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Wednesday, August 29, 2018

पीएम मोदी की हत्या की साजिश में पांच माओवादी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार, छह राज्यों में छापे

पीएम मोदी की हत्या की साजिश में पांच गिरफ्तार, छह राज्यों में छापे
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश के सिलसिले में पुणे पुलिस ने मंगलवार को देश के छह राज्यों में छापे मारकर पांच माओवादी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है। ये गिरफ्तारियां इसी वर्ष जून में गिरफ्तार किए जा चुके पांच माओवादियों से पूछताछ के आधार पर की गई हैं। इन सभी पर प्रतिबंधित माओवादी संगठन व नक्सलियों से रिश्ते का आरोप है।
उधर, माकपा ने एक बयान जारी कर कहा है कि गिरफ्तारियों की निंदा की है। पार्टी ने कहा कि महाराष्ट्र पुलिस और केंद्रीय एजेंसियां अनुसूचित जाति एवं जनजाति कार्यकर्ता और वकीलों को भीमा कोरेगांव मामले में दलितों का केस लड़ने की वजह से निशाना बना रहीं हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयपाल रेड्डी ने भी गिरफ्तारी की कड़े शब्दों में निंदा की है। कई मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने भी महाराष्ट्र पुलिस की कार्रवाई का विरोध किया है।
महाराष्ट्र पुलिस ने मंगलवार को मुंबई और ठाणे के साथ-साथ फरीदाबाद, रांची, गोवा और हैदराबाद में भी छापे मारे। इस छापेमारी में हैदराबाद से वामपंथी रुझान वाले कवि वरवर राव, फरीदाबाद से एडवोकेट सुधा भारद्वाज, दिल्ली से गौतम नवलखा, मुंबई से वर्णन गोंजाल्विस और ठाणे से एडवोकेट अरुण परेरा को गिरफ्तार किया है।
गोवा में लेखक एवं प्रोफेसर आनंद तेलतुंबड़े के घर पर उनकी अनुपस्थिति में छापा मारकर उनके कंप्यूटर एवं पेन ड्राइव की छानबीन की गई।
रांची में वामपंथी बुद्धिजीवी स्टैन स्वामी के घर की तलाशी ली गई। हैदराबाद में वरवर राव सहित उनसे संबंधित करीब आधा दर्जन लोगों के घरों पर छापे मारे गए। ठाणे से गिरफ्तार किए गए अरुण परेरा को एक बार 2014 में भी गिरफ्तार किया जा चुका है। उसका कार्यक्षेत्र नासिक और नागपुर बताया जाता है।
भीमा कोरेगांव हिंसा के बाद हुआ था पर्दाफाश-
इसी वर्ष एक जनवरी को पुणे भीमा कोरेगांव दंगे की पूर्व संध्या 31 दिसंबर को शनिवारवाड़ा के बाहर अजा-जजा कार्यकर्ताओं द्वारा यलगार परिषद का आयोजन किया गया था। इस परिषद के बाद महाराष्ट्र में तीन दिनों तक दंगों और बंद का सिलसिला चलता रहा था। इसी दौरान मुंबई और कल्याण से कई माओवादी कार्यकर्ता पकड़े गए थे। जिनसे पूछताछ में भीमा कोरेगांव दंगे में माओवादी साजिश का पता चला था।
इन धाराओं में केस दर्ज-
सभी आरोपियों के खिलाफ भादंवि की धारा-153ए, 505 (1) बी, 117, 120बी, 13, 16, 18, 20, 38, 39, 40 और गैर कानूनी गतिविधि निवारक कानून।
पहले ये हुए थे गिरफ्तार-
भीमा कोरेगांव हिंसा की जांच के दौरान पुणे पुलिस ने इसी साल जून में पांच लोगों को गिरफ्तार किया था। इन पर प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) से संबंध रखने का आरोप है। तब सुधीर धवले, वकील सुरेंद्र गाडलिंग, कार्यकर्ता महेश राउत, शोमा सेन और रोना विल्सन को मुंबई, नागपुर और दिल्ली से गिरफ्तार किया था।
एम-4 राइफल व आठ करोड़ की जरूरत बताई-
दिल्ली में रोना विल्सन के घर से मिले पत्र में एम-4 राइफल और गोलियां खरीदने के लिए आठ करोड़ रुपए की जरूरत की बात भी लिखी मिली।
कौन कहां से गिरफ्तार और क्या है आरोप-
1. वरवर राव : हैदराबाद से गिरफ्तार राव कवि, वामपंथी विचारक और
एक्टिविस्ट हैं। नक्सलियों से जुड़े होने का आरोप है। इन्हीं आरोपों में उन्हें 1973 से 1975 के दौरान जेल हुई थी
2. सुधा भारद्वाज : दिल्ली से गिरफ्तार नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर सुधा भारद्वाज 38 साल से छत्तीसगढ़ में सक्रिय हैं। उनके लैपटॉप, फोन, पेन ड्राइव जब्त किए गए हैं। वह वकील, यूनियन नेता हैं। आठवें दशक में छत्तीसगढ़ के श्रमिक नेता शंकर गुहा नियोगी के साथ सक्रिय रहीं।
3. गौतम नवलखा : मानव अधिकार कार्यकर्ता व पत्रकार गौतम नवलखा को भी दिल्ली से पुलिस ने हिरासत में लिया है। उन पर भी नक्सलियों से जुड़े होने के आरोप लगते आए हैं।
4. आनंद तेलतुमडे : गोवा के प्रो. आनंद तेलतुमडे अजा-जजा आंदोलन से जुड़े रहे हैं। नक्सलियों से जुड़े होने के आरोप लगते रहे हैं।
250 ईमेल से मिले सुराग-
पुलिस को करीब 250 ईमेल की छानबीन के बाद कई अहम सुराग मिले थे। इसी आधार पर पांच राच्यों में मंगलवार को छापेमारी की गई।
रांची में फादर स्टैन स्वामी के घर से 33 वस्तुएं जब्त-
महाराष्ट्र पुलिस ने झारखंड की राजधानी रांची के नामकुम क्षेत्र के एटीसी, बगीचा टोली में फादर स्टैन स्वामी के घर घंटों तलाशी ली। वहां से 33 वस्तुएं जब्त की गईं। इनमें लैपटॉप, मोबाइल, दर्जनों सीडी, कैमरा तथा कई दस्तावेज जब्त किए हैं। फादर स्टेन स्वामी पर झारखंड के खूंटी थाने में 26 जुलाई, 2018 को आईटी एक्ट में एक केस दर्ज किया गया है।
नवलखा की ट्रांजिट रिमांड पर रोक-
दिल्ली हाई कोर्ट ने गौतम नवलखा की ट्रांजिट रिमांड पर रोक लगा दी। हाईकोर्ट की पीठ ने कहा कि मामले में बुधवार को सुनवाई होने तक गौतम नवलखा को उनके आवास पर पुलिसकर्मियों की सुरक्षा में नजरबंद रखा जाए। उनके वकील वरीशा फरासत ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की है। महाराष्ट्र पुलिस के पास गौतम नवलखा को 30 अगस्त तक ट्रांजिट रिमांड पर रखने का आदेश था।

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