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Sunday, August 20, 2017

अमित शाह को जेल पहुँचाना मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी उपलब्धि



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नई दिल्ली। लेखिका राणा अय्यूब ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को जेल पहुँचाने को अपनी जिंदगी की सबसे बड़ी उपलब्धि माना है. ध्यान रहे राणा अय्यूब राणा अय्यूब गुजरात के नेक वरिष्ठ पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों तथा राजनेताओं के स्टिंग ऑपरेशन के चलते चर्चा में आई थी.

अमित शाह को जेल जाने को लेकर राणा अय्यूब कहती है कि उनकी इंवेस्टीगेटिव रिपोर्ट की वजह से अमित शाह जेल गए थे. ये उनकी जिंदगी की सबसे बड़ी कामयाबी है. ध्यान रहे राणा अय्यूब 2006 में पत्रकारिता के क्षेत्र ने आई थी. तहलका पत्रिका में ज्वाइन करने के बाद राणा अय्यूब ने 2010 गुजरात दंगों का स्टिंग कर दुनिया भर में तहलका मचा दिया था. उन्होंने ये कारनामा मात्र 26 साल की उम्र में किया था.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार वो कहती हैं कि उन्होंने अपनी पहचान बदली, वो 8 महीने मैत्री त्यागी बनकर रहीं और उसकी ज़िंदगी जी. ब्यूरोक्रेट्स से होते हुए राणा ने अमित शाह का स्टिंग किया, लेकिन जिस दिन उन्होंने नरेंद्र मोदी का स्टिंग किया तहलका ने इंवेस्टीगेशन बंद करने को कहा गया.

राणा अय्यूब ने कहाकि इंवेस्टीगेशन की शुरुआत बहुत छोटे स्तर से की गई थी लेकिन जब मैं ब्यूरोक्रेट्स से होते हुए अमित शाह और फिर नरेंद्र मोदी तक पहुंच गई तो तहलका ने मुझे वापस बुला लिया. तहलका को डर था कि कहीं उसे एक बार फिर ना बंद करवा दिया जाए. लेकिन मुझे उस वक्त तक बहुत कुछ मिल चुका था. गुजरात के होम सेक्रेट्री, कमिश्नर ऑफ पुलिस, इंटेलीजेंस चीफ इन सब का स्टिंग मैं कर चुकी थी. मेरे शरीर में 6 कैमरे रहते थे. मैं सिस्टम में घुसकर उनके जैसे बन गई थी. मैंने मुसलमानों की बुराई की, आरएसएस की तारीफ़ की.

राणा बताती हैं कि अधिकारियों ने पहली बार माना कि उन्होंने जो किया वो अच्छा किया. वो एहसान जाफिरी की हत्या से खुश थे. पुलिस कमीशनर ने कहा कि मुसलमानों ने दो बार मारा हमने एक बार हमारी छाती चौड़ी हो गई. अधिकारियों ने स्टिंग में ये भी बताया कि मोदी के विरोधी हरेन पंड्या की हत्या में मोदी और आडवाणी का हाथ है. राणा अय्यूब कहती हैं कि मेरे स्टिंग आने के बाद मीडिया को एक बड़ा कैंपने चलाना चाहिए था लेकिन किसी ने कुछ नहीं किया.

एसआईटी ने मुझसे टेप भी नहीं मांगा. मेरी किताब के लॉंच में देश के सभी बड़े एडिटर शामिल थे लेकिन किसी ने कोई कुछ नहीं बोला. मेरी बुक को लॉन्च करने के बाद मोदी सरकार ने विरोध नहीं किया क्योकि उनको पता था कि मेरी किताब बैन करने के बाद उसे लोग और पढ़ेंगे. राणा दावा करती हैं कि उन्हें कोर्ट में कोई चैंलेज नहीं कर पाया ना ही ये कह पाया कि मेरा किया गया स्टिंग गलत है.

वो कहती हैं कि मेरी उपलब्धि ये है कि किसी ने मेरी बात को नकारा नहीं है, सबसे टॉप लेबल के लोगों का स्टिंग किया है लेकिन कोई मुझे अदालत नहीं ले गया. उन्होंने कहा, मेरे पास स्टिंग के सारे टेप्स हैं लेकिन मैं उन्हें इसलिए नहीं लॉन्च कर रही क्योंकि वो पब्लिसिटी के लिए नहीं हैं बल्कि इंसाफ़ के लिए हैं. झे इंतज़ार है कि कब मुझे एसआईटी बुलाएगी और मुझसे टेप मांगेगी. राणा अय्यूब ने कहाकि वो गुजरात दंगों की दोबारा जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगी.

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