Pages

click new

Sunday, May 6, 2018

500 रुपये के नोट की छपाई के काम में पांच गुना तेजी लाएगा

संबंधित इमेज
सरकार ने आज कहा कि रिजर्व बैंक 500 रुपये के नोट की छपाई के काम में पांच गुना तेजी लाएगा। रिजर्व बैंक ने देश के कुछ हिस्सों में नकदी की कमी के मद्देनजर यह कदम उठाने का फैसला किया है। माना जा रहा है कि ऊंचे मूल्य के नोटों की जमाखोरी की वजह से यह संकट पैदा हुआ है। आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने यहां संवाददाताओं से कहा कि सरकार को संदेह है कि 2,000 के नोट की जमाखोरी हो रही है और वे चलन में तेजी से वापस नहीं आ रहे हैं।
आंध्र प्रदेश , तेलंगाना , कर्नाटक , उत्तरी बिहार और देश के कुछ अन्य हिस्सों में नकदी की कमी की बात सामने आई हैं तथा लगता है कि ऐसा इस आशंका है कि हाल में सामने आए बैंकिंग घोटालों की वजह से बैंकों में जमा धन की सुरक्षा को लेकर आशंकाएं हैं।  गर्ग ने इन अटकलों को खारिज किया कि नकदी संकट की वजह हालिया बैंकिंग घोटाले या वित्तीय निपटान एवं जमा बीमा ( एफआरडीआई ) विधेयक है।
 
 गर्ग ने कहा कि हो सकता है कि कुछ राज्यों अधिक नकद लाभ वितरित कर रहे हों। कुछ मनोवैज्ञानिक वजह भी हो सकती है कि बैंक के रखने के बजाय जेब में नकदी रखी जाए। इसका हालिया घोटालों से कोई लेना देना नहीं है।
 
गर्ग ने कहा कि नकदी की मांग असामान्य रूप से काफी ऊंची हो गई है। इसके पीछे कई वजहें हैं। एक वजह नकदी की जमाखोरी है। देश के कुछ हिस्सों में यह प्रवृत्ति अधिक तेज है। उन्होंने कहा कि ऐसी भी धारणा बन रही है कि भविष्य में नकदी की कमी हो सकती है। इस वजह से भी लोगों ने अपना पैसा निकालना शुरू कर दिया है , जिससे यह संकट पैदा हुआ है। गर्ग ने कहा , ‘‘ हम करेंसी नोटों का पर्याप्त स्टॉक रखते हैं। यह चलन में मौजूदा मुद्रा छठें हिस्से के बराबर है। ’’ अभी स्टॉक में दो लाख करोड़ रुपये की नकदी है और यह असामान्य मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त हैं।
 
उन्होंने बताया कि जनवरी से नकदी की असामान्य मांग को भी इसी भंडार से पूरा किया गया है। गर्ग ने कहा कि नकदी की मांग बढ़ने की संभावना के मद्देनजर नकदी छपाई का काम तेज किया गया है। उन्होंने कहा , ‘‘ हमने मांग बढ़ने पर नकदी की आपूर्ति तेज करने के लिए कदम उठाए हैं। 500 रुपये के नोटों की छपाई अब प्रतिदिन मूल्य के हिसाब से 2,500 करोड़ रुपये होगी।
 
अभी 500 करोड़ रुपये के 500 के नोट प्रतिदिन छापे जाते हैं। इससे पहले दिन में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जनता को भरोसा दिलाते हुए कहा था कि कितनी भी मांग हो , नकदी की कोई कमी नहीं है। गर्ग ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेगी कि मांग कितनी भी हो , नकदी की कमी नहीं होनी दी जाएगी। एटीएम में नकदी नहीं होने के बारे में गर्ग ने कहा कि कुछ में समस्या हो सकती है , लेकिन यह अस्थायी है।
 
उन्होंने कहा कि किसी दिन एक प्रतिशत एटीएम आमतौर पर खराब हो सकते हैं लेकिन यह स्थानीय प्रबंधन का मुद्दा है , देशभर का नहीं। 2,000 रुपये के नोट पर गर्ग ने बताया कि प्रणाली में 6.7 लाख करोड़ रुपये के दो हजार के नोट हैं , जो लेनदेन की जरूरत परा करने के लिए जरूरत से ज्यादा ही हैं। हालांकि इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कुछ सयम से यह देखने में आ रहा है कि 2,000 के नोट प्रणाली में कम वापस हो रहे हैं।
 
गर्ग ने कहा , ‘‘ हमने अभी इसकी जांच नहीं की है , लेकिन आप सोच सकते हैं कि ये  जमाखोरी के लिए सबसे अच्छे है। लेकिन इससे 2,000 के नोट की आपूर्ति प्रभावित नहीं होगी। ’’   उन्होंने बताया कि आमतौर पर हर महीने 20,000 करोड़ रुपये के नोटों की आपूर्ति की जाती है लेकिन पिछले दो तीन महीने में यह बढ़ कर 40,000 से 45,000 करोड़ रुपये तक हो गयी है।

No comments:

Post a Comment