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Friday, July 28, 2017

नीतीश खुद हत्या के आरोपी लालू ने लगाया आरोप, जानें उस मर्डर की पूरी कहानी

लालू ने नीतीश को बताया जिस केस का आरोपी, जानें उस मर्डर की पूरी कहानी के लिए चित्र परिणाम

TOC NEWS // TIMES OF CRIME

पटना. आखिरकार नीतीश कुमार 15 घंटे बाद ही फिर से बिहार के सीएम बन गए। बुधवार शाम नीतीश ने इशारों ही इशारों में लालू यादव पर जो हमला बोला था उसका जवाब लालू ने नीतीश कुमार का नाम लेकर दिया। लालू ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में नीतीश कुमार को मर्डर केस का आरोपी बताया।गुरुवार को लालू ने एक बार फिर अपनी बात दोहराते हुए इस मामले के कागजात और नीतीश द्वारा विधानसभा चुनाव के  दौरान भरे गए नामांकन की फोटोकॉपी पत्रकारों को दिखाई। लालू ने दावा किया कि उनके आरोप सही हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश ने इस हत्या के मामले की जानकारी भी अपने नामांकन फार्म में दी है। 

आखिर क्या है पूरा मामला...  

-राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने सीएम नीतीश कुमार को कांग्रेस नेता सीता राम सिंह के हत्या का आरोपी बताया है। लालू प्रसाद ने कहा कि कोर्ट नीतीश कुमार को इस मामले में अभियुक्त मान केस की ट्रायल शुरू कर दिया था। लेकिन, कोर्ट इस मामले पर अपना कोई फैसला सुनाता इससे पहले ही अभियुक्त योगेंद्र प्रसाद की याचिका पर हाईकोर्ट लोअर कोर्ट के प्रोसेडिंग पर रोक लगाते हुए पूरे मामले को अपने पास मंगवा लिया। तब से ये मामला पटना हाईकोर्ट के जज एके त्रिपाठी की बेंच में लंबित है।

क्या है पूरा मामला

-16 नवंबर 1991में बाढ़ लोकसभा उपचुनाव के दौरान कांग्रेस नेता सीताराम सिंह की हत्या हुई थी। 
-सीताराम सिंह अपना वोट देने जा रहे थे उसी समय उनपर हमला हुआ था, जिसमें उनकी मौत हो गयी थी।
-इस हमले में सुरेश सिंह, मौली सिंह,मन्नु सिंह और राम बाबू सिंह गंभीर रुप से घायल हो गए थे।
 
-17 नवंबर को सीताराम सिंह के रिश्तेदार अशोक सिंह इस मामले में जनता दल प्रत्याशी नीतीश कुमार. पूर्व मंत्री दिलीप सिंह और लालू प्रसाद के करीबी दुलारचंद्र यादव समेत दो अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। 
- दुलाल चंद्र यादव और दिलीप सिंह पर पहले से भी हत्या, रंगदारी और अपहरण के मामले चल रहे थे। दिलीप सिंह मोकामा के विधायक अनंत सिंह के बड़े भाई थे । अनंत सिंह पर भी कई अपहरण, हत्या और रंगदारी के मामले दर्ज हैं।

पुलिस की जांच में नीतीश कुमार को मिली थी क्लीन चीट


-इस माले की जांच बाढ़ थाना की ओर से किया गया। पुलिस ने अपनी जांच में नीतीश कुमार को बरी कर दिया। पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में लिखा था कि सीताराम सिंह की हत्या में नीतीश कुमार की भूमिका के कुछ भी साक्ष्य नहीं मिले हैं।

रामानंद के बयान पर कोर्ट में शुरु हुआ था ट्रायल

-कांग्रेस नेता सीताराम सिंह के भाई ने पुलिस की जांच को कोर्ट में 20 जनवरी 2009 को चैलेंज किया। अशोक सिंह ने कहा इस घटना के कई प्रत्यक्षदर्शी हैं, इनके बयान भी लिए जायें।
- अशोक सिंह के इस अपील पर कोर्ट ने फिर से मामले की सुनवायी शुरु कर दी थी। कांग्रेस नेता सीताराम सिंह की हत्या का प्रत्यक्षदर्शी रामानंद सिंह ने कोर्ट में पुलिस की जांच को चुनौती देते हुए कहा था कि मेरे पास नीतीश कुमार, दुलाल चंद्र यादव, दिलीप सिंह, बुद्दु यादव और योगेंद्र के खिलाफ साक्ष्य है कि कैसे इन लोगों ने सीताराम सिंह की हत्या की है।
- कोर्ट ने रामानंद के बयान को गंभीरता से लेते हुए ट्रायल शुरु कर दिया था। इसके बाद कोर्ट ने नीतीश कुमार समेत चार अन्य लोगों को वर्ष 2009 में समन जारी कर अपना पक्ष रखने को कहा था। ये समन 31 अगस्त और 9 सितंबर 2009 को जारी किया गया था।

 हाईकोर्ट ने प्रोसेडिंग पर लगायी रोक

- सीताराम सिंह हत्या के आरोपी योगेंद्र सिंह ने लोअर कोर्ट के प्रोसेडिंग के खिलाफ हाईकोर्ट में अपनी याचिका दायर की थी।
-योगेंद्र सिंह की अपील पर हाईकोर्ट ने पूरे मामले को अपने पास मंगवा लिया था।
- हाईकोर्ट ने इस मामले में अन्तिम दफा 28 जुलाई 2010 को जस्टिस एके त्रिपाठी की कोर्ट में सुनवायी हुई थी।
 
सीता राम सिंह के वकील दीपू कहते हैं कि यह मामला हाईकोर्ट की जानकारी में है। हाईकोर्ट को इस मामले में शीघ्र सुनवायी करके पूरे मामले को नीचली आदालत में पारित कर देना चाहिए।

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