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Friday, June 16, 2017

ससुर की चाहत पूरी करने के लिए बहू 'चोरी' से बन गई बच्चे की मां

ससुर की चाहत पूरी करने के लिए बहू 'चोरी' से बन गई बच्चे की मां के लिए चित्र परिणाम

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इलाहाबाद। जालिम ससुर के खौफ ने एक महिला चोरनी बन गई। पोते की चाहत में ससुर ने फरमान सुनाया कि बिना बच्चे के घर में कदम न रखना। महिला ने भी शातिर तरीका अपनाया और इलाहाबाद जंक्शन पर दंपती के दुधमुंहे बच्चे को चुरा लिया। जीआरपी की गिरफ्त में आई करूणा देवी नाम की इस महिला ने बताया कि जब बच्चे को चुराकर अपनी ससुराल पहुंची तो सभी आवभगत में जुट गये। घर में जश्न मनाया गया।


ससुर की चाहत पूरी करने के लिए बहू चोरी से बन गई बच्चे की मां

इधर स्टेशन पर दंपती की नींद खुली तो हड़कंप मच गया। खोजबीन शुरू हुई। बिलखते माता पिता ने मुकदमा लिखाया। जीआरपी जांच में जुटी थी। सीसीटीवी में चोरनी महिला का बच्चा ले जाते हुये चेहरा दर्ज हो गया। जीआरपी कड़ी से कड़ी मिलाकर आगे बढ़ रही थी कि महिला बच्चे को मुंबई लेकर जाने के लिये छिवकी स्टेशन पहुंची और पकड़ी गयी। पीड़ित दंपती को बुलाया गया और 4 जून को गायब हुआ बच्चा वापस मां बाप तक पहुंचाया गया।


ससुर की चाहत पूरी करने के लिए बहू चोरी से बन गई बच्चे की मां
4 जून की वो काली रात

ससुर की चाहत पूरी करने के लिए बहू 'चोरी' से बन गई बच्चे की मां के लिए चित्र परिणाम

घटना 4 जून की रात की है। मध्य प्रदेश के सीधी का रहने वाला रामू सिंह चौहान, पत्नी सोनी सिंह चौहान और पांच महीने के बेटे कुलदीप को लेकर रविवार की देर शाम इलाहाबाद जंक्शन पहुंचे थे। यहां से उसे अमृतसर के लिए ट्रेन पकड़नी थी। रामू ने बताया कि अमृतसर में मेरी ससुराल है। हम वहीं जा रहे थे। सोमवार सुबह ट्रेन थी, इसलिये देर शाम ही हम स्टेशन आ गये। हम जनरल वेटिंग हॉल में रुके थे। आधी रात को एक महिला मेरी पत्नी के पास आकर लेट गई। वह महिला थी इसलिए शक की कोई बात ही नहीं थी। रात एक बजे सोनी की नींद लग गई, उसी दौरान बगल में लेटी महिला हमारे कुलदीप को चुरा ले गई। जब हम जागे तो कुलदीप गायब था और फिर वह आज मिल सका है।

ससुर की चाहत पूरी करने के लिए बहू चोरी से बन गई बच्चे की मां चोरनी की कहानी उसकी जुबानी

ससुर की चाहत पूरी करने के लिए बहू 'चोरी' से बन गई बच्चे की मां के लिए चित्र परिणाम

जीआरपी द्वारा गिरफ्तार महिला को मीडिया के सामने पेश करते हुये पुलिस अधीक्षक रेलवे दीपक कुमार भट्ट ने बताया कि पूछताछ में चोरनी ने अपना नाम करुणा देवी उम्र 29 बतायी है। करूणा के अनुसार वह मुंबई की रहनेवाली है। उसकी दूसरी शादी जौनपुर के फरौदी कला गांव में हुई है। 

4 महीने पहले उसके दुधमुंहे बेटे की मौत हो गई थी। लेकिन यह बात ससुराल में नहीं पता थी जिसके बाद ससुर ने कहा कि बिना पोता वह घर में कदम न रखे वर्ना अंजाम बुरा होगा । वह रोज धमकी देकर फोन पर गालियां सुनाता था कि पोते को लेकर घर आ जा। करुणा ने बताया कि 4 जून को जब इलाहाबाद रेलवे स्टेशन पर मैंने इस बच्चे को देखा तो उसे चुराने का प्लान बनाया।

रात करीब 1 बजे मैं बच्चे की मां के पास लेट गई और जब बच्चे के माता-पिता सो गये तो उसे लेकर सिविल लाइन साइड से पैदल चली गई। वहां से मैंने जौनपुर के लिए गाड़ी पकड़ी। ससुराल में वहां किसी ने मेरे बच्चे को देखा नहीं था, इसलिए सब इस बच्चे को मेरा ही समझ रहे थे। मेरी एक 7 साल की बेटी भी है जो मुंबई में है। ससुरालियों से बच्चे को मिलवाने के बाद मैं उसे मुंबई ले जा रही थी।

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हाल बेहाल था दंपती का
बच्चा चोरी हो जाने के बाद सबसे ज्यादा आफत सोनी पर टूट पड़ी थी। एक तो बच्चे का खोने का गम ऊपर से परिजनों का ताना। लोग उसे ही भला-बुरा कहकर कोसते। सोनी के लिए पुलिस भगवान बन गई । दंपती ने जीआरपी के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की तो वहीं बच्चे के साथ सेल्फी का भी लंबा दौर चला।

क्या कह रहे अधिकारी
मामले में पुलिस अधीक्षक रेलवे दीपक कुमार भट्ट ने बताया कि पकड़ी गयी महिला किसी बच्चा चोर करने वाले गिरोह से लग रही है और मनगढ़ंत कहानी बता रही है। फिलहाल बिना जांच के निष्कर्ष निकालना ठीक नहीं। टीम अभी भी जांच में जुटी है। पूछताछ में चोरनी ने पूरी कहानी सुनाई है। उसकी सत्यता की जांच की जा रही है। फिलहाल बच्चे को माता-पिता व उन्हें बच्चा मिल गया। इसके लिये जांच टीम बधाई की पात्र है।

जांच टीम फुटेज मिलने के बाद से कड़ियां जोड़कर महिला को खोज रही थी। सुराग लगा तो टीम कई जगह रवाना हुई। दरअसल बच्चे को चुराकर महिला पहले विक्रम से रामबाग स्टेशन पहुंची फिर वहां से लिच्छवी ट्रेन पकड़कर ज्ञानपुर स्टेशन पहुंची। फिर उसी स्टेशन से एक पकौड़ा बेचने वाले वेंडर से मोबाइल लेकर अपने घर फोन किया। जीआरपी टीम खोजते-खोजते जब उस पकौड़े वाले तक पहुंची तो फोन नंबर की लोकेशन भी ट्रेस की गई। कड़ियां जुड़ते-जुड़ते काफी कुछ पता चला। 

महिला के कल शाम छिवकी स्टेशन पर देखे जाने की भनक लगी। वह मुंबई जाने के लिये ट्रेन का इंतजार कर रही थी और जांच टीम ने घेराबंदी कर उसे दबोच लिया। इस टीम में कोतवाल मनोज सिंह दारोगा कैलाशपति सिंह, विनोद मौर्या, सुबोध कुमार व जीआरपी सिपाही शामिल रहे।

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