बर्लिनः अब भले ही चांद पर जिंदगी मिले न मिले, लेकिन मोबाइल का नेटवर्क जरूर मिल जाएगा। वोडाफोन चांद पर मोबाइल नेटवर्क लाने की तैयारी में है। इसके लिए वो नोकिया और ऑडी के साथ मिलकर काम कर रहा है। चांद पर भले अगले साल तक इंसानों का रहना संभव न हो पाए, लेकिन अगले साल से इसपर मोबाइल का नेटवर्क जरूर मिलने लगेगा। वोडाफोन जर्मनी, मोबाइल निर्माता कंपनी नोकिया और लग्जरी गाड़ी निर्माता कंपनी ऑडी चांद पर मोबाइल नेटवर्क लाने के लिए काम कर रहे हैं। मंगलवार को कंपनी की तरफ से कहा गया है कि ये मिशन चांद पर नासा के अंतरिक्षयात्रियों द्वारा कदम रखने के 50 साल बाद हो रहा है। वोडाफोन ने इस मिशन के लिए नोकिया को अपना टेक्नोलॉजी पार्टनर बनाया है। वोडाफोन ने कहा कि नोकिया इसके लिए स्पेस-ग्रेड नेटवर्क तैयार करेगा जोकि हार्डवेयर का एक छोटा सा टुकड़ा होगा और इसका वजन चीनी के बैग से भी कम होगा। इस प्रोजोक्ट के लिए तीनों कंपनियां बर्लिन की पीटीसाइंटिस्ट के साथ मिलकर काम कर रही हैं। ये मिशन साल 2019 में केप कनवेरल स्पेस एक्स फैलक्न 9 रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा। चांद पर ये मोबाइल नेटवर्क घरती तक हाई डेफीनिशन वाले स्ट्रीमिंग से किया जाएगा। चांद पर अभी 5G की बजाय 4G नेटवर्क शुरू किया जाएगा। 5G को लेकर अभी टेस्ट और ट्रायल चल रहा है। इसलिए कंपनी को यकीन नहीं है कि चंद्रमा की सतह पर 5G नेटवर्क सही से चल पाएगा या नहीं।
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बर्लिनः अब भले ही चांद पर जिंदगी मिले न मिले, लेकिन मोबाइल का नेटवर्क जरूर मिल जाएगा। वोडाफोन चांद पर मोबाइल नेटवर्क लाने की तैयारी में है। इसके लिए वो नोकिया और ऑडी के साथ मिलकर काम कर रहा है। चांद पर भले अगले साल तक इंसानों का रहना संभव न हो पाए, लेकिन अगले साल से इसपर मोबाइल का नेटवर्क जरूर मिलने लगेगा।
वोडाफोन जर्मनी, मोबाइल निर्माता कंपनी नोकिया और लग्जरी गाड़ी निर्माता कंपनी ऑडी चांद पर मोबाइल नेटवर्क लाने के लिए काम कर रहे हैं। मंगलवार को कंपनी की तरफ से कहा गया है कि ये मिशन चांद पर नासा के अंतरिक्षयात्रियों द्वारा कदम रखने के 50 साल बाद हो रहा है। वोडाफोन ने इस मिशन के लिए नोकिया को अपना टेक्नोलॉजी पार्टनर बनाया है। वोडाफोन ने कहा कि नोकिया इसके लिए स्पेस-ग्रेड नेटवर्क तैयार करेगा जोकि हार्डवेयर का एक छोटा सा टुकड़ा होगा और इसका वजन चीनी के बैग से भी कम होगा। इस प्रोजोक्ट के लिए तीनों कंपनियां बर्लिन की पीटीसाइंटिस्ट के साथ मिलकर काम कर रही हैं।
ये मिशन साल 2019 में केप कनवेरल स्पेस एक्स फैलक्न 9 रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा। चांद पर ये मोबाइल नेटवर्क घरती तक हाई डेफीनिशन वाले स्ट्रीमिंग से किया जाएगा। चांद पर अभी 5G की बजाय 4G नेटवर्क शुरू किया जाएगा। 5G को लेकर अभी टेस्ट और ट्रायल चल रहा है। इसलिए कंपनी को यकीन नहीं है कि चंद्रमा की सतह पर 5G नेटवर्क सही से चल पाएगा या नहीं।
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