Pages

click new

Saturday, February 17, 2018

भू-राजस्व न्यायालयों का नया स्वरूप हो रहा है तैयार : मुख्य सचिव श्री सिंह

TOC NEWS

भोपाल : मुख्य सचिव श्री बी.पी. सिंह ने कहा है कि राजस्व अधिकारियों द्वारा दिये गये सुझावों के आधार पर भू-राजस्व न्यायालयों का नया स्वरूप तैयार किया जा रहा है। इससे राजस्व न्यायालयों का काम-काज अधिक आसान हो जायेगा। श्री सिंह ने यह बात आज जबलपुर में संभाग-स्तरीय बैठक में राजस्व अधिकारियों के काम-काज की समीक्षा करते हुए कही।

उन्होंने कहा कि जबलपुर संभाग प्रदेश के बेहतर राजस्व परफार्मेंस वाले संभागों में गिना जाता है। श्री सिंह ने कहा कि राजस्व न्यायालयों में प्रकरणों के निराकरण में असाधारण विलम्ब होने पर संबंधित अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई करें। लम्बित मामलों के लिये उन्होंने संबंधित जिलों के कलेक्टर और अनुविभागीय अधिकारियों से पूछताछ भी की।
इसे भी पढ़े :- एसडीएम मुकुल गुप्ता के न्यायालय कक्ष में रिश्वतखोरी का खेल खुलेआम चल रहा, रिश्वत लेते पकड़ाया बाबू
उन्होंने कहा कि लम्बे समय तक नामांतरण पंजी जमा न करने वाले पटवारियों के विरुद्ध कार्रवाई करें। उन्होंने पटवारी बस्तों के निरीक्षण, गिरदावरी, वसूली, ओला-वृष्टि एवं जन-सुनवाई से संबंधी जानकारी भी ली। मुख्य सचिव ने कहा कि कार्य में रुचि न लेने वाले अधिकारियों को 20 वर्ष की सेवा अथवा 50 वर्ष की आयु पूरी होने पर सेवानिवृत्ति की कार्यवाही करें।
उन्होंने कहा कि राजस्व न्यायालयों में अदम पैरवी को केवल निराकरण दर्शाने के लिये खारिज नहीं किया जाना चाहिये। प्रमुख सचिव राजस्व श्री अरुण पाण्डे ने प्राकृतिक आपदा में राहत के लम्बित प्रकरणों का शीघ्र निराकरण कर राहत राशि वितरित करने के निर्देश दिये। वरिष्ठ अधिकारी पात्र व्यक्ति को राहत राशि मिलना और अपात्र व्यक्ति को राशि न मिलना सुनिश्चित करें। उन्होंने मोबाइल गिरदावरी की भी जिलेवार समीक्षा की।
इसे भी पढ़े :- महिला कॉन्सटेबल ने ली 300 रुपये रिश्वत, पकड़े जाने पर चबा डाले नोट
इसे भी पढ़े :- पीएनबी घोटाला: नीरव मोदी, मेहुल चौकसी का पासपोर्ट सस्पेंड, दर्जनों ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापे
प्रमुख सचिव राजस्व श्री हरिरंजन राव ने कहा कि आने वाले समय में मूल प्रकरण नस्ती के स्थान पर डिजिटली सिग्नेचर्ड रिकार्ड की अनुमति होगी। इलेक्ट्रॉनिक हस्ताक्षर मोहर लगाकर भेजी गई तामीली भी विधिमान्य होगी। राजस्व न्यायालयों में रिकार्ड-रूम और कॉपी-कक्ष का एकीकरण होगा। राजस्व अभिलेखों की प्रति की प्रिंटेड हार्ड-कॉपी और इलेक्ट्रॉनिक प्रति की निश्चित दर होगी और शुल्क का सरलीकरण किया जायेगा।
उन्होंने पटवारी और राजस्व निरीक्षकों के प्रशिक्षण तैयारियों की भी जानकारी दी। श्री राव ने आवासीय पट्टा वितरण के संबंध में दिशा-निर्देश देते हुए पट्टों के रिकार्ड संधारण पर बल दिया। प्रमुख राजस्व आयुक्त श्री मनीष रस्तोगी ने राजस्व अधिकारियों से चर्चा की। आयुक्त भू-अभिलेख श्री एम. सेलवेन्द्रम ने कहा कि आरसीएमएस को भू-अभिलेख एप्लीकेशन से जोड़ा गया है। इससे नामांतरण आसान होगा और खातों-खसरों की भी जानकारी मिलेगी।
नई व्यवस्था से अविवादित नामांतरण और बँटवारे की बेहतर मॉनीटरिंग होगी। उन्होंने आधुनिक राजस्व रिकार्ड-रूम की भी जानकारी दी। संभागायुक्त श्री गुलशन बामरा ने आरसीएमएस में दर्ज और निराकृत प्रकरणों की जानकारी देने के साथ त्वरित निराकरण के लिये किये गये प्रयासों का ब्यौरा दिया। बैठक में लोक सेवा गारंटी, सी.एम. हेल्पलाइन, सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट तथा अन्य न्यायालयों में अवमानना प्रकरणों की भी समीक्षा की। बैठक में सभी जिलों के कलेक्टर, अपर कलेक्टर, अनुविभागीय अधिकारी, तहसीलदार और नायब तहसीलदार उपस्थित थे।

No comments:

Post a Comment