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Friday, August 17, 2018

बाढ़ में फँसे लोगों को बचाने वालों को मुख्यमंत्री देंगे 5-5 लाख सम्मान निधि

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बाढ़ में फँसे लोगों को बचाने वालों को मुख्यमंत्री देंगे 5-5 लाख सम्मान निधि
TOC NEWS @ www.tocnews.org
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बचाव कार्य में लगे व्यक्तियों का माना आभार   
भोपाल : मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि शिवपुरी जिले के बाढ़ में फँसे 45 व्यक्तियों की जिन्दगी बचाने वालों का सम्मान करेंगे। सम्मान निधि के रूप में उन्हें पाँच-पाँच लाख रूपये प्रदान किये जायेंगे। श्री चौहान ने जनता से अपील की है कि पहाड़ी क्षेत्रों में बरसात का पानी तेजी से आता है, जिससे छोटे नाले भी उफनने लगते हैं। ऐसे स्थानों पर जाते समय सावधानी रखें। जीवन बहुमूल्य है। 
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि उन्हे जानकारी दी गई है कि बाढ़ में फँसे लोगों के बचाव और राहत कार्य में इण्डो तिब्ब्तन बार्डर पुलिस, नेशनल डिजास्टर रिलीफ फोर्स, राज्य डिजास्टर रिलीफ फोर्स, सेना, मध्यप्रदेश पुलिस और स्थानीय नागरिकों का सहयोग मिला है। उन्होंने कहा कि इसके लिये वे हृदय से आभारी हैं। श्री चौहान ने बताया कि सेना द्वारा हेलीकॉप्टर से पाँच लोगों को बचाया गया है। हेलीकॉप्टर से बचाव कार्य को मौसम खराब हो जाने के कारण रोकना पड़ा था। बचाव और राहत कार्य में आस-पास के गाँवों के ग्रामीणों ने सक्रिय सहयोग किया है।
विशेष रूप से श्री रामसेवक प्रजापति, श्री कल्लन बाथम, श्री निजाम खान, श्री देवेन्द्र सिंह, श्री बलराम भागीरथ का सहयोग उल्लेखनीय है। वे यश के भागीदार हैं।  मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे बताया गया है कि बाढ़ में फँसे 6 व्यक्तियों श्री विशाल चौहान, श्री श्रीकांत कुशवाह, श्री अभिषेक कुशवाह, श्री लोकेश कुशवाह, श्री रवि कुशवाह और श्री सुशील कुशवाह की तलाश जारी हैं। उन्होंने बताया कि घटना की जानकारी मिलने पर गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह, रक्षा मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण के साथ सम्पर्क कर बचाव और राहत के प्रयास किये गये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रात्रि तीन बजे तक वे स्वयं स्थिति की निगरानी करते रहे। बचाव कार्यों की सफलता के लिये यह आवश्यक था कि फँसे हुये लोग हिम्मत नहीं खोंये। केन्द्रीय मंत्री श्री नरेन्द्रसिंह तोमर और प्रदेश की खेल एवं युवक कल्याण मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे ने भी घटना स्थल पर पहुंचकर बचाव कार्य की जानकारी ली थी।  मुख्यमंत्री ने कहा कि घटना स्थल, नियमित पर्यटन स्थल नहीं था। एडवेंचर पर्यटन के भाव से लोग ऐसे स्थानों पर जाते हैं, जो घने जंगलों में स्थित है। भविष्य में इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति नहीं हो, इसके लिये सावधानी रखने के निर्देश दिये गये हैं।

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