Pages

click new

Thursday, December 28, 2017

महीनों से फरार थी ‘3700 करोड़ की धोखाधड़ी’ करने वाली कानपुर की आयुषी, पुणे से गिरफ्तार

कई महीनों से फरार थी '3700 करोड़ की धोखाधड़ी' करने वाली कानपुर की आयुषी, पुणे से गिरफ्तार

TOC NEWS

नोएडा में सोशल ट्रेडिंग के नाम पर 37 अरब की ऑनलाइन ठगी के आरोपी अनुभव मित्तल की पत्नी आयुषि को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. सोशल ट्रेड कंपनी में बतौर डायरेक्टर कार्यरत आयुषि को पुणे से गिरफ्तार किया गया. फरवरी 2017 में एसटीएफ ने सोशल ट्रेडिंग के नाम पर 37 अरब की ठगी का खुलासा किया था.

इस मामले में यूपी एसटीएफ ने सबसे पहले इस ठग रैकेट के सरगना अनुभव मित्तल सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया था. कंपनी का बैंक अकाउंट भी सीज करा दिया गया था, जिसमें 500 करोड़ की धनराशि जमा थी. ये लोग नोएडा के सेक्टर 63 में अब्लेज़ इन्फ़ो सोल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड नाम से एक ऑनलाइन कंपनी चला रहे थे.
इस कंपनी ने socialtrade.biz नाम से एक वेबसाइट बनाई थी. इससे 7 लाख लोग जुड़े हुए थे. इनसे पोंजी स्कीम के तहत 3700 करोड़ से ज़्यादा इनवेस्ट कराई गई थी. इस पोर्टल से जुड़ने वाले को 5750 रुपये से 57 हजार 500 रुपये तक कंपनी के अकाउंट में जमा कराने होते थे. इसके बदले हर सदस्य को हर क्लिक पर 5 रुपये घर बैठे मिलते थे.
नाम- अनुभव मित्तल, उम्र- 30 साल, पढ़ाई- बीटेक. नाम- श्रीधर प्रसाद, उम्र- 50 साल, पढ़ाई- एमबीए. नाम- महेश दयाल, उम्र- 35 साल, पढ़ाई- ग्रैजुएट. ये वो तीन नाम हैं, जिन्होंने दिल्ली-एनसीआर समेत देश भर के करीब सात लाख लोगों को ऐसा ठगा कि अब सारे के सारे लोग अपना सिर धुन रहे हैं. ठगी की शुरुआत अनुभव की शातिर चालों से हुई.
हापुड़ के रहने वाले अनुभव ने साल 2010 में अपने हॉस्टल के कमरे से ही पहली फ़र्ज़ी कंपनी की शुरुआत की थी. लेकिन तब इस कंपनी की मार इतनी ज़्यादा नहीं थी. धीरे-धीरे इसने जाल-बट्टा फैलाया और कंपनी ने नोएडा के सेक्टर 63 में सोशल ट्रेड डॉट बिज़ के नाम काम शुरू किया. पकड़े जाने का डर था. लिहाजा, ये बार-बार कंपनी का नाम बदल दिया करता. 
सोशल ट्रेड डॉट बिज़ से कंपनी का नाम अचानक फ्रीहब डॉट कॉम हो गया. फिर फ्री हब डॉट कॉम से इन्टमार्ट डॉट कॉम और इन्टमार्ड डॉट कॉम से फ्रेंजअप डॉट कॉम और फ्रेंजअप डॉट कॉम से थ्री डब्ल्यू डॉट कॉम हो गई. फिर से इस कंपनी ने अपना नाम बदल कर अब्लेज इन्फो सॉल्यूशंस रख लिया था. ये कंपनी लोगों को इनवेस्ट करने का ऑफर देती थी.
इसके बदले में लिंक्स पर हर क्लिक पर पांच रुपये देने का वादा करती थी. इसी वादे की बदौलत उन्होंने आम लोगों को ऐसा चूना लगाया कि उन्हें पता नहीं चला कि कब उनके साथ ठगी हो गई. वो तो जब वादे के मुताबिक ज़्यादातर लोगों को कंप्यूटर पर होने वाले हर क्लिक के बदले में पैसे नहीं मिल रहे थे, तब उन्होंने थाने में जाकर इसकी शिकायत की थी.
यूपी एसटीएफ़ ने इस कंपनी पर अपना शिकंजा कसा, लेकिन इसके बाद जब इस ठग कंपनी के राज बेनकाब होने लगे, तो सुन कर खुद पुलिस भी हैरान हो गई. ये कंपनी लोगों को बैठे-ठाले अमीर बनने का झांसा देती थी. यही झांसा लोगों के लिए फांस बन गया. कंपनी का कहना था कि एक बार रुपये निवेश करने के बाद हर क्लिक पर 5 रुपये मिलने तय हैं.
एसटीएफ के तत्कालीन एसएसपी अमित पाठक ने बताया था कि इस बिज़नेस मॉडल की जांच की गई तो पाया गया कि कंपनी के द्वारा सदस्यों को धोखे में रख कर उनसे पैसे अकाउंट में जमा करा लेते थे. जब मेंबर अपने पेज को लॉगिन करते थे, अक्सर उन्हें जो यूआरएल मिलता था, वही गलत होता था. इस लोगों के साथ धोखा होता था.

No comments:

Post a Comment