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Monday, August 27, 2018

अपराध सिद्ध करने एवं अपराधी को सजा दिलाने के लिये अपराध विवेचना में सायलेंट विटनेस महत्वपूर्ण : डी. सी सागर ए.डी.जी.

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जिला ब्यूरो चीफ जबलपुर // प्रशांत वैश्य : 79990 57770
ए.डी.जी. (तकनीकी सेवा), श्री डी. सी. सागर (भा.पु.से) ने ली पुलिस अधिकारियों की बैठक, कहा घटना स्थल पर मिले सायलेंट विटनेस (खामोश गवाह ) की अपराधी को सजा दिलाने में होती है महत्वपूर्ण भूमिका

जबलपुर। पुलिस कंट्रोल रूम जबलपुर में आज दिनॉक 27-8-18 को प्रातः 11-30 बजे ए.डी.जी. (तकनीकी सेवा), श्री डी. सी. सागर (भा.पु.से) द्वारा  पुलिस अधीक्षक जबलपुर श्री अमित सिंह (भा.पु.से) की उपस्थिति में  बैठक ली गयी।  बैठक मे रीजनल एफएसएल प्रभारी श्री एस.एस. ठाकुर. डॉ. सुनीता तिवारी प्रभारी सीन ऑफ क्राईम मोबाईल यूनिट, वैज्ञानिक अधिकारी गौतमा मेश्राम, नीता जैन, पंकज बाजपेई, ज्योति तामसीकर के अलावा जिले मे  समस्त राजपत्रित अधिकारी एंव थाना प्रभारी गोरखपुर, लार्डगंज, ओमती, के अलावा परिवीक्षाधीन उप पुलिस अधीक्षक एवं परिवीक्षाधीन उप निरीक्षक उपस्थित थे

पुलिस अधीक्षक जबलपुर श्री  अमित सिंह (भा.पु.से)  ने बताया कि एैसे प्रकरण जिनमें 12 वर्ष से कम उम्र की बालिका की दुष्कर्म के साथ नृशंस हत्या की गयी है उनमें मृत्यु दण्ड तक का प्रावधान  है,  अपराध विवेचना मे साइंटिफिक इन्वेस्टेशन की मदद से अपराधी को सजा दिलाई जा सकती है, चाहे गवाह बदल जाये। साईटिफिक इन्वेस्टीगेशन की मदद से अपराधी को कैसे सजा  दिलाई जा सकती है आज की बैठक का प्रमुख उद्देश्य है।

ए.डी.जी. (तकनीकी सेवा), श्री डी. सी सागर (भा.पु.से) ने कहा कि घटना स्थल पर हमारा मुख्य उद्देश्य घटना स्थल का निरीक्षण कर भौतिक साक्ष्यो के आधार पर घटना स्थल का पुर्ननिमार्ण कर वास्तविक्ता का पता लगाना, अपराधी को अपराध से जोडना, एवं साक्ष्यो के आधार पर प्रकरण को प्रभावी रूप से न्यायालय मे पेश कर उसको उसके किये अपराध की सजा दिलाना, होना चाहिये।  मृतक के परिजन, चश्मदीद  गवाह बदल सकते है लेकिन अपराधी को सजा दिलाने मे घटना स्थल पर  मिले सायलेंट विटनेस (खामोश गवाह) सब कुछ दर्शाता है, अपराध को सिद्ध करने एवं अपराधी को सजा दिलाने के लिये अपराध विवेचना में घटना स्थल निरीक्षण के दौरान मिले सायलेंट विटनेस को अपराध एवं अपराधी से जोडना होगा।



लाश पंचनामा  कार्यवाही  बहुत ही महत्वपूर्ण कार्यवाही है, पंचनामा कार्यवाही के दौरान घटना स्थल से अधिक से अधिक साक्ष्यों को एकत्रित करना चाहिये क्योंकि जो तथ्य छूट जाते है, उन्हे बाद में जोडने एवं अलग करने में काफी कठिनाई होती है एवं न्यायालय मे विचारण के दौरान एैसे तथ्यों का उतना अधिक महत्व नहीं रह जाता है। अतः भले ही वह महत्वहीन समझ मे आ रहा हो घटना स्थल के आसपास मिले साक्षयों को एकत्रित करें, एवं सुरक्षित रखें।

आपने पॉवर प्वाइंट प्रेजेन्टेशन के माध्यम से कई घटित हुई घटनाओं को उदाहरण के तौर पर प्रस्तुत किया, एवं बताया कि उक्त घटित हुई घटनाओं मे अपराधी को किसी प्रकार घटना स्थल पर मिले भौतिक साक्ष्यों के आधार पर पकडा गया,  साइंटिफिक इन्वेस्टिगेशन के दौरान घटना स्थल पर मिले भौतिक साक्ष्यों, का किसी भी घटित हुये अपराध की पतासाजी में महत्वपूर्ण योगदान रहता है। विज्ञान, की सभी विधाये न्याय के लिये संगत होती है, सर्वप्रथम घटना स्थल को सुरक्षित करना चाहिये क्योकि घटना स्थल वो जगह है जहॉ सब कुछ मिलता है।

घटना स्थल की स्कैचिंग एवं फोटोग्राफी अवश्य करायें, क्योंकि एक सामान्य नजर से देखने पर  कोई एैसा भौतिक साक्ष्य छूट सकता है जो महत्वपूर्ण हो लेकिन कैमरे की नजर से नहीं बच सकता, घटना स्थल क्या कह रहा है, भौतिक साक्ष्य क्या कह रहे है, बारीकी से अध्ययन करते हुये एक दूसरे को जोड़ते हुये अपराधी तक पहुचंने का प्रयास करें, आपको निश्चित ही सफलता मिलेगी। आपने किस प्रकार वैज्ञानिक तरीके से अनुसंधान किया जाये एवं उसमें किन तथ्यों का समावेश किया जाये के सम्बंध में विस्तार से जानकारी दी एवं उपस्थित अधिकारियो के प्रश्नों का समाधान किया। 

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