भी भाजपा की जनहितैषी नीतियों के चलते कोई सशक्त जनआंदोलन नहीं चला पाई जिससे इस प्रदेश की जनता को यह अहसास हो सके कि भाजपा की तरह इस प्रदेश में कोई विपक्ष है। इन सब हालातों को देखकर यही कहा जा सकता है कि शिवराज सरकार के नीतियों और जनहितैषी योजनाओं के चलते जहां सबकुछ सामान्य है उासे अशांति के वातावरण में बदलने का खेल विपक्षी नेता नहीं बल्कि उनकी ही पार्टी के अपने नेता जो आज भी अपने आपको सत्तारूढ पार्टी का नेता नहीं विपक्षी दल के नेता होने का भ्रम पाले हुए हैं।
तभी तो उनके द्वारा आयेदिन कुछ न कुछ बखेड़ा कर दिया जाता है ऐसा ही एक बखेड़ा राज्य के सहकारिता राज्यमंत्री विश्वास सारंग ने उनके प्रभार वाले झाबुआ जिले के पेटलावद विधानसभा क्षेत्र में एक काय्रक्रम के अवसर पर इस तरह का बयान देकर कि ‘जो भाजपा को वोट न दें वो पाकिसतान चला जाए पता नहीं विश्वास सारंग की नजरों में लोकतंत्र का क्या महत्व है यह वह आज भी राजशाही के आलम में जीने का भ्रम पाले हुए हैं। विश्वास सारंग के इस तरह के बयान से यह भी संदेश जाता है कि इस प्रदेश में जो लोकसभा और विधानसभा क्षेत्र कांग्रेसी नेताओं के कब्जे में हैं क्या वह सब पाकिस्तान के हिस्से वाले क्षेत्र हैं या प्रदेश के नगर निगम और नगरीय निकायों के वह वार्ड जहां से कांग्रेस के पार्षद विजयी हुए हैं? वह वार्ड पाकिस्तान के क्षेत्र में आते हैं? लेकिन पता नहीं उनके द्वारा दिये गये इस बयान के मायने उनकी नजर में क्या हैं?
उनके इस तरह के बयान के साथ ही लोगों में यह चर्चा जारी है कि विश्वास सारंग लोकतंत्र में भाजपा को वोट न देने वाले मतदाताओं को पाकिस्तान देने की सलाह तो देते हैं लेकिन जिस झाबुआ और अलीराजपुर के वह प्रभारी हैं उसी झाबुा में उनके ही विभाग के दो समिति सेवक जिनके पास पेेजेरो वाहन हैं क्या कभी विश्वास सारंग ने अपने झाबुआ जिले के प्रभार के दौरान इसकी जांच कराने की कोशिश की कि उन दो समिति सेवकों के पास पजेरो। भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल के दौरान उन भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं की तरह जिनके पस इस शासनकाल आने के पहले टूटी साइकिलें तक नहीं थीं और आज वह आलीशान भवनों और लग्जरी कारों में फर्राटे भरते नजर आ रहे हैं।
उन समिति सेवकों के पास वह पजेरो कहां और किस माध्यम से आई इसकी जांच कराने की बात शायद सारंग को याद नहीं आई और न ही उन्हें अपने प्रभाव वाले जिले के उन आदिवासियों को दी जाने वाली सुविधायें जिनमें खाद्यान्न और मिट्टी के तेल का वितरण होता है क्या यह सामग्री समय पर प्राप्त हो रही है कि नहीं या नहीं या जिन जिलों के प्रभारी हैं उन जिलों में पेयजल की स्थिति क्या है, बिजली की समस्या से उन जिलों के निवासी किस तरह से जूझ रहे हंै तो वह दोनों जिले गुजरात बार्डर से लगे हुए हैं उन जिलों से गुजरात सीमा में शराब की तस्करी कैसे ाहे रही है और कौन कर रहा है और उसमें भाजपा के कितने लोग शामिल हैं, क्या इसका ब्यौरा विश्वास सारंग सार्वजनिक कर सकेंगे।
खैर, विश्वास सारंग और वित्तमंत्री जयंत मलैया ऐसे और भी कई मंत्री शिवराज मंत्रीमण्डल में शामिल हैं जिनकी कार्यप्रणाली और उनके श्रीमुख से निकले अनमोल वचनों के कारण शिवराज के सामने आयेदिन कोई न कोई समस्या खड़ी होती रहती है। खैर, यह भाजपा के नेताओं का अंदरूनी मामला है वह आज इस प्रदेश में १३ साल का भाजपा शासन होने के बाद भी अपने आपको विपक्षी होने का भ्रम पाले हुए हैं तो ठीक है यह वही जानें लेकिन ऐसे लोग जिनमें पार्टी के संगठन अध्यक्ष से लेकर कई नेता शामिल हैं जो अपने श्रीमुख से निकले वचनों के कारण शिवराज सिंह चौहान के सामने आयेदिन समस्या खड़ी करने में पीछे नहीं रहते हैं।

No comments:

Post a Comment