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Thursday, February 21, 2019

भ्रष्ट कृषि उपसंचालक को चार साल के सश्रम कारावास और अर्थदण्ड... यह है पूरी कहानी

रिश्वत मांगने वाला रिश्वतखोर सागर के कृषि उपसंचालक नामदेव हेडाउ 

सागर। लंबित भुगतान करने के एवज में साढ़े चार लाख रुपए की रिश्वत मांगने वाले भोपाल निवासी सागर के कृषि उपसंचालक नामदेव हेडाउ को विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम रामबिलास गुप्ता ने चार साल के सश्रम कारावास और 30 हजार रुपए अर्थदण्ड से दंडित किया है। 
जिला लोक अभियोजन के मीडिया प्रभारी ब्रजेश दीक्षित ने बताया कि उत्कृष्ट बीज उत्पादक सहकारी समिति मर्यादित ककरी बेरखेड़ी के प्रबंधक कामता पटेल ने लोकायुक्त सागर में शिकायत की थी कि भोपाल निवासी उपसंचालक कृषि सागर आरोपी नामदेव पिता विष्णु जी हेडाउ ने समिति के 27 लाख रुपए के लंबित भुगतान करने के एवज में उससे चार लाख पचास हजार रुपए रिश्वत देने की मांग की है।
लोकायुक्त पुलिस ने कामता को 2 लाख रुपए देकर 10 मई 2016 को आरोपी के पास भेजा। जैसे ही आरोपी ने रिश्वत के पैसे लिए लोकायुक्त टीम ने छापा मार कर आरोपी हेडाउ को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने चालान कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने गवाहों के बयान और साक्ष्यों के आधार पर आरोपी को दोषी माना। कोर्ट ने आरोपी को अलग-अलग धाराओं में 4-4 साल के सश्रम कारावास और 15-15 हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया है। 
कृषि विभाग के डिप्टी डायरेक्टर नामदेव हेडाऊ (NAMDEV HEDAU DEPUTY DIRECTOR DEPARTMENT OF AGRICULTURE MP) को लोकायुक्त पुलिस ने 2 लाख रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था... यह है पूरी कहानी 
सागर कृषि विभाग के डिप्टी डायरेक्टर नामदेव हेडाऊ (NAMDEV HEDAU DEPUTY DIRECTOR DEPARTMENT OF AGRICULTURE MP) को लोकायुक्त पुलिस ने 2 लाख रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया। हेडाऊ ने यह रकम एक बीज वितरण समिति प्रबंधक से 27 लाख रुपए के पेमेंट और लाइसेंस रिन्युअल के नाम पर मांगी थी। समिति प्रबंधक का यह पेमेेंट वर्ष 2013 से अटका था। लोकायुक्त पुलिस के डीएसपी नवल यादव ने बताया कि हेडाऊ 4 लाख रुपए की रिश्वत मांग रहा था।

जिसमें से पहली किस्त के रूप में शिकायतकर्ता समिति प्रबंधक कामताप्रसाद पटेल ने उन्हें 2 लाख रु. मंगलवार की शाम 6 बजे दिए। रिश्वत की रकम लेते ही लोकायुक्त टीम ने उसे पकड़ लिया था।  पटेल ने बताया कि 250 रु. प्रति क्विंटल के हिसाब से हेडाऊ ने 4.50 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। बाद में 4 लाख रु. पर तय हो गया। कामता प्रसाद के अनुसार मैंने एकबारगी डिप्टी डायरेक्टर हेडाऊ से कहा कि समिति रकम नहीं देना चाहती। आप को बिना कमीशन के भुगतान करना होगा। उन्होंने जवाब दिया कि कमीशन ताे देना ही होगा। वरना तुम भविष्य में यह काम नहीं कर पाओगे। समिति की बीज बिक्री का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा।

टेबल पर से जब्त की लोकायुक्त अमले ने रकम
इस बड़ी रिश्वतखोरी को लेकर सभंवत: हेडाऊ पहले से अलर्ट था। इसलिए जैसे ही पटेल ने हजार-हजार नोट के दो बंडल लिफाफे में बंद कर उसे दिए तो उसने हाथ में नहीं लिए। पटेल से लिफाफा टेबल पर रखवाया। इसके बाद पटेल ने बाहर जाकर लोकायुक्त पुलिस को इशारा कर दिया। टीम जैसे ही भीतर आई तो उन्हें लिफाफा अपनी जगह पर रखा मिला। हेडाऊ ने सफाई देते हुए कहा कि मुझे समिति प्रबंधक ने झूठा फंसा दिया। उनका कोई पेमेेंट बाकी नहीं है। लाइसेंस भी तीन दिन पहले जारी हो चुका है।

तुमसे तो 250 रुपए क्विंटल ही मांग रहा हूं
शिकायतकर्ता पटेल के अनुसार मेरी समिति का नाम उत्कृष्ट बीज समिति ककरी बेरखेड़ी देवरी है। जिसके 2900 क्विंटल गेहूं के बीज का भुगतान वर्ष 2013 से अटका था। मैंने इस बारे में डिप्टी डायरेक्टर से बात की तो उन्होंने जवाब दिया कि बजट नहीं है। जब बजट आया तो उन्होंने कहा कि बड़ी मुश्किल से बजट मिला है। बाकी समितियों से 500 रुपए क्विंटल कमीशन लिया है। तुमसे तो 250 रुपए क्विंटल ही मांग रहा हूं।

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