अर्जित शाश्वत ने शनिवार देर रात करीब 12 बजे पटना के महावीर मंदिर के सामने सरेंडर किया। कोर्ट ने अर्जित की गिरफ्तारी के लिए 24 मार्च को वारंट जारी किया था। हालांकि पुलिस दावा कर रही है कि उसने अर्जित को गिरफ्तार किया है।
पिछले हफ्ते अर्जित शाश्वत के खिलाफ भागलपुर में बिना अनुमति के जुलूस निकालने, सांप्रदायिक भावना भड़काने और सड़क पर हथियारों के साथ जुलूस निकालने के लिए मामला दर्ज किया गया था। शाश्वत के पिता अश्विनी चौबे ने इस संबंध में दर्ज एफआईआर को 'कचरा का एक टुकड़ा' कहा, जो कि भागलपुर में 'भ्रष्ट पुलिस अधिकारी' द्वारा दर्ज किया गया है।
शाश्वत ने पिछले लोकसभा चुनाव में भागलपुर से चुनाव लड़ा था, लेकिन उसे हार का सामना करना पड़ा था। रामनवमी के जुलूस के दौरान औरंगाबाद में सांप्रदायिक दंगा फैलाने के आरोप में गिरफ्तार अनिल सिंह दो दिन पहले पुलिस के हिरासत से फरार हो गया था।
माना जा रहा है कि हिंदू सेवा समिति से संबद्ध सिह ने औरंगाबाद में हिंसा फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सत्तारूढ़ जनता दल (यूनाइटेड) के प्रवक्ता हालांकि कह रहे हैं कि बिहार में कानून का शासन है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
बिहार में औरंगाबाद, नवादा, मुंगेर, भागलपुर और नालंदा जैसे जिले सांप्रदायिक तनाव की चपेट में हैं। प्रभावित शहरों में अतिरिक्त सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है।
पिछले सप्ताह औरंगाबाद में रामनवमी के जुलूस के दौरान सांप्रदायिक तनाव शुरू हुआ था, जो बढ़कर समस्तीपुर, मुंगेर, नालंदा, शेखपुरा और गया जिले में फैल गया। विपक्षी पार्टियों ने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा और कहा कि वह स्थिति को संभालने में विफल रहे।
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