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Saturday, December 1, 2018

रेप' पीड़िता बयान से पलटने पर, कोर्ट ने कहा- वापस करो मुआवजे की रकम

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रेप' पीड़िता को बयान से पलटना भारी पड़ा, कोर्ट ने दी ऐसी सजा, पुलिस ने भी केस दर्ज करवा दिया

TOC NEWS @ www.tocnews.org

मुंबई। देश में ऐसा पहली बार ही हुआ होगा कि किसी कथित रेप पीड़िता को दिए गए मुआवाजे की रकम वापस करनी पड़ी हो. मामला मुंबई का है. यहां की एक विशेष अदालत ने सोमवार को अपने एक फैसले में कथित रेप पीड़िता को दिए गए 2 लाख रुपये के मुआवजे की रकम वापस करने के आदेश दिए हैं.

दरअसल, अप्रैल 2015 में मुंबई में रहने वाली एक नाबलिग लड़की के माता-पिता ने मुंबई पुलिस से उनकी बेटी के अपहरण की शिकायत दर्ज करवाई थी. इस शिकायत के बाद जब पुलिस ने जांच शुरू की, तो नाबालिग लड़की ने अपने साथ रेप किए जाने की बात पुलिस को बताई. आरोप 24 वर्षीय पड़ोसी लड़के पर लगा, जिसके लिए उसे जेल भी जाना पड़ा.

लड़की ने आरोप लगाया कि लड़के ने उसके साथ रेप किया. जिसके बाद पुलिस ने लड़के को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. उसके बाद रेप पीड़िता को महाराष्ट्र सरकार की स्कीम 'मनोधैर्य' के तहत 2 लाख रुपये की मदद राशि दी गई थी. लेकिन, जब मामला कोर्ट पहुंचा और केस की सुनवाई अपने आखिरी दौर में आई, तब लड़की कोर्ट में अपने बयान से पलट गई.

लड़की ने बताया कि उसका रेप नहीं हुआ है और जब यह घटना हुई थी तब वह नाबालिग भी नहीं थी. वह अपनी मर्जी से ही लड़के के साथ गई थी. इसके साथ ही लड़की ने कोर्ट को बताया कि साल 2017 में उसकी आरोपी लड़के के साथ शादी भी हो चुकी है, जिससे एक बच्चा भी है.

इसके पहले लड़की ने पुलिस में एफआईआर दर्ज करवा कर बयान दिया था कि लड़के ने शादी का झांसा देकर जबरन कई बार शारीरिक संबंध बनाये थे, लेकिन जब लड़के के माता-पिता ने लड़की को ना पसंद कर दिया, तो लड़के ने भी शादी से मना कर दिया था. लड़की के बयान बदल देने के बाद पुलिस ने लड़की के खिलाफ कोर्ट में पुलिस को गुमराह करने का केस कर दिया, लेकिन कोर्ट ने इस मामले में रहम दिखते हुए लड़की के खिलाफ कोई सज़ा का फैसला नहीं सुनाया.

कोर्ट ने लड़की को सरकार की तरफ से दी गई आर्थिक मदद वापस करने को कहा. कोर्ट ने इसके लिए लड़की को 6 महीने की मोहलत दी है. मामले में सरकारी वकील गीता शर्मा ने बताया, 'लड़की ने जब अपना बयान बदला, तो पुलिस ने उसके खिलाफ केस दर्ज करवा दिया था, लेकिन कोर्ट ने लड़की की पारिवारिक स्थित देखते हुए उसे सजा नहीं दी है. सिर्फ 'मनोधैर्य' स्कीम के जरिये मिली रकम को वापस करने के आदेश दिए हैं. '

मनोधैर्य' महारष्ट्र सरकार की स्कीम है, जिसमें रेप पीड़िताओं और एसिड अटैक विक्टिम को आर्थिक सहायता दी जाती है.

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