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Monday, May 22, 2017

बंद करें केजरीवाल पर रोज-रोज आरोप लगाना, योगेंद्र यादव का कपिल मिश्रा को खुला पत्र,


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नई दिल्ली. आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल और कपिल मिश्रा के बीच कई दिनों से विवाद चल रहा है। कपिल मिश्रा केजरीवाल पर कई तरह के आरोप लगा रहा हैं। इन आरोपों के साथ ही वो दावा कर रहे हैं कि उनके पास केजरीवाल के खिलाफ कई तरह के सबूत हैं जो उनपर लगाए जा रहे सभी आरोपों को साबित कर देंगे।

इस लड़ाई में केजरीवाल के साथ खड़े कई नेता और विधायकों ने अपने बयान दिए हैं। लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि अब केजरीवाल से दूर हो चुके योगेंद्र यादव ने भी इस विवाद में बोलने का फैसला किया है। उन्होंने कपिल मिश्रा के लिए एक खुला पत्र लिखा है।

योगेंद्र यादव आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता थे और अब वो केजरीवाल से अलग होकर अपनी पार्टी स्वराज इंडिया बना चुके हैं। कपिल मिश्रा ने हाल ही में योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण के पार्टी से निकाले जाने के बाद दिए अपने बयानों के लिए दोनों से माफी मांगी थी। तब कपिल मिश्रा ने उन्हें गद्दार कहा था। यह खत योगेंद्र यादव ने कपिल मिश्रा के माफी मांगने के बाद लिखा है।

योगेंद्र यादव का पत्र
कपिल भाई,
कल प्रेस कांफ्रेंस में आपकी क्षमायाचना सुनी। मुझे लगा कि प्रशांत जी और मुझसे (और साथ में आनंद जी और अजीत भाई से) माफ़ी मांगने की बजाय उन हज़ारों वॉलंटियर, लाखों समर्थकों और करोड़ों देशवासियों से माफ़ी मांगनी चाहिए थी जिनके साथ धोखा हुआ है। मुझे अच्छा लगा कि आपने भी शाम तक मेरी इस बात का समर्थन किया। गलती कौन नहीं करता, लेकिन माफ़ी मांगने की हिम्मत हर कोई नहीं करता।
बहुत वक्त बीत गया है, फिर भी आपकी सार्वजनिक क्षमायाचना से कई दोस्तों के पुराने घाव भरने में मदद मिलेगी।

 जब हमें झूठे लांछन लगाकर पार्टी से निकाला गया उस वक्त (खासतौर पर केलिस्टा रिसोर्ट कांड में) आपकी और अपने कई साथियों की भूमिका देखकर मेरा इंसानियत से भरोसा हिल गया था। आपके विशेष अनुरोध पर मैं आपके चुनावक्षेत्र में कई बार प्रचार करने गया था। सोचिये मुझे कैसा लगा होगा जब आपके ही मुंह से गद्दारी का आरोप सुना? और आपका आदरणीय शांति भूषण जी पर हमला। अब भी याद कर सिहर उठता हूँ! आज आपने उस घटना के सच का इशारा तो किया, लेकिन कभी ठीक समझें तो उस काण्ड का पूरा सच देश के सामने रख दीजियेगा।

आज आपकी क्षमायाचना में मुझे उन कई पुराने साथियों की भी आवाज़ भी सुनी जो अपने किये पर शर्मिंदा महसूस करते हैं, चोरी-छुपे माफ़ी के सन्देश भेजते रहे हैं, लेकिन खुलकर बोल नहीं पाते। उसे सुनकर मेरे भीतर अगर कोई कड़वाहट बची थी तो वो धुल गयी।

वैसे आप राजनीति में मुझसे बहुत होशियार हैं, लेकिन अगर अन्यथा न लें तो एक सुझाव दूँ? ये रोज-रोज अरविन्द केजरीवाल के खिलाफ प्रेस कांफ्रेंस करनी बंद कर दीजिये। मैं नहीं कहता कि आपके सारे आरोप गलत हैं। कुछ आरोप वजनदार हैं, हालांकि बाकी का अभी कोई प्रमाण नहीं है। लेकिन दिन-रात आरोपों की झड़ी सुनने से आम आदमी पार्टी तो साफ़ नहीं होगी, ईमानदार राजनीति में जनता की जितनी भी आस्था बची है वो जरूर साफ़ हो जाएगी। यूँ भी अगर ये सब आपको पता था तो आप पिछले दो साल से वहां क्या कर रहे थे? आज आपको प्रायश्चित शोभा देता है, प्रतिशोध नहीं।
कपिल भाई, नकारात्मकता की राजनीति न देश के हित में है, न ही आपके हित में। पिछले दो साल से मैंने अपना अधिकांश समय गाँव-खेती-किसान के सवाल पर लगाया है। मेरा यकीन मानिये, आम आदमी पार्टी के नेताओं के कुकर्म इस देश की सबसे बड़ी समस्या नहीं है। जैसा फैज़ ने कहा था "और भी दुःख हैं ज़माने में ... "
शुभकामनाओं सहित,
आपका अग्रज
योगेंद्र यादव

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