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Thursday, June 21, 2018

प्रदेश में बेरोजगारी के आंकड़े व युवाओं की बढ़ती आत्महत्या की घटनाऐं भयावह : कमलनाथ

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TOC NEWS @ www.tocnews.org
 
भोपाल, कांगे्रस के शिवराज सरकार के खिलाफ पोल खोलो-वास्तविकता बताओ अभियान के तहत आज प्रदेश कांगे्रस अध्यक्ष कमलनाथ ने प्रदेश में बेरोजगारी के आंकड़े व युवाओं की बढ़ती आत्महत्या की घटनाओं पर सवाल उठाते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में पिछले साढ़े चाौौदह वर्षों से भाजपा की सरकार है। चुनाव के पूर्व भाजपा ने सरकार आने पर प्रतिवर्ष दो लाख युवाओं को रोजगार देने का वायदा किया था। लेकिन आज युवा रोजगार के मामले में मध्यप्रदेश की स्थिति भयावह है।
 
नाथ ने कहा कि आज प्रदेश का युवा रोजगार को लेकर भटक रहा है और मौत को गले लगा रहा है। चुनावी वर्ष मेें यह सरकार नाराज युवाओं को लुभाने के लिए युवा मेले आयोजित करने की योजना बना रही है। जबकि वास्तविकता यह है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री अभी कुछ दिन पूर्व ही युवाओं को सरकारी नौकरी छोड़ स्वरोजगार से जुड़ने की सलाह दे चुके हैं।
 

युवाओं की बेरोजगारी का वास्तविक सच इस प्रकार है:-

  • आज मध्यप्रदेश युवाओं की आत्महत्या के मामले में देश में शीर्ष पर है। एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार पिछले 15 वर्षाें में 1874 और वर्ष 2016 में 579 युवाआंे ने बेरोजगारी के कारण आत्महत्या कर ली। पिछले 13 वर्षों में बेरोजगारी के कारण आत्महत्याओं की घटना में 20 गुना की वृद्धि हुई है। प्रतिदिन औसतन दो युवा आत्महत्या कर रहे हैं। 
  • प्रदेश में पिछले दो वर्षों में बेरोजगारी 53 प्रतिशत बढ़ी है। शिवराज सरकार के आर्थिक सर्वेक्षण में वर्ष 2016 में 11.24 लाख पंजीकृत बेरोजगारों मंे से मात्र 422 लोगांे को रोजगार देने का दावा किया गया। यह वास्तविकता है।
  • दिसम्बर 2017 तक मध्यप्रदेश में बेरोजगारों का आंकड़ा 23.90 लाख था, जबकि दिसम्बर 15 में 15.60 पंजीकृत बेरोजगार थे। जबकि वास्तविक बेरोजगारी का आंकड़ा 1.5 करोड़ के करीब है।  
  • प्रदेश में पटवारी के 9 हजार 235 पदों के लिए 10 लाख 20 हजार आवेदन आये, उसमें से कई पीएचडी, एमबीए डिग्रीधारी, बीटेक और एमटेक परीक्षा पास उच्च शिक्षित अभ्यार्थी भी शामिल थे। 
  • ऽ ग्वालियर में जिला कोर्ट के 57 चपरासी पदों के लिए 60 हजार आवेदन आये। उसमें भी बड़ी संख्या में उच्च शिक्षित अभ्यर्थी थे।
  • पुलिस के 14282 पदों के लिए 9 लाख बेरोजगारों ने आवेदन किया। 
  • यह सारे आंकड़े चैकाने वाले हैं, व विकास की वास्तविकता की पोल खोल रहे हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह इस पर जबाव दें?  

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