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Saturday, April 28, 2018

मध्यप्रदेश की जनता के 585 करोड़ रुपए लूटे, कांग्रेस के नवनियुक्त अध्यक्ष कमलनाथ और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के गठजोड़ पर किया बड़ा खुलासा

कमलनाथ शिवराज के लिए इमेज परिणाम

  • कमलनाथ के परिवार की कंपनी के साथ शिवराज सरकार ने किया गैरकानूनी समझौता: आलोक अग्रवाल
  • आप के प्रदेश संयोजक ने कमलनाथ-शिवराज के गठजोड़ पर किया बड़ा खुलासा
  • आम आदमी पार्टी ने बताया, महंगी बिजली से लूटे प्रदेश की जनता के 585 करोड़ रुपए

भोपाल, 28 अप्रैल 2018 । आम आदमी पार्टी के प्रदेश संयोजक और राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री आलोक अग्रवाल ने कांग्रेस के नवनियुक्त अध्यक्ष कमलनाथ और प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के संबंधों के कारण प्रदेश की जनता को हो रहे नुकसान पर बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कमलनाथ से संबंधित बिजली कंपनी के साथ किए गए गैरकानूनी समझौते के हवाले से प्रदेश सरकार पर बड़ा हमला बोला। प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए श्री अग्रवाल ने कहा कि अनूपपुर में बन रहे एमबी पॉवर लिमिटेड कंपनी की परियोजना के संबंध में सामने आए तथ्यों से साफ है कि इस परियोजना के संबंध में शिवराज सरकार द्वारा गैरकानूनी समझौता किया गया, जिसके कारण गत तीन वर्षों में मध्य प्रदेश की जनता को 585 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।

उन्होंने कहा कि चौंकाने वाला तथ्य यह है कि इस कंपनी का संबंध कांग्रेस के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष श्री कमलनाथ जी के परिवार से रहा है और शायद यही कारण है कि श्री कमलनाथ ने सन 2011 में कंपनी बनने के बाद पिछले 7 साल में कभी भी इस गैरकानूनी समझौते के बारे में आवाज नहीं उठाई है। इससे साफ होता है कि प्रदेश में बिजली की हो रही लूट में भाजपा और कांग्रेस साझीदार हैं।


*कैसे हुई जनता के पैसे की लूट?*

एमबी पॉवर लिमिटेड कंपनी से राज्य सरकार का 5 जनवरी 2011 में समझौता हुआ। केंद्र सरकार की 6 जनवरी 2006 की टैरिफ पॉलिसी के अनुसार कोई भी समझौता केवल प्रतिस्पर्धात्मक निविदा के माध्यम से ही हो सकता था। परंतु राज्य सरकार ने इस नियम का खुला उल्लंघन करते हुए एमबी पॉवर लिमिटेड के साथ सीधा समझौता किया। दूसरा गंभीर मुद्दा यह है कि 5 जनवरी 2011 को समझौता करने वाले मुख्य अभियंता श्री गजरा मेहता उक्त तिथि को उस पद पर पदस्थ ही नहीं थे। दस्तावेजों से साफ है कि उनकी उक्त पद पर पदस्थापना 31 जनवरी 2011 को हुई है। अत: निश्चित रूप से यह समझौता गैरकानूनी था और इसके कारण 2015 से 2018 के बीच इस परियोजना की बिजली महंगी होने के कारण मध्य प्रदेश की जनता को 584 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।

