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Tuesday, March 27, 2018

संदीप शर्मा पत्रकार की हत्या मामला : शिवराज सिंह के इस्तीफे और लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की भी मांग


प्रमुख मांगें
1 प्रदेश सरकार कानून व्यवस्था कायम रखने में नाकाम रही है, इसलिए शिवराज सिंह नैतिक आधार पर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दें।
2 मामले की सीबीआई से निष्पक्ष जांच कराई जाए।
3 पीडि़त परिवार को तत्काल 25 लाख रुपए की सहायता उपलब्ध कराई जाए।
4 मामले में दोषी और लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

  1. *पत्रकार की हत्या के मामले की हो सीबीआई जांच, 25 लाख रुपए की सहायता दी जाए: आम आदमी पार्टी*
  2. *भिंड के पत्रकार संदीप शर्मा के मामले में आप के प्रदेश संगठन सचिव पंकज सिंह के नेतृत्व में किया प्रदर्शन*
  3. *शिवराज सिंह के इस्तीफे और लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की भी मांग*

TIMES OF CRIME

भोपाल, 26 मार्च 2018 । आम आदमी पार्टी ने सोमवार को बोर्ड ऑफिस चौराहे पर पत्रकार संदीप शर्मा की हत्या के मामले में प्रदर्शन किया और कानून व्यवस्था कायम रखने में नाकाम रहने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे की मांग की। प्रदर्शन के बाद आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बाबा साहेब अंबेडकर की मूर्ति के करीब संदीप शर्मा को श्रद्धांजलि दी और दो मिनट का मौन रखा. 

प्रदर्शन के दौरान आम आदमी पार्टी के प्रदेश संगठन सचिव और भोपाल जोन के प्रभारी पंकज सिंह ने कहा कि एक पत्रकार समाज के भीतर की गड़बडिय़ों को उजागर करने के लिए युद्ध स्तर पर एक जांबाज सैनिक की तरह मोर्चे पर काम करता है। अगर राज्य में पत्रकार भी सुरक्षित नहीं है, तो समझ सकते हैं कि कानून व्यवस्था का क्या आलम है।
उन्होंने कहा कि शिवराज सरकार प्रदेश की कानून व्यवस्था संभालने में पूरी तरह नाकाम रही है। इसलिए नैतिक आधार पर उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी का मानना है कि पत्रकार की हत्या का यह मामला कोई आम मामला नहीं है, यह एक गंभीर मामला है और इसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए। साथ ही मृतक पत्रकार के परिवार को कम से कम 25 लाख रुपए मुआवजा दिया जाना चाहिए।
उन्होंने बताया कि संदीप शर्मा के एक भाई फौज में थे और वे भी अप्रैल 2004 में आतंकवादियों से लड़ते हुए शहीद हो गए थे। ऐसे परिवार को जिसके दो-दो बेटे देश की सेवा करते हुए अलग-अलग मोर्चों पर शहीद हुए हैं उसे तुरंत सहायता देना और परिवार के साथ खड़ा रहना हर एक नागरिक का कर्तव्य है। साथ ही उन्होंने मांग की कि मामले में लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने बताया कि संदीप सिंह ने 26 अक्टूबर 2017 को रेत माफिया और पुलिस के गठजोड़ के खिलाफ स्ट्रिंग ऑपरेशन किया था।
इस मामले में उन्हें बीते पांच महीने से धमकी मिल रही थीं, जिसकी शिकायत संदीप ने पुलिस से लेकर प्रधानमंत्री तक से की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई और नतीजा यह निकला कि आज हमने एक जांबाज पत्रकार खो दिया। अगर प्रशासन समय रहते इस मामले को गंभीरता से लेता तो एक बेहतरीन पत्रकार हमारे बीच मौजूद होते। पंकज सिंह ने कहा कि इस मामले में दोषी और लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ भी तुरंत कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जानी चाहिए।

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