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Thursday, August 3, 2017

8 वीं कक्षा तक छात्रों को फेल ना करने की नीति खत्म करने को कैबिनेट की मंजूरी

Scrapping of no detention policy in schools to be approved by Cabinet

TOC NEWS // TIMES OF CRIME

छात्रों को आठवीं कक्षा तक फेल नहीं करने की नीति पर अब जल्द ही विराम लग जाएगा। कैबिनेट ने बुधवार को नो-डिटेंशन नीति खत्म करने को मंजूरी दे दी है। साथ ही देश में 20 विश्व स्तरीय शिक्षण संस्थान बनाने की मानव संसाधन मंत्रालय की योजना को भी कैबिनेट की हरी झंडी मिल गई है।

नए विधेयक का प्रस्ताव बच्चों की मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा के अधिकार (आरटीई) के संशोधन विधेयक में शामिल किया जाएगा। इससे राज्यों को पांचवीं और आठवीं में फेल करने वाले छात्रों को फिर से उसी कक्षा में रखने का अधिकार होगा जिसकी सालाना परीक्षा वे पास नहीं कर पाएंगे।
नए कानून के तहत हालांकि उसी कक्षा में रखने से पहले छात्रों को परीक्षा के जरिये सुधार करने का एक और मौका दिया जाएगा। इससे संबंधित संशोधन विधेयक को अब संसद में मंजूरी के लिए रखा जाएगा। 
आरटीई कानून के प्रावधानों के तहत छात्रों को आठवीं कक्षा तक बिना किसी रुकावट के अगली कक्षा तक जाने की सुविधा मिल रही है। अप्रैल 2010 से लागू आरटीई कानून की यह एक बड़ी विशेषता है। देश में 20 विश्व स्तरीय संस्थान बनाने को लेकर कैबिनेट जून तक सहमत नहीं थी लेकिन बुधवार को इसे भी मंजूरी मिल गई।
विश्व स्तरीय 20 विश्वविद्यालयों के लिए दस निजी और 10 सरकारी संस्थानों को चुना जाएगा। सरकार उन्हें इंफ्रास्ट्रक्चर फंड मुहैया कराएगी, जिसके लिए पांच साल में 10 हजार करोड़ रुपये खर्च होने हैं। इन संस्थानों का 10 साल के अंदर 100 सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में शामिल कराने का लक्ष्य है। 

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