इसका विवरण निम्न प्रकार है:-

*वर्ष  एमबी पॉवर से प्राप्त बिजली    एमबी पॉवर से प्राप्त   एनटीपीसी से प्राप्त   कुल नुकसान*
*(करोड़ यूनिट में)                बिजली की दर              बिजली की दर*
2015-16  80 करोड़ यूनिट     4.90 रुपए प्रति यूनिट  3.20 रुपए प्रति यूनिट  136 करोड़ रुपए
2016-17  80 करोड़ यूनिट     5.63 रुपए प्रति यूनिट  3.20 रुपए प्रति यूनिट  194 करोड़ रुपए
2017-18  170 करोड़ यूनिट     4.70 रुपए प्रति यूनिट  3.20 रुपए प्रति यूनिट  255 करोड़ रुपए
*कुल नुकसान 585 करोड़ रुपए*
उपरोक्त आंकड़ों से स्पष्ट है कि जबकि एनटीपीसी से हमें औसतन 3.20 रुपए प्रति यूनिट बिजली मिल सकती थी। हमने एमबी पॉवर से महंगी बिजली खरीदकर प्रदेश की जनता का 585 करोड़ का नुकसान किया, जो कि उससे महंगी बिजली के रूप में वसूला गया।

*कैसे है कमलनाथ से संबंध?*

एमबी पॉवर कंपनी, मोजरबियर कंपनी द्वारा विशेष रूप से बनाई गई कंपनी है। मोजरबियर कंपनी में श्री कमलनाथ के जीजा दीपक पुरी चैयरमैन हैं और उनकी बहन नीता पुरी और उनके भांजे रातुल पुरी भी कंपनी में शामिल हैं। साथ ही कमलनाथ जी के भांजे रातुल पुरी एमबी पॉवर के डॉयरेक्टर हैं। मोजरवियर कंपनी में कमलनाथ जी खुद भी शेयरधारक हैं। कमलनाथ जी के चुनाव आयोग में सन 2014 दिए गए शपथ पत्र के अनुसार कंपनी में उनके 6450 शेयर हैं। अत: स्पष्ट रूप है कि कमलनाथ जी के परिवार का एमबी पॉवर से सीधा संबंध है और शायद यही कारण है कि श्री कमलनाथ ने पिछले 7 साल में कभी इस गैरकानूनी और प्रदेश की जनता को लूटने वाले समझौते का विरोध नहीं किया।


*आम आदमी पार्टी के सवाल-*

कांग्रेस और भाजपा के इस गठजोड़ के क्रम में आम आदमी पार्टी जनता की ओर से कुछ सवाल करना चाहती है
1- क्या शिवराज सिंह जवाब देंगे कि क्यों 6 जनवरी 2006 के केंद्र सरकार के प्रतिस्पर्धात्मक निविदा के नियमों का उल्लंघन करते हुए 5 जनवरी 2011 को एमबी पॉवर के साथ सीधा समझौता किया गया?
2- क्या शिवराज सिंह जवाब देंगे कि यह कैसे हो गया कि अधिकारी श्री गजरा मेहता संबंधित पद पर थे ही नहीं, फिर कैसे उन्होंने कानूनी समझौते पर हस्ताक्षर किए?
3- क्या कमलनाथ जी जवाब देंगे कि उन्होंने पिछले 7 सालों में इस गैरकानूनी और जनविरोधी समझौते का विरोध क्यों नहीं किया?
4- क्या कमलनाथ जी यह बताएंगे कि उनके और उनके परिवार के महंगी बिजली द्वारा जनता का पैसा लूटने वाली इस कंपनी के क्या संबंध हैं?
5- क्या इस कंपनी के बारे में इतना खुलासा होने के बाद कमलनाथ जी इस कंपनी के साथ हुए समझौते को रद्द करने की मांग करेंगे?

*बिजली के दाम आधे करें, नहीं तो होगा अनिश्चितकालीन संघर्ष*

आम आदमी पार्टी यह भी मांग करती है कि मध्य प्रदेश में निजी बिजली कंपनियों की लूट के कारण बिजली के दाम पहले से ही बेहद ज्यादा है। इन्हें तत्काल प्रभाव से आधा किया जाना चाहिए और गैरकानूनी समझौते रद्द किए जाएं। साथ ही बढ़े हुए सभी बिजली बिल माफ किए जाएं अन्यथा आम आदमी पार्टी अनिश्चितकालीन संघर्ष पर उतरेगी।

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