प्लेऑफ को दौड़ से बाहर होने की कागार पर खड़ी दिल्ली के लिए टीम के लिए हर मैच करो या मरो की तरह है । वैसे दोनों टीमें इस सीजन में एक बार जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में भिड़ चुकी हैं। बारिश से प्रभावित इस मैच में फैसला डकवर्थ लुईस नियम से आया था और दिल्ली को 10 रनों से हार का सामना करना पड़ा था ।
दिल्ली की बात की जाए तो गंभीर की कप्तानी छोड़ने के बाद श्रेयस अय्यर की अगुवाई में केकेआर के खिलाफ 55 रनों की जीत दर्ज कर वापसी की उम्मीद जताई थी । लेकिन अगले मैच में चेन्नई से मिली 13 रनों की हार ने उसके लिए एक बार फिर मुश्किलें बढ़ा दी हैं।दिल्ली के लिए बड़ी मुश्किले ये है कि एक - दो मौकों को छोड़ दे तो पूरी टीम कभी भी एक साथ प्रदर्शन करती नजर आई हैं।
केकेआर के खिलाफ अय्यर चले लेकिन चेन्नई के खिलाफ उनका जल्द आउट होना टीम को महंगा पड़ा। इसके बाद ऋषभ पंत ने जिम्म संभाला, विजय शंकर ने भी अच्छा खेल दिखाया लेकिन फिर भी लक्ष्य के लिहाज से और भी बल्लेबाजों को सामने आना था। दूसरी ओर राजस्थान रॉयल्स की बात की जाए तो पहले मैच में हार के बाद बीच - बीच में कुछ अच्छे प्रदर्शन किए हैं ।
टीम के 7 मैचों में 6 अंक हैं। इस लिहाज से अगर प्लेऑफ में जगह बनानी है तो प्रदर्शन में काफी सुधार करना होगा। खासकर प्लेऑफ में पहुंचने की उसकी रेस केकेआर से हो सकती है। सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ पिछले मैच में रॉयल्स 152 रन के लक्ष्य का पीछा नहीं कर सके और 11 रन से हार गए । इस मैच में रहाणे ने 65 और संजू सैमसन ने 40 रन बनाए ।
लेकिन बाकी बल्लेबाज नहीं चल सके । बेन स्टोक्स और जोस बटलर के खराब प्रदर्शन का भी रॉयल्स को भुगतना पड़ा है । गेंदबाजों में जोफ्रा आर्चर का प्रदर्शन अच्छा है। लेकिन स्पिनरक श्रेयस गोपाल और के गौतम प्रभावित नहीं कर सके ।
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