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Wednesday, October 11, 2017

जान जोखिम में डालकर स्कूल जाने को मजबूर हैं ग्रामीण बच्चे





TOC NEWS @ सिवनी // देवराज डेहरिया

*कीचड़ से भरे नाले को पार कर स्कूल जा रहे नैनिहाल* 
*शासन-प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान*
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सिवनी। सरकारी प्रयासों के बावजूद बच्चो को स्कूल तक पहुंचाने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। ऐसा ही एक मामला जनपद पंचायत सिवनी के अंतर्गत ग्राम पंचायत डोकररांजी के ग्राम समनापुर ग्राम का प्रकाश में आया है। जहां गांव के बच्चों को स्कूल पहुंचना किसी मशक्कत से कम नही है। समनापुर गांव से स्कूल पढ़ने जाने वाले बच्चों को इन दिनो स्कूल जाने में काफी ज्यादा मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है बारिश के बाद रास्ते के बीच पड़ने वाला एक नाला बच्चों को स्कूल जाने से रोक रहा है। फिर भी बच्चे जान जोखिम में डालकर नाला पार कर स्कूल जाने को मजबूर है।
जिला मुख्यालय से करीब 50-55 किमी दूर स्थित समनापुर गांव के लोग आज भी जान हथेली पर रखकर आवागमन करने मजबूर है। इस गांव के छात्र छात्राएं गहरे नाले को पार कर स्कूल जाते है। बारिश के दिनों में नाले में पानी का बहाव तेज होने से कई दिनों तक छात्र छात्राएॅं स्कूल नही जा पा रहे हैं वहीं ग्रामीण विभिन्न कामों से नाले के कारण आना जाना नही कर पा रहे है लंबे समय से इस नाले में पुलिया की मांग गांव के सरपंच और ग्रामीणों द्वारा की जा रही है। लेकिन किसी भी जनप्रतिनिधि व अधिकारीयों ने पुलिया बनाने कोई पहल नहीं की है।

*प्रशासन को है हादसे का इंतजार*    
 ग्राम पंचायत डोकररांजी के अंतर्गत आने वाले समनापुर गांव के विद्यार्थियों को अध्ययन करने लगभग दो किमी. की दूरी तय कर समीपस्थ ग्राम खापाबाजार में जाना पड़ता है। ज्ञात होवे कि इस दो किमी के रास्ते के बीच एक कीचड़ से भरा हुआ गहरा नाला है, जिसे पार कर छात्र-छात्रायें स्कूल जाने को मजबूर हैं। घुटने तक पानी में घुसने के बाद किसी तरह विद्यार्थी नाला पार कर स्कूल पहुंचते हैं। एवं इसी नाले से वापस अपने घर आते हैं। ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि बारिश का पानी अधिक होने से उक्त नाले में कभी भी बाढ़ आ जाती है, जिसके चलते छात्र-छात्राओं को नाला पार करते समय कभी भी गंभीर हादसा हो सकता है। इस गंभीर समस्या के निदान हेतु अभी तक उच्चाधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों ने गंभीरता से नहीं लिया है। अगर जल्द ही उक्त नाले में पुल निर्माण नहीं किया जाता है तो कभी भी गंभीर हादसा होने की आशंका है।

*पुलिया नहीं बनने से हो रही परेशानी*
 ज्ञात हो कि ग्राम पंचायत की लाख कोशिशों के बावजूद भी आज दिनांक तक उक्त नाले में पुल नहीं बनाया गया है। कहने को तो सरकार ने नौनिहालों के लिये उन्नयन शाला खोल रखी है। लेकिन स्कूल तक जाने का रास्ता आज तक नहीं बना पाई है। रास्ते की बीच उक्त नाला जो कि बारिश के पानी से बाढ़ आ जाने के बाद बच्चों के लिये परेशानी का सबब बना हुआ है। साथ ही समनापुर गांव का संपर्क आसपास के गांवों से टूट जाता है। स्कूली बच्चों एवं गांव वालों को मुख्य सड़क तक जाने के लिये 10 किमी. दूरी का चक्कर लगाकर आना जाना पड़ता है। बारिश के मौसम में यह हाल कई वर्षों से है। बांकी दिनो में पानी और दलदल के कारण बच्चों को काफी ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में बच्चों को उनके अभिभावक कांधे में बैठाकर नाला पार कराकर स्कूल पंहुचाते हैं। साथ ही छात्र-छात्राओं ने बताया कि ऊबड़ खाबड़ रास्ते और नाला पार कर किसी तरह वे दो किमी. दूर स्कूल पढ़ने जाते हैं, शाम को नाला पार कर जब वे घर पहुंचते हैं तो थकान होने के कारण वे घर पर पढ़ाई नहीं कर पाते हैं। अगर उक्त नाले में पुलिया बन जायेगी तो वे सायकिल से आना जाना कर सकेंगे। इससे कम थकान होने से घर पर भी पढ़ाई पर ध्यान दे पायेंगे। साथ ही उनका परीक्षा परिणाम भी बेहतर आयेगा।

