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नॉर्थ कोरिया के पूरे मिसाइल प्रोग्राम के पीछे के मास्टरमाइंड का खुलासा हो गया है। वो एक कम उम्र का वैज्ञानिक है जिसे किम जोंग-उन ने कुछ वक्त पहले एक उपग्रह को सफलतापूर्वक स्पेस में भेजने के बाद प्रोमोट किया था। इसका नाम किम जोंग-सिक है। वो 20 सालों से भी ज्यादा लंबे वक्त का एक्सपीरियंस रखने वाला एक टेक्निकल एक्सपर्ट है जिसे नॉर्थ कोरिया के परमाणु संपन्न इंटरकॉन्टिनेन्टल बैलिस्टिक मिसाइल प्लान्स का मास्टर माइंड माना जा रहा है।
किम जोंग-सिक को नॉर्थ कोरिया के सर्वोच्च सम्मान किम जोंग-इल से भी सम्मानित किया गया है। इसके अलावा देश के आर्म एम्युनिशन विभाग में सर्वोच्च पद भी मिला हुआ है। खबरों की मानें तो साउथ कोरिया के इंटेलीजेंस विभाग ने ये वॉर्निंग दी है कि जल्द ही नॉर्थ कोरिया एक और इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल टेस्ट फायर के लिए तैयार किया जा रहा है।
नॉर्थ कोरिया की राजधानी प्योंगयांग के एलीट 38 नॉर्थ वाचडॉग के साथ काम करने वाले माइकल मैडन ने इस रॉकेट साइंटिस्ट को देश के मिसाइल प्रोग्राम में 'की फिगर' बताया है। मैडन ने बताया कि, "वो बेहद ही महत्वपूर्ण हैं। वो लगभग सभी मिसाइल टेस्ट और देश की डिफेंस इंडस्ट्री से जुड़े लगभग हर मसले पर मौजूद होते हैं। इन्हीं की मदद से देश के मिसाइल्स में आने वाले कई प्रॉब्लम्स में सुधार कर एक टेकनिकल बेंचमार्क तक पहुंचा गया ।
एक वाकये का जिक्र करते हुए मैडन बताते हैं कि, "उन्होंने 2012 में एक स्पेस लॉन्च करने की कोशिश की थी जो कि 10 सेकेंड के अंदर ही फेल हो गई। जिसके बाद उन्होंने कुछ लोगों को वहां से हटा दिया और फिर दिसंबर 2012 में किम जोंग-सिक को मौका दिया गया और वो लीड पोजिशन पर बैठाए गए। वो एक मीड लेवल पोजिशन से देखते ही देखते नॉर्थ कोरिया के एम्युनिशन इंडस्ट्री के डिप्टी डायरेक्टर हो गए।"
नॉर्थ कोरिया में डिप्टी डायरेक्टर के पास डायरेक्टर से ज्यादा पावर होता है। किम जोंग सिक एक एयरोनॉटिकल इंजीनियर है और देखते ही देखते किम जोंग के चहेतों में सुमार हो गया।
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