Pages

click new

Saturday, July 29, 2017

खुलासा: कैग की ताजा रिपोर्ट : 3600 करोड़ की लागत से बना आकाश मिसाइल बेसिक टेस्ट में फेल

आकाश मिसाइल बेसिक टेस्ट में फेल के लिए चित्र परिणाम

TOC NEWS // TIMES OF CRIME

नई दिल्लीः कैग (कंप्ट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल) ने संसद में पेश अपनी रिपोर्ट में एयरफोर्स के स्ट्रैटजिक मिसाइल सिस्टम की तैनाती में देरी पर चिंता जताई है। रिपोर्ट के मुताबिक देश में तैयार मिसाइल सिस्टम को चीन बॉर्डर पर 2013 से 2015 के बीच 6 ठिकानों पर तैनात किया जाना था, लेकिन उन ठिकानों पर कंस्ट्रक्शन में देरी के चलते 3619.25 करोड़ रुपए की कॉस्ट से तैयार एक भी मिसाइल सिस्टम को आज तक तैनात नहीं किया जा सका।  
लोकसभा में शुक्रवार को पेश सीएजी की रिपोर्ट में हालांकि मिसाइल सिस्टम के नाम का जिक्र नहीं है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कैग का इशारा आकाश मिसाइल सिस्टम की तरफ है। कैग ने कहा है कि सरकार ने खतरों के चलते स्ट्रैटजिक मिसाइलों को शामिल करने की मंजूरी दी थी।  कैग ने कहा है कि सरकारी कंपनी भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) से प्राप्त इस स्ट्रैटजिक मिसाइल सिस्टम की क्वालिटी में खामी है। कैग की रिपोर्ट एयरफोर्स और मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस के लेन-देन के टेस्ट ऑडिट से जुड़े मामलों और डिफेंस मिनिस्ट्री के रिकॉर्ड्स से संबंधित है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि चूंकि 'S' सैक्टर में टोह और निगरानी क्षमता प्रभावित हुई, इसलिए मिसाइल सिस्टम के लिए तय ठिकानों पर रखरखाव सुविधाएं जुटाने में देरी हुई। जबकि इस सेक्टर में 2011-16 के दौरान टोही मिशन पर एयरफोर्स ने 34.40 करोड़ रुपए अतिरिक्त खर्च किए।108 आटोपायलट प्रोजेक्ट पर भी एतराज। कैग ने रिपोर्ट में एयरफोर्स के 108 जगुआर आटोपायलट प्रोजेक्ट पर भी एतराज जताया है। अगस्त 1999 में हुए एक कॉन्ट्रैक्ट के मुताबिक 2006 से 2008 के बीच सिर्फ 35 आटोपायलट हासिल हुए।
कैग की रिपोर्ट ऐसे वक्त में सामने आई है जब भारत और चीन के बीच सिक्किम के डोकलाम एरिया में 43 दिनों से विवाद जारी है। ये इलाका एक ट्राई जंक्शन (तीन देशों की सीमाएं मिलने वाली जगह) है। चीन यहां सड़क बनाना चाहता है, पर भारत-भूटान इसका विरोध कर रहे हैं। बॉर्डर पर दोनों देशों की 60-70 सैनिकों की टुकड़ी 100 मीटर की दूरी पर आमने-सामने डटी हैं। ये विवाद 16 जून को तब शुरू हुआ था, जब इंडियन ट्रूप्स ने डोकलाम में चीन के सैनिकों को सड़क बनाने से रोक दिया था। चीन का कहना है कि वह अपने इलाके में सड़क बना रहा है। इस एरिया का भारत में नाम डोका ला है जबकि भूटान में इसे डोकलाम कहा जाता है। चीन दावा करता है कि ये उसके डोंगलांग रीजन का हिस्सा है। भारत-चीन का जम्मू-कश्मीर से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक 3488 km लंबा बॉर्डर है। इसका 220 km हिस्सा सिक्किम में आता है।
चीन इस बात पर जोर दे रहा है कि भारत पहले डोकलाम से अपनी सेना वापस बुलाए, उसके बाद ही विवाद हल करने पर बातचीत हो सकती है, लेकिन भारत ने इससे इंकार कर दिया है। भारत के एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार) अजीत डोभाल ने शनिवार को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बीजिंग में मुलाकात की थी। इससे पहले गुरुवार को डोभाल ने चीन के एनएसए यांग जिआची से मुलाकात की थी। इन मुलाकातों को डोकलाम विवाद के हल से जोड़कर देखा जा रहा है।

No comments:

Post a Comment