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Sunday, June 3, 2018

जबलपुर उत्तर-मध्य विधानसभा कांग्रेस की टिकट के लिए मचा घमासान

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TOC NEWS @ www.tocnews.org
जबलपुर। चुनावी वर्ष में विधानसभा सीटों के लिये घमासान मच गया है। शहर की अधिकांश सीटों के लिये कांग्रेस और भाजपा में लड़ाई स्पष्ट देखी जा रही है। हर कोई अपने-आपको टिकिट मिलने के पश्वात विजेता के रूप में देखने लगा है। ऐंसा ही मामला उत्तर-मध्य विधानसभा देखने मिल रहा है, जहां पर कांग्रेस के दिग्गजों ने पूर्व से ही दावा ठोक रखा है, अब इस कड़ी में एक और नाम सामने आ गया है, वह है कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एडवोकेट घनश्याम अग्रवाल का। इनके बारे में कहा जा रहा है कि हाईकमान से हरी झंडी मिलने के पश्चात ये मैदान में आये हैं।
विधानसभा चुनाव को मात्र 5-6 माह शेष बचे हैं, ऐंसे में सत्तापक्ष और विपक्ष के वरिष्ठ नेताओं ने अपनी-अपनी विधानसभा में सेंधमारी शुरू कर दी है। नगर की उत्तर-मध्य विधानसभा में सबसे ज्यादा दावेदारी देखी जा रही है। कांग्रेस में दावेदारों की संख्या एक दर्जन से अधिक बताई जा रही है जो ये दावा कर रहे हैं कि यह क्षेत्र उनका है तथा वह ही टिकिट लेकर बाजी जीतने में सक्षम हैं। इसमें एक नाम और जुड़ गया है वह है कर सलाहकार एडवोकेट घनश्याम अग्रवाल का।
बताया जाता है कि उत्तर-मध्य में सबसे बड़ी दावेदारी नगर कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश यादव की है। इसके बाद लोकसभा युवा कांग्रेस अध्यक्ष शशांक दुबे, सचिन यादव, झल्लेलाल जैन, अनुराग जैन गढ़ावाल, मनोज सेठ, पूर्व विधायक नरेश सराफ, सत्यम जैन, रोहित अग्रवाल, ये तमाम नाम ऐंसे हैं जिनका नाम कांग्रेस की तरफ से चर्चा में बना हुआ है। इनके साथ ही अब एडवोकेट घनश्याम अग्रवाल का नाम भी शामिल हो गया है।
गौरतलब है कि उत्तर-मध्य विधानसभा जो पहले मध्य विधानसभा के नाम से जानी-जाती थी, उसमें कांग्रेस ने 1985 के बाद जीत का स्वाद नहीं चखा है। हॉ ये अलग बात है कि पूर्व मंत्री औंकार तिवारी के निधन पश्चात हुये उपचुनाव में कांग्रेस के नरेश सराफ ने जीत दर्ज की थी। इसके बाद लगातार भाजपा का कब्जा बना हुआ है। इस बार भी जिस प्रकार की परिस्थितियां कांग्रेस के समक्ष बन रही है, तथा कांग्रेस में दावेदार बढ़ रहे हैं अगर सर्वसम्मति से फैंसला नहीं हुआ तो इस बार भी कांग्रेस के लिये डगर कठिन हो जायेगी। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि स्वयं कांग्रेसियों का कहना है कि कांग्रेस को भाजपा नहीं कांग्रेस ही हराती है। क्योंकि टिकिट एक होती है और दावेदारों की संख्या अधिक जिस व्यक्ति / नेता को टिकिट मिलती है, उसे दूसरे नेता हराने में एड़ी-चोटी का जोर लगा देते हैं।
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