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Sunday, June 11, 2017

शिवराज सिंह चौहान ने नारियल पानी पी उपवास तोड़ा


शिवराज का उपवास ख़त्म के लिए चित्र परिणाम


TOC NEWS //  11 जून 2017,  

मध्य प्रदेश में किसानों के आंदोलन को शांत करने के लिए उपवास पर बैठे मुख्यमंत्री शिवरा सिंह चौहान ने नारियल का पानी पीकर उपवास समाप्त कर दिया. बीजेपी नेता कैलाश जोशी ने उन्हें नारियल का पानी पिलाया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि वह किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हैं.

उन्होंने कहा कि एमएसपी से कम पर किसान से खरीदारी करना अपराध के समान है. इससे पहले, आज सुबह उनका मेडिकल चेकअप हुआ था. शिवराज शनिवार की सुबह 11 बजे से अनिश्चितकालीन उपवास पर बैठे थे. उपवास पर बैठने के बाद उन्होंने कहा था कि जब तक प्रदेश में हालात नहीं सुधरते  तब तक उनका उपवास जारी रहेगा और वह केवल पानी पीएंगे.
उनसे उपवास तोड़ने से जुड़ी अपील आंदोलन में मारे गए किसानों के परिजनों ने की थी. शुक्रवार को मंदसौर में मारे गए 6 किसानों में से 4 किसानों के परिजनों ने उनसे मुलाकात की थी और उपवास ख़त्म करने को कहा. शनिवार को इन परिवारों को भी शिवराज ने कहा कि सूबे में शांति होते ही वे उपवास ख़त्म कर देंगे.
शिवराज ने कहा कि यह उपवास उन्‍होंने प्रदेश में शांति के लिए किया है और जब तब हिंसा खत्‍म नहीं हो जाती और पूरे प्रदेश में शांति नहीं हो जाती, वो उपवास नहीं तोड़ेंगे. हालांकि उन्‍होंने इशारा किया कि रविवार को सभी परिस्थितयों को देखते हुए और तमाम लोगों से चर्चा करने के बाद ही वे अंतिम फैसला लेंगे.

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(मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलते पीड़ितों के परिजन.)
गौरतलब है कि चौहान ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के साए में प्रदेश में शांति बहाली के लिए अपना अनिश्चितकालीन उपवास शनिवार को शुरू किया था. जिस मंच पर वह उपवास के लिए बैठे, उस पर गांधीजी की एक बड़ी तस्वीर लगी हुई थी. बता दें कि चौहान के उपवास स्थल पर पहुंचने से ठीक पहले मंच पर महात्मा गांधी की तस्वीर रखी गई थी. उपवास शुरू करने से पहले चौहान को प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी ने तिलक लगाकर विधिवत उपवास पर बैठाया था. उसके बाद, चौहान सत्य एवं अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी की तस्वीर के पास में ही बैठे और अपना अनिश्चितकालीन उपवास शुरू किया था.

बता दें कि राज्य में 6 जून को मंदसौर जिले में किसान आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारियों पर पुलिस द्वारा की गई फायरिंग में पांच किसानों की मौत हो गई थी और छह अन्य किसान घायल हो गये थे. इसके बाद किसान भड़क गये और किसान आंदोलन समूचे मध्यप्रदेश में फैल गया था तथा और हिंसक हो गया था. अपनी उपज का सही मूल्य दिलाये जाने और कर्ज माफी समेत 20 सूत्रीय मांगों को लेकर किसानों ने यह आंदोलन किया.

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