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Thursday, April 12, 2018

किसानों के जीवन में उजियारा लाने संकल्पित हों विद्यार्थी – राज्यपाल श्रीमती पटेल


जबलपुर 12 अप्रैल 2018 राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के छात्र- छात्राओं का आह्वान किया है कि वे अपनी योग्यता और दक्षता से प्रदेश और देश के अन्नदाता किसान के जीवन में उजियारा लाने के लिए संकल्पित हों। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के विद्यार्थी उद्यमिता का विकास और कुटीर उद्योगों की संरचना करें तथा किसानों की आय दोगुनी करने में सहायक बनें।
श्रीमती पटेल आज यहां जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के 14 वें दीक्षान्त समारोह में उद्बोधन दे रहीं थीं। उन्होंने कहा कि शिक्षा एवं दीक्षा हमारी संस्कृति की गौरवशाली परम्परा रही है। भारतवर्ष में शिक्षण संस्थान न केवल कार्य-कौशल प्रदान करते हैं वरन् विद्यालयों से आए विद्यार्थियों को संस्कार दीक्षा भी देते हैं ताकि वे अपने आगामी जीवन में शिक्षा का उपयोग कर अपने व्यक्तिगत और सामाजिक दायित्वों का निर्वहन कर सकें। दीक्षान्त समारोह वस्तुत: विद्यार्थियों में उत्तरदायित्वों के प्रति सम्पूर्ण योग्यता होने की घोषणा करता है। कुलाधिपति ने इस बात पर जोर दिया कि युवाओं में कृषि के प्रति लगाव पैदा करना आवश्यक है।
उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा चलाए जाने वाले स्टार्टअप कार्यक्रम से इस विश्वविद्यालय के छात्रों को जोड़ने की जरूरत बताई ताकि वे कृषि आधारित उद्योग स्थापित कर सकें। इससे न केवल किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य मिल सकेगा बल्कि उन्हें अपने उत्पादन की बिक्री के लिए बाहर भी नहीं जाना पड़ेगा। श्रीमती पटेल ने कहा कि यह हम सबके लिए गौरव का विषय है कि जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय 54 वर्षों से कृषि शिक्षा अनुसंधान एवं विस्तार के क्षेत्र में निरन्तर योगदान दे रहा है। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा महाविद्यालयों के माध्यम से गांवों को गोद लेकर वहां पौधारोपण कार्यक्रम चलाने की भी जरूरत बताई। साथ ही विश्वविद्यालय द्वारा अर्जित विशिष्ट उपलब्धियों, प्रदेश की कृषि सहायक नीतियों तथा किसानों की मेहनत के फलस्वरूप मध्यप्रदेश द्वारा विगत पांच वर्षों से लगातार कृषि कर्मण पुरस्कार अर्जित किए जाने का भी उल्लेख किया।
कुलाधिपति श्रीमती पटेल ने जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए विद्यार्थियों का आह्वान किया कि कृषि तकनीकों के प्रचार-प्रसार के साथ नैतिक मूल्यों को भी वे अपने जीवन में उतारें जिससे वे अपना सामाजिक जीवन उत्तरदायित्वपूर्ण ढंग से निभा सकें। उन्होंने आशा व्यक्त की कि विद्यार्थीगण इस विश्वविद्यालय में अर्जित ज्ञान की उपादेयता अपने-अपने कार्यक्षेत्र में अपनी सम्पूर्ण निष्ठा व कर्मठता द्वारा अभिव्यक्त करेंगे जिससे प्रदेश के लाखों कृषकों की आकांक्षाएं परिपूर्ण होंगी। इस मौके पर उप महानिदेशक (कृषि शिक्षा) भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् डॉ नरेन्द्र सिंह राठौड़ ने भी उद्बोधन दिया। दीक्षान्त समारोह के आरंभ में राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती पटेल ने मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलित किया।
कुलपति डॉ पी.के.बिसेन ने शाल एवं श्रीफल से कुलाधिपति का स्वागत किया। इस अवसर पर पूर्व महानिदेशक भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् पद्मभूषण डॉ राजेन्द्र सिंह परोदा तथा उप महानिदेशक (कृषि  शिक्षा) भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् डॉ नरेन्द्र सिंह राठौड़ को भी शाल, श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह भेंटकर उनका अभिनंदन किया गया। कुलपति डॉ बिसेन ने स्वागत भाषण दिया तथा विश्वविद्यालय में संचालित विभिन्न गतिविधियों पर केन्द्रित प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। कुलाधिपति श्रीमती पटेल ने डॉ आर.एस. परोदा को डॉक्टर ऑफ साइंस की मानद उपाधि से विभूषित किया। तदुपरान्त उन्होंने विभिन्न विषयों में हासिल शैक्षणिक उपलब्धियों के लिए विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं को गोल्ड मैडल व नगद पुरस्कार प्रदान किए।
इस मौके पर कृषि और कृषि अभियांत्रिकी संकायों में पीएचडी की उपाधियां भी प्रदान की गर्इं। इस दौरान विश्वविद्यालय के कुलसचिव ए.के.इंगले भी मौजूद थे। इस अवसर पर रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.कपिलदेव मिश्र, नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.प्रयागदत्त जुयाल एवं मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर के कुलपति डॉ आर.एस.शर्मा को शाल एवं श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया गया। समारोह के उपरान्त राज्यपाल श्रीमती पटेल ने तीन करोड़ 77 लाख रूपए की लागत से निर्मित राष्ट्रीय स्तर के खेल परिसर एवं तरण- ताल का लोकार्पण भी किया। समारोह में कलेक्टर श्रीमती छवि भारद्वाज एवं पुलिस अधीक्षक कुमार सौरभ के अलावा बड़ी संख्या में विश्वविद्यालय के प्राध्यापकगण एवं छात्र-छात्राएं मौजूद थे।

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