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Friday, April 19, 2019

मायावती और मुलायम सिंह 24 साल बाद एक साथ आए, बसपा सुप्रीमो ने नरेंद्र मोदी को नकली ओबीसी बताया

मैनपुरी के क्रिश्चियन मैदान  मायावती और मुलायम सिंह के लिए इमेज परिणाम
मायावती और मुलायम सिंह 24 साल बाद एक साथ आए
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समाजवादी पार्टी (सपा) के संरक्षक मुलायम सिंह यादव और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती करीब 24 साल के बाद आज एक ही मंच पर दिखाई दिए. आज ये दोनों नेता ‘महागठबंधन’ की एक चुनावी रैली में शामिल हुए थे.
उत्तर प्रदेश में मैनपुरी के क्रिश्चियन मैदान पर आयोजित इस रैली में मायावती और मुलायम सिंह यादव ने अपना संबोधन भी दिया.  खबरों के मुताबिक इस मौके पर मुलायम सिंह यादव ने इस रैली में शामिल होने के लिए मायावती का आभार जताया. साथ ही सपा कार्यकर्ताओं को मायावती का सम्मान करने की नसीहत भी दी. उन्होंने कहा, ‘यह मेरा आखिरी चुनाव है. मैनपुरी की जनता हमेशा मुझे जिताती रही है. मुझे इस बार भी जिता देना. लेकिन इस बार की जीत का अंतर पिछले चुनावों के मुकाबले ज्यादा होना चाहिए.’
सपा संरक्षक ने आज हुई रैली में संक्षिप्त भाषण ही दिया. इस दौरान उन पर उम्र का असर भी साफ दिखाई पड़ रहा था. मुलायम सिंह यादव के बाद मायावती ने भी रैली में आए लोगों को संबोधित किया.  बसपा अध्यक्ष ने मुलायम सिंह यादव की तारीफ करते हुए लोगों से उनका समर्थन करने की अपील की. साथ ही कहा, ‘मुलायम जी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह नकली पिछड़े नहीं हैं. मोदी ने खुद को पिछड़ा बताकर फायदा उठाया है और पिछड़े वर्ग का हक मारा है.’ उन्होंने आगे कहा, ‘मुलायम ही पिछड़े वर्ग के असली नेता हैं.’
इस मौके पर मायावती के मुंह से ‘गेस्ट हाउस कांड’ का दर्द भी छलका. उन्होंने कहा कि कभी न भूली जाने वाली उस घटना के बावजूद दोनों दल एक साथ चुनाव लड़ रहे हैं.  वहीं सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने भाषण में इस चुनाव को देश के भविष्य के साथ जुड़ा हुआ बताया. उन्होंने कहा कि देश को एक नए प्रधानमंत्री की जरूरत है. केंद्र में नया प्रधानमंत्री बनने से ही नए भारत का निर्माण होगा.
इसके साथ ही उन्होंने नोटबंदी और वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) जैसे फैसलों को लेकर सरकार की आलोचना भी की.  उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा एक साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं. उनके गठबंधन में राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) भी शामिल है. आज की रैली में आरएलडी के प्रमुख चौधरी अजीत सिंह को भी शामिल होना था लेकिन वे यहां नहीं पहुंचे.

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