Pages

click new

Saturday, June 24, 2017

सूचना का अधिकार,या भद्दा मजाक? अधिकारियों में नही कानून का डर

IMG-20170623-WA0008.jpg दिखाया जा रहा है

TOC NEWS // नरसिंहपुर, 24 जून 2017.

नरसिंहपुर-सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 जो की आम आदमी को अपने अधिकारों के प्रति सजग रहने का हौसला प्रदान करता है,औऱ साँथ ही साँथ अपने द्वारा सरकार को दिए गए कर की एवं उसके खर्च की समस्त जानकारियां प्रत्येक आम आदमी को प्रदान किये जाने का अधिकार देता है,ताकि सरकार और जनता के बीच की पारदर्शिता बनी रहे इसके उलट नरसिंहपुर जिले में किसी भी विभाग में इस कानून का पालन नही किया जा रहा।आरटीआई कार्यकर्ता केके कौरव के अनुसार उनके द्वारा जिले के विभिन्न विभागों से मांगी गई जानकारियां महीनों एवं वर्षों बीत जाने के बाद भी उन्हें उपलब्ध नही कराई गईं,जिनमे से कुछ विभागों की स्थिति इस प्रकार है।
महिला सशक्तिकरण विभाग-शौर्य दल के संबंध में दिनाँक 1/2/2016 को आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा  जानकारी माँगी गई थी जिसके बाद महीनों तक उन्हें जानकारी उपलब्ध नही हुई अपील करने पर अपर कलेक्टर द्वारा दिनाँक 29/6/2016 को ततकाल प्रभाव से जानकारी देने हेतु आदेश जारी किए गए  परंतु उसकी भी परवाह न् करते हुए एक वर्ष बीत जाने पर भी जानकारी उपलब्ध नही कराई गई मानो की प्रशासनिक अधिनियम को इन अधिकारियों ने मजाक समझ रखा है,जबकि चक्कर काटते काटते एक आरटीआई कार्यकर्ता शारीरिक,मानशिक,एवं आर्थिक रूप से परेशान होता रहा और अब तक दोषी अधिकारी पर कार्यवाही नही की गई।
इसके अलावा चिकित्सा विभाग करेली,एवं आदिम जाती कल्याण विभाग में भी सूचना का अधिकार के तहत जानकारियां चाही गईं परंतु बाबू,एवं अधिकारी पेशी दर पेशी बहाना बनाकर टालते रहे एवं बार बार तारीखें दी जाती रहीं जनता को मूर्ख बनाना तो इनका रोज का काम हो गया है।कोई परेशान होता है तो होता रहे हमे क्या,इस प्रकार सूचना के अधिकार जैंसे गंभीर अधिनियम में लापरवाही एवं लेटलतीफी कहीं न् कहीं विभागों में हुए व्यापक भृष्टाचार को छिपाने का प्रयास है, जिस पर वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा पर्दा डालने का प्रयास किया जा रहा है।

No comments:

Post a Comment