Pages

click new

Friday, March 23, 2018

आशुतोष बोले- जनादेश को नेस्तनाबूद करने की कोशिश नाकाम, खतरे में लोकतंत्र

आशुतोष  AAP के लिए इमेज परिणाम

TOC NEWS

आम आदमी पार्टी (आप) ने उसके 20 विधायकों की सदस्यता समाप्त करने के फैसले को रद्द करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आज के आदेश का स्वागत करते हुये इसे सत्य की जीत बताया। आप ने पार्टी विधायकों को लाभ के पद के मामले में उच्च न्यायालय से आज राहत देने के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि चुनाव आयोग द्वारा आप विधायकों की सदस्यता रद्द करने की सिफारिश दिल्ली की निर्वाचित सरकार को अपदस्थ करने का गंभीर प्रयास था।

आप के वरिष्ठ नेता आशुतोष ने कहा कि चुनाव आयोग ने पार्टी विधायकों को अयोग्य घोषित करने के फैसले के माध्यम से दिल्ली के जनादेश को नेस्तनाबूद करने की कोशिश की थी। उल्लेखनीय है कि आयोग ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार द्वारा आप के 20 विधायकों की संसदीय सचिव के रूप में नियुक्ति को 'लाभ के पद' के दायरे में बताते हुये राष्ट्रपति से इनकी सदस्यता समाप्त करने की सिफारिश की थी।
इस पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सभी 20 विधायकों की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की अधिसूचना जारी कर दी थी। उच्च न्यायालय ने आयोग द्वारा मामले की सुनवाई के दौरान आप विधायकों का पक्ष ठीक से नहीं सुने जाने की अर्जी को सही ठहराते हुए आयोग की सिफारिश को न्याय के प्राकृतिक सिद्धांत के प्रतिकूल बताया और राष्ट्रपति की अधिसूचना को निष्प्रभावी करार दिया।
आशुतोष ने कहा कि संवैधानिक पदों पर यदि छोटी सोच वाले लोग बैठेंगे तो लोकतंत्र सुरक्षित नहीं होगा। आयोग का फैसला सही मायने में दिल्ली के जनादेश को धता बताते हुए एक निर्वाचित सरकार को अपदस्थ करने की गंभीर कोशिश थी।
उन्होंने कहा कि आयोग का फैसला न सिर्फ संवैधानिक तौर पर अवैध था बल्कि इससे यह भी साफ हो गया कि संवैधानिक प्राधिकारी किस प्रकार से समझौता करते हैं।
पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अदालत के फैसले के बाद इस मामले से जुड़े पार्टी के सभी 20 विधायक अब विधानसभा के बजट सत्र में हिस्सा ले सकेंगे और उन्हें अपने विधायी कार्यों को सुचारु रखने का मौका मिलेगा।

No comments:

Post a Comment