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Monday, April 23, 2018

आसाराम रेप केस: जोधपुर में धारा-144 लागू, पीड़िता के घर की सुरक्षा बढ़ी

आसाराम बापू के लिए इमेज परिणाम
रेप के एक मामले में आसाराम पर 25 अप्रैल को फैसला सुनाए जाने से पहले सोमवार को यहां सुरक्षा चुस्त कर दी गई। राजस्थान हाईकोर्ट ने 17 अप्रैल को जोधपुर की निचली अदालत को जेल परिसर के भीतर अपना फैसला सुनाए जाने का आदेश दिया था। जोधपुर के पुलिस आयुक्त अशोक राठौर ने कहा कि शहर में धारा 144 लागू की गई है।
उन्होंने कहा, "हमें खुशी है कि अदालत ने जेल परिसर के भीतर फैसला सुनाए जाने के हमारे आग्रह को स्वीकार किया।" पुलिस आसाराम के समर्थकों के फैसले से पहले या फैसले के दिन जोधपुर पहुंचने की योजना की सूचना के बाद से पड़ोसी राज्यों से भी सहयोग मांग रही है। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत हुई तो अर्धसैनिक बलों को भी तैनात किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर की एक नाबालिग लड़की द्वारा कथित तौर पर आसाराम पर जोधपुर के बाहरी इलाके में स्थित अपने आश्रम में यौन उत्पीड़न का आरोप लगाए जाने के बाद उन्हें 2013 में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद उन्हें इंदौर से लाया गया और जोधपुर केंद्रीय कारागार में रखा गया। तब से आसाराम के समर्थकों व पुलिस के बीच कई बार झड़पें हुईं हैं। आसाराम अगर दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें अधिकतम 10 साल कारावास की सजा भुगतनी पड़ सकती है।
पीड़िता के घर की सुरक्षा चाक चौबंद

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में पीड़िता के घर के आसपास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गयी है। पीड़िता के परिवार वालों की लगातार निगरानी की जा रही है। उसके घर पर पांच पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। सभी आने जाने वालों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। पीड़िता के पिता ने कहा कि उनकी न्यायपालिका में पूरी आस्था है और उन्हें इस बात का यकीन है कि न्याय मिलेगा ।
इस महीने की शुरूआत में जोधपुर अदालत के न्यायमूर्ति मधुसूदन शर्मा ने अभियोजन और बचाव पक्ष के वकीलों की अंतिम बहस सुनी और आदेश 25 अप्रैल के लिए सुरक्षित कर दिया। आसाराम पर एक किशोरी ने जोधपुर के निकट मनई गांव के आश्रम में यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। किशोरी उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की रहने वाली है और जिस समय आश्रम में रह रही थी, वह छात्रा थी।
आसाराम 31 अगस्त 2013 से जेल में हैं। उन पर पाक्सो एक्ट और अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार की रोकथाम) कानून की धाराएं लगायी गयी हैं। आसाराम पर गुजरात में भी बलात्कार का एक मामला है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान और गुजरात के मामलों में आसाराम को जमानत देने से इंकार कर दिया था ।
सूरत की दो बहनों ने आसाराम और उनके बेटे नारायण साई के खिलाफ अलग अलग शिकायतें दर्ज कराके बलात्कार और बंधक बनाने का आरोप लगाया है।

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