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Tuesday, October 30, 2018

मैं हिंदूवादी नहीं, बल्कि राष्ट्रवादी नेता हूं : राहुल गांधी

मैं हिंदूवादी नहीं, बल्कि राष्ट्रवादी नेता हूं : राहुल गांधी
TOC NEWS @ http://tocnews.org/
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अपने मध्य प्रदेश दौरे के दूसरे दिन मंगलवार को अलग अंदाज में नजर आए. धार में एक जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल ने बातों-बातों में कई बार पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी पर निशाना साधा. कभी 'अच्छे दिन' के नारे को लेकर, कभी 'फैंसी ड्रेस हिंदूवाद' के आरोप पर पलटवार करते हुए, तो कभी चिप्स के पैकेट को लेकर. राहुल पूरी तरह 'अटैकिंग मोड' में नजर आए.

हम कहते हैं कि 'चौकीदार' तो जनता कहती है 'चोर'

धार में राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चुनाव के दौरान दिए गए नारे को लेकर हमला बोला.उन्होंने कहा कि चार साल पहले नारा था 'अच्छे दिन आएंगे', मगर अब नारा हो गया है 'चौकीदार चोर है'.
राहुल ने कहा, "चार साल पहले मोदी कहते थे कि 'अच्छे दिन' तो जनता कहती थी 'आएंगे', मगर चार साल में हालत बदल गए हैं. हम कहते हैं कि 'चौकीदार' तो जनता कहती है 'चोर है'. यह उनके कारनामों की वजह से हुआ है."
राहुल गांधी ने जनता के बीच आवाज लगाई 'चौकीदार', तो जनता के बीच से आवाज आई 'चोर है'. इसे लगातार कई बार राहुल ने दोहराया. साथ ही कहा कि अब देखिए यह हाल हो गया है.
उन्होंने आगे कहा, "प्रधानमंत्री मोदी खुद को जनता का चौकीदार बताते हैं, मगर वह देश के गरीबों की नहीं, बल्कि अनिल अंबानी, मेहुल चोकसी, नीरव मोदी, विजय माल्या की चौकीदारी कर रहे हैं. यही वजह है कि हजारों करोड़ रुपये लेकर ये उद्योगपति देश से भाग गए हैं."

'चिप्स के पैकेट में कितना आलू?'

किसानों की समस्याओं का जिक्र करते हुए राहुल ने चिप्स के पैकेट का उदाहरण दिया और उससे आलू की खेती करने वाले किसानों को मिलने वाली कीमत के बारे में बताया. राहुल ने कहा:
-राहुल गांधी "आप चिप्स का पैकेट उठाइए. आलू का क्या दाम है आजकल? 5 रुपए. चिप्स का पैकेट कितने का बिकता है? उसमें कितना आलू होता है? आधा आलू होता है. उस चिप्स के पैकेट में से किसान को कितना रुपया मिलता है? 50 पैसे, उससे भी कम."

'मैं हिंदूवादी नेता नहीं, बल्कि राष्ट्रवादी नेता हूं'

इससे पहले राहुल ने बीजेपी की ओर से उनके ऊपर लगाए गए 'फैंसी ड्रेस हिंदूवाद' के आरोपों का जवाब देते हुए खुद को 'राष्ट्रवादी नेता' बताया. इंदौर में चुनिंदा संपादकों और पत्रकारों से हुई अनौपचारिक बातचीत में उन्होंने कहा, ''जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह किसी मंदिर में दर्शन के वक्त उस देवस्थान की परंपरा के मुताबिक कपड़े पहनते हैं, तो बीजेपी इस पर खामोश रहती है. लेकिन जब मैं, कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया किसी मंदिर में वहां की परंपरा के मुताबिक कपड़े पहनते हैं, तो कहा जाता है कि हम फैंसी ड्रेस हिंदूवाद का प्रदर्शन कर रहे हैं."

राहुल ने तल्ख लहजे में कहा:

''क्या देश के मंदिर बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की संपत्ति हैं? क्या वहां जाने का ठेका केवल मोदी और शाह के पास है? मेरा किसी भी मंदिर में भगवान के दर्शन का मन करेगा, तो मैं वहां जरूर जाऊंगा. मुझे मंदिर जाने के लिये बीजेपी से सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं है. मैं हिन्दू धर्म को बीजेपी से बेहतर समझता हूं.''
इसके साथ ही राहुल ने कहा, ''मैं हिंदूवादी नेता नहीं, बल्कि राष्ट्रवादी नेता हूं. मैं हर धर्म, हर जाति, हर भाषा और हर वर्ग का नेता हूं.''
बता दें कि राहुल ने मध्य प्रदेश में 28 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मालवा-निमाड़ अंचल में कांग्रेस के दो दिवसीय प्रचार अभियान की शुरुआत सोमवार को उज्जैन में महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन-पूजन के साथ की थी.
चुनावी दौर में राहुल के अलग-अलग मंदिरों में पारम्परिक वेश-भूषा में दिखायी देने पर बीजेपी ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस अध्यक्ष हिन्दुओं की आंखों में धूल झोंकने के लिये 'फैंसी ड्रेस हिंदूवाद' का प्रदर्शन कर रहे हैं.

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