*किसान एवं ग्रामीण भी परेशान*
 उक्त नाले में पुलिया नहीं बन पाने से छात्र-छात्राओं को तो परेशानी हो ही रही है। साथ ही गांव के किसान एवं ग्रामीण भी खासे परेशान हैं। किसानों ने बताया कि खेतों में खाद, बीज व कीटनाशक दवाओं को ले जाने के लिये 10 किमी. दूर घूमकर खापाबाजार से जाना पड़ता है। वहीं ग्रामीणों ने बताया कि मुख्य बाजार ग्राम खापा में है समनापुर गांव के ग्रामीणों को कोई भी आवश्यक सामग्री इत्यादि के लिये मजबूरीवश उक्त नाले के गहरे पानी से होकर किसी तरह समीपस्थ ग्राम खापाबाजार पहुंचते हैं और दुकानों से सामग्री लेकर पुनः इसी नाले से वापस लौटते हैं जिससे खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

*गर्भवती महिलाओं को खापाबाजार अस्पताल ले जाने में होती हैं दिक्कतें*
 समनापुर गांव में स्वास्थ्य संबंधी कोई भी सुविधा एवं डाॅक्टर उपलब्ध न होने के कारण गर्भवती महिलाओं एवं बीमार व्यक्तियों को ईलाज हेतु समीपस्थ ग्राम खापाबाजार जाना पड़ता है जिससे उक्त नाले को पार करने में खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। गंभीर स्थिति में मरीज एवं गर्भवती महिलाओं को करीब 5-6 किमी घूमकर दूसरे रास्ते से किसी तरह खापाबाजार के अस्पताल ले जाने की व्यवस्था की जाती है। इसमें समय अधिक लगने से मरीज की स्थिति बिगड़ने की संभावना बनी रहती है।

*कलेक्टर, विधायक से लेकर मुख्यमंत्री तक लगा चुके गुहार*
 उक्त नाले में पानी होने की दशा में हर समय अनहोनी का खतरा बना रहता है। ग्राम पंचायत के सरपंच अमित राय द्वारा बताया गया कि इस गंभीर समस्या के निदान हेतु कलेक्टर महोदय एवं विधायक महोदय से लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री तक गुहार लगा चुके हैं। परंतु कहीं पर भी उक्त नाले में पुल बनाने के लिये मदद नहीं मिली है। इस मामले में नवागत कलेक्टर गोपालचंद्र डाड का कहना है कि जल्द ही उक्त नाले में पुल बनवाने की कोशिश की जावेगी।

*संबंधित अधिकारी पुलिया निर्माण में नहीं दे रहे ध्यान*
 ग्राम पंचायत सरपंच अमित राय ने बताया कि समनापुर गांव से खापाबाजार ग्राम को जोड़ने वाली डेढ़ किमी. की सड़क के बीच स्थित नाले में पुलिया निर्माण की मांग विगत कई वर्षों से की जा रही है। करीब 15 मीटर की पुलिया निर्माण के लिये बीते साल 15 लाख रूपऐ का स्टीमेट तैयार करके भी आरईएस विभाग को दिया गया है। लेकिन संबंधित विभाग के अधिकारियों द्वारा इस गंभीर मामले को नजर अंदाज कर उक्त नाले में पुलिया निर्माण हेतु ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

*इनका कहना है*
 उक्त नाले में पुल बनाये जाने हेतु कलेक्टर महोदय एवं विधायक महोदय से लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री तक कई बार मांग की जा चुकी है। किन्तु इसके बाद भी आज तक उक्त समस्या का समाधान नहीं हो पाया है। जिससे गांव के छात्र-छात्रायें एवं ग्रामीण जान जोखिम में डालकर नाले को पार कर आना जाना कर रहे हैं।
                                                   
          *अमित राय*
            *सरपंच*
*ग्राम पंचायतडोकररांजी*

उक्त समस्या को देखते हुये जल्द ही नाले में पुल बनवाया जावेगा। जिससे छात्र-छात्राओं एवं ग्रामीणों को आवागवन में सुविधा होगी।
    *कलेक्टर गोपालचंद्र डाड*

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