Pages

click new

Thursday, November 23, 2017

वीरांगना की मूर्ति बेटियों को आगे बढ़ने के लिये उत्साह उर्जा और प्रेरणा देती है-वित्तमंत्री श्री मलैया

TOC NEWS

वीरांगना झलकारी बाई की आज 187 वीं जयंती पर आप सभी का वंदन अभिनंदन है। उत्तर प्रदेश में उनकी प्रतिमा आगरा में स्थापित की गई है, प्रदेश के भोपाल में वीरांगना झलकारी बाई की मूर्ति का अनावरण भारत के राष्ट्रपति महामहिम श्री रामनाथ कोविंद द्वारा गुरू तेगबहादुर काम्पलेक्स में अभी हाल ही में किया गया है। इस आशय की बात आज प्रदेश के वित्त, वाणिज्यिक कर मंत्री जयंत कुमार मलैया ने अखिल भारतीय कोरी समाज संगठन जिला शाखा दमोह द्वारा आयोजित वीरांगना झलकारी बाई की जयंती कार्यक्रम में कही। इस अवसर पर सांसद प्रहलाद पटैल, भाजपा जिलाध्यक्ष देवनारायण श्रीवास्तव, लघु वनोपज संघ अध्यक्ष महेश कोरी, नगर पालिका अध्यक्ष मालती असाटी, डॉ. केदारनाथ शर्मा, रमन खत्री, राघवेन्द्र सिंह, रूपेश सेन, जनपद सदस्य लता राजेश कोरी, संतोष रोहित, बीडी बावरा मंचासीन थे।

   वित्तमंत्री श्री मलैया ने कहा वीरांगना झलकारी बाई हू-ब-हू लक्ष्मीबाई की शक्ल में थी। इतिहास में कई लोगों को उतना स्थान नहीं मिल पाता है जितना मिलना चाहिये, वैसा ही वीरांगना झलकारी बाई के साथ हुआ। वीरांगना की मूर्ति बेटियों को आगे बढ़ने की के लिये उत्साह, उर्जा और प्रेरणा देती है। उन्होंने कहा 75 प्रतिशत से अधिक अंक लाने पर बेटे-बेटियों पढ़ाई में आगे बढ़ने के लिये सरकार मदद कर रही है, उनकी फीस सरकार भरेगी, आप सभी अपने-अपने बेटे बेटियों को पढ़ायें। उन्होंने कहा समाज के भवन हेतु जमीन बतायें, हम भवन बनवा देंगे।
   सांसद प्रहलाद पटैल ने कहा मैं अपनी तरफ से कोरी समाज को बधाई देना चाहता हूं आप सब ने इतना अच्छा कार्यक्रम किया। अपने पूर्वजों के गरिमाशाली परम्परा के अनुसार आगे आने वाले समय में यह कार्य अपने बच्चों को मार्गदर्शन देगा। उन्होंने कहा मैने झलकारी बाई की प्रतिमा देखी है, जो इतिहासवाद को बड़ी गरिमा के साथ आगे बढ़ाने के लिये किसी भी कीमत पर अगर झलकारी बाई को जीवित करना है तो हमें अपने आप को दाव पर लगाना पड़ेगा। झलकारी ने स्वतंत्रता संग्राम में मोर्चा सम्हाला और उसी का परिणाम हैं कि लक्ष्मीबाई दूसरी ओर से निकल सकीं। उन्होंने वीर सपूतों और वीरांगनाओं के बारे में बड़े विस्तार से अपनी बात रखी।

   लघुवनोपज संघ के अध्यक्ष महेश कोरी ने कहा प्रदेश के मंत्री जयंत कुमार मलैया और सांसद ने अपने व्यस्ततम समय में से अपना अमूल्य समय हमें कार्यक्रम के लिये दिया है यह गौरव की बात है। उन्होंने कहा पूरे देश मे कोरी समाज की जनसंख्या करोड़ों में है। इसी प्रकार मध्यप्रदेश में भी लगभग 42 लाख है जो लगभग 6 प्रतिशत है। उन्होंने कहा वीरांगना झलकारी बाई कोरी के इस कार्यक्रम में सभी एक रहें और एकता का परिचय दें। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ करते हुये कहा कि उन्होंने समाज को देश ही नहीं पूरे विश्व में उच्च स्तर पर पहुंचाया है। देश के महामहिम के रूप में श्री रामनाथ कोविंद को आसीन कराया है बहुत गर्व की बात है। उन्होंने कोरी समाज और संगठन को बधाई दी।

   इस अवसर पर अतिथियों का स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मान किया गया। अतिथियों द्वारा प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को स्मृति चिन्ह और प्रमाण पत्र भेंट कर सम्मानित किया गया। इसके अलावा जिले अन्य क्षेत्रों से आये समाज के वरिष्ठजनों का भी सम्मान किया गया। नन्हें-मुन्ने बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा वीरांगना झलकारी बाई के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर तथा राष्ट्रगान से हुआ।
   इस अवसर पर नगर पालिका अध्यक्ष मालती असाटी, डॉ.केदारनाथ शर्मा ने भी वीरांगना झलकारीबाई के जीवन पर विस्तार से प्रकाश डाला और उनके मार्ग पर चलने अनुशरण करने की बात कही।सुधा कनौजे ने भी वीरांगना झलकारी बाई के जीवन पर अपनी बात रखी।

   इसके पूर्व एक वीरांगना झलकारी बाई की जयंती पर एक शोभा यात्रा का आयोजन किया गया जो नगर के विभिन्न मार्गो से होते हुये मानस भवन पहुंची। इस दौरान समाज की दो छात्राएं वीरांगना झलकारी बाई का स्वरूप लेकर घोड़े पर सवार होकर चल रहीं थी। जगह-जगह शोभायात्रा का स्वागत किया गया।
   कार्यक्रम में प्रदेश सदस्य इन्द्रकुमार कोरी, अध्यक्ष वाय.के.कोरी, उपाध्यक्ष लखन तंतुवाय, मुकेश कोरी खजरी, राजेश कोरी, बुद्दन तंतुवाय हटा, गोपी मास्टर, सुरेन्द्र कठहरे, हेमेन्द्र कोरी हिण्डोरिया, प्रकाश कोरी, पी.एल.तंतुवाय, जसवंत कोरी, दीपचंद कटहरे, पी.एल.कोरी, शारदा प्रसाद कोरी, तुलसीराम, ब्राज किशोर, प्रेमलाल कोरी, महेश कटारे, मुरारी कोरी, डॉ. नरेन्द्र कोरी, प्रेम दाऊ, डैनी कोरी, नरेन्द्र तंतुवाय, दीपराज कोरी, अरूण कोरी, जितेन्द्र कोरी, रवि कोरी, धर्मेन्द्र कोरी,तेजराम कोरी, भरत कोरी, कार्तिक कोरी, संत कुमार कोरी, सूरज कोरी सहित कोरी समाज के नागरिकगण तथा बड़ी संख्या में महिलाएं मौजूद थी।

No comments:

Post a Comment