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Thursday, May 24, 2018

किसानों की सुविधा के लिये मंडियों में रहेंगे कृषि, खाद्य और सहकारिता अधिकारी

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किसानों की सुविधा के लिये मंडियों में रहेंगे कृषि, खाद्य और सहकारिता अधिकारी
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  • मंडियों में तौल-काँटे, हम्माल तुलावटी/ऑपरेटर की संख्या में होगी वृद्धि
  • किसानों की सुविधा के लिये मंडियों में रहेंगे कृषि, खाद्य और सहकारिता अधिकारी 
  • मुख्य सचिव श्री सिंह की अध्यक्षता में उपार्जन की समीक्षा और कलेक्टरों को निर्देश
नरसिंहपुर, 24 मई 2018. समर्थन मूल्य पर चना, मसूर और सरसों के उपार्जन के लिये जिलों में व्यवस्था नहीं होने की स्थिति में 80 किलोमीटर से अधिक दूरी पर वेयरहाउसिंग कार्पोरेशन द्वारा उपलब्ध करवाये गये गोदामों में जिला कलेक्टर से भण्डारण की अनुमति प्राप्त कर उपार्जन एजेंसियों द्वारा भण्डारण की व्यवस्था की जायेगी। मुख्य सचिव श्री बी.पी. सिंह की अध्यक्षता में हुई उपार्जन की समीक्षा बैठक के बाद सभी जिला कलेक्टरों को यह व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये हैं। बैठक में निर्णय लिया गया है कि इस व्यवस्था में उपार्जन एजेंसियों को नाफेड द्वारा प्रदाय राशि से अथवा राज्य के कोष से भुगतान किया जाएगा।
जिला कलेक्टरों से कहा गया हैं कि जिन मंडियों में चना, मसूर एवं सरसों के विक्रेता किसानों की संख्या अधिक है, उन मंडियों में तौल-काँटे, हम्माल तुलावटी/ऑपरेटर आदि की संख्या में वृद्धि की जाये ताकि किसानों की उपज की तौल उसी दिन की जा सके। किसानों को उपार्जन समिति के स्तर से ही एसएमएस कर उपार्जन केन्द्र पर आने की नई तिथि का संदेश दिया जाये। समानांतर रूप से मैदानी केन्द्र प्रारंभ किये जायें। शासकीय मैदानों अथवा शेड्स में पर्याप्त छाया, पानी, बैठक के स्थान तथा तौल की व्यवस्था करवाई जाये। अधिक संख्या में किसान होने की स्थिति में उन्हें संभावित अधिकतम समय देकर टोकन जारी किये जायें ताकि वे समय से मण्डी पहुँच सकें।
राज्य शासन द्वारा निर्देशित किया गया है कि किसानों से चना, मसूर और सरसों का सुविधाजनक तरीके से उपार्जन करने की मॉनिटरिंग के लिये जिले की प्रत्येक मंडी में कृषि, खाद्य और सहकारिता विभाग के अधिकारियों की ड्यूटी लगायी जाये। ये अधिकारी संबंधित क्षेत्र के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के निर्देशन में कार्य करेंगे। मंडियों/ उप मंडियों में उपार्जन में किसी भी प्रकार का संभावित व्यवधान नियंत्रित करने के लिये उपार्जन व्यवस्था की वीडियोग्राफी करवाने के लिये कहा गया है। अल्पसंख्या में उपार्जन वाले केन्द्रों को राज्य शासन द्वारा 23 मई को जारी एक्जिट प्रोटोकॉल के अनुसार बंद करने के लिये कहा गया है।

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