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Friday, November 3, 2017

हम क्लीन थे तो क्लीन चिट मिलनी ही थी शिवराज

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भोपाल: व्यापमं (व्यावसायिक परीक्षा मंडल) घोटाले में सीबीआई ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बड़ी राहत प्रदान की है। मंगलवार को अदालत में पेश चार्जशीट में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के उन आरोपों को खारिज कर दिया गया है, जिसमें मुख्यमंत्री को बचाने के लिए हार्डडिस्क में छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया गया था।
भोपाल अदालत में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एससी उपाध्याय की अदालत में मंगलवार को पीएमटी 2013 के मामले में 490 आरोपियों के खिलाफ सीबीआई ने चालान पेश किया। साथ ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर व्यापमं मामले में हार्ड डिस्क में छेड़छाड़ को लेकर हुई विवेचना की रिपोर्ट भी भोपाल की अदालत में प्रस्तुत की गई।
सीएम शब्द जोड़ा गया
सीबीआई ने एफएसएल हैदराबाद की रिपोर्ट के हवाले से कहा कि मुख्य आरोपी नितिन महिंद्रा से 18 जुलाई 2013 को जब्त की गई हार्डडिस्क में कोई छेड़छाड़ नहीं की गई। साथ में अदालत को यह भी
बताया कि दिग्विजय सिंह और प्रशांत पांडे द्वारा दिल्ली हाईकोर्ट को सौंपी गई दो पेनड्राइव में 18 जुलाई 2013 को सीएम शब्द जोड़ा गया।
यह ‘सीएम’ शब्द हार्ड डिस्क की जांच में नहीं पाया गया। भोपाल में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश
एससी उपाध्याय की अदालत में मंगलवार को सीबीआई ने हार्डडिस्क में छेड़छाड़ व पेनड्राइव की हैदराबाद की सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरीज से कराई गई जांच रिपोर्ट पेश की है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने व्हीसिलब्लोअर प्रशांत पांडे की याचिका पर सीबीआई को 31 अक्टूबर 2017 तक हार्डडिस्क व पेनड्राइव की सीएफएसएल की जांच पर रिपोर्ट भोपाल की विशेष कोर्ट में पेश करने को कहा था।
इधर, सीबीआई ने पीएमटी 2013 के मामले में जिन 490 आरोपियों के खिलाफ चालान पेश किया है, उनमें तीन व्यापमं के अधिकारी, तीन रैकेटियर, 17 बिचौलिए, 297 सॉल्वर और 170 वे अभिभावक हैं, जिनके बच्चों को परीक्षा में फायदा हुआ है। उधर, कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता केके मिश्रा ने सीएम शिवराज सिंह चौहान को सीबीआई द्वारा क्लीनचिट दिए जाने के मामले में कहा है कि यह सुप्रीम कोर्ट की अवमानना है

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