कुमारस्वामी दूसरी बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री बने हैं. इससे पहले 2006 में उन्होंने कर्नाटक के 18वें मुख्यमंत्री की शपथ ली थी. कुमारस्वामी से पहले येदियुरप्पा ने भी शपथ ग्रहण के बाद किसानों का कर्ज माफ करने का ऐलान किया था हालांकि उन्होंने विधानसभा में फ्लोर टेस्ट से पहले अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.
साल 2004 में भी जेडीएस और कांग्रेस ने मिलकर सरकार बनाई थी. कांग्रेस के धरम सिंह को सीएम बने थे. लेकिन 2006 में जेडीएस गठबंधन सरकार से अलग हो गई. इसके बाद पार्टी ने बीजेपी के साथ गठबंधन किया. उस समय बीजेपी से समझौते के मुताबिक, जेडीएस और बीजेपी ने 20-20 महीने का सीएम बनाने का फॉर्मूला तैयार किया था.
इस समझौते के बाद कुमारस्वामी 4 फरवरी 2006 से 9 अक्टूबर 2007 तक कर्नाटक के सीएम भी रहे. अगले साल ही कुमारस्वामी बीजेपी से अलग हो गए, उन्होंने अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंपा. इसके बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हुआ.
शपथ ग्रहण में हिस्सा लेने के लिए मंच पर पूरा विपक्ष एकजुट दिखा. मंच पर यूपीए प्रमुख सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री और एचडी कुमारस्वामी के पिता एचडी देवेगौड़ा, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और बीएसपी प्रमुख मायवती भी दिखीं. इनके अलावा बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, आरएलडी प्रमुख अजीत सिंह, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और एनसीपी प्रमुख शरद पवार भी नज़र आए. वहीं सीपीएम के सीताराम येचूरी भी मौजूद थे.
आनंद राव सर्किल पर महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास प्रदर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में इकट्ठा हुए पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए बीजेपी की राज्य इकाई के प्रमुख बीएस येदियुरप्पा ने गठबंधन सरकार को ‘‘ अवसरवादी गठबंधन ’’ बताते हुए उसकी आलोचना की.